ग्रेटर नोएडा में लागू होगा लेटेस्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम, इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर बनेगा
ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में जल्द आधुनिक ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लागू होगा जो यातायात सुरक्षा में 'तीसरी आंख' के तौर पर कार्य करेगा। इस रिपोर्ट में जानें परियोजना की खास बातें...
ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में जल्द आधुनिक ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लागू होगा। यह ग्रेटर नोएडा के यातायात प्रबंधन और सुरक्षा में ‘तीसरी आंख’ के तौर पर कार्य करेगा। करीब 227.60 करोड़ रुपये से यहां ग्रेटर नोएडा के 357 स्थानों पर हाई क्वॉलिटी सीसीटीवी सर्विलांस कैमरे लगेंगे। इससे पूरे क्षेत्र में के चप्पे-चप्पे की निगरानी हो सकेगी। इस परियोजना में एक व्यापक यातायात प्रबंधन प्रणाली, वीडियो निगरानी, आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली व सार्वजनिक सूचना प्रणाली विकसित होगी। इंटीग्रेटेड कमांड व कंट्रोल सेंटर (आईसीसी) भी बनेगा।
12 महीने में आईएसटीएमएस प्रणाली लागू
इंटीग्रेटेड एंड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम का उद्देश्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों और यातायात प्रबंधकों को नागरिकों, संपत्तियों, यातायात प्रवाह और यातायात भीड़/घटनाओं के बारे में वास्तविक समय और पूर्वानुमानित जानकारी प्रदान करना है। वीडियो निगरानी कैमरों, स्मार्ट ट्रैफिक सिग्नल नियंत्रण, गतिशीलता में आसानी, आपातकालीन सेवाओं का प्रबंधन, डेटा एनालिटिक्स, रूटिंग और डिस्पैचिंग सेवाएं, सार्वजनिक सूचना प्रणाली आदि को प्रक्रिया के जरिए सुनिश्चित किया जाएगा। यातायात प्रबंधन प्रणाली में कनेक्टिविटी, हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकियों के पारिस्थितिकी तंत्र के उचित कामकाज के लिए सभी आवश्यक घटक होंगे। नोएडा व गाजियाबाद में पहले से ही इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट प्रणाली को लागू किया जा चुका है।
परियोजना की खास बातें
- वीडियो सर्विलांस कैमरों की सेफ सिटी इनीशिएटिव के तौर पर स्थापना व इसकी मॉनिटरिंग का डैशबोर्ड
- ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन सिस्टम (एएनपीआर)
- रेड लाइट वॉयलेशन डिटेक्शन (आरएलवीडी) सिस्टम
- व्हीकल व ट्रैफिक डिटेक्शन सिस्टम (वीटीडीएस)
- ट्रैफिक वॉयलेशन डिटेक्शन सिस्टम (टीवीडीएस)
- एआई बेस्ड वीडियो एनालिटिक्स (एआईवीए)
- पब्लिक एड्रेस सिस्टम (पीएएस)
- इमर्जेंसी कॉल बॉक्स (ईसीबी) सिस्टम
- ई-चालान सिस्टम
- पिंक बूथ की मॉनिटरिंग
- इंटीग्रेटेड कमांड व कंट्रोल सेंटर युक्त डाटा सेंटर
- पब्लिक इन्फॉर्मेशन सिस्टम (पीआईएस) तथा वेब व मोबाइल एप्लिकेशन बेस्ड कंटेंट
- इमर्जेंसी रिस्पॉन्स सिस्टम (ईआरएस-डायल 112) के साथ इंटीग्रेशन
- ग्रेटर नोएडा के एप्स के साथ इंटीग्रेशन
- सोशल मीडिया हैंडल्स के साथ इंटीग्रेशन
- पब्लिक एंड व्हीकल ट्रांसपोर्ट प्रायोरिटी सिस्टम व फास्ट इमर्जेंसी व्हीकल प्रीम्पशन सिस्टम
अपराध नियंत्रण का बनेगा माध्यम
मुख्यमंत्री योगी की जीरो टॉलरेंस नीति को आगे बढ़ाते हुए, परियोजना के तहत इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट के जरिए रियल टाइम टाइम ट्रैफिक मॉनिटरिंग की जाएगी, जिससे अपराध नियंत्रण में मदद मिलेगी। प्रणाली के लागू होने से ट्रैवल टाइम में कमी लाने में मदद मिलेगी। जिससे भीड़भाड़ में कमी, यात्रा समय में कमी, ईंधन की खपत व कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने में मदद मिलेगी। कार्यदक्षता में बढ़ोत्तरी, कस्टमर सर्विस में इजाफा, रियल टाइम इनफॉर्मेशन एक्सेस, यूजर फ्रेंडली इंटरफेस तथा इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम (आईटीएस) को लागू करने का माध्यम बनेगा।