ड्राइवर-सिक्योरिटी गार्ड को बनाया डायरेक्टर, बैंकों को ऐसे लगाया चूना; क्वालिटी लिमिटेड की 442 करोड़ संपत्ति अटैच
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने प्रमुख डेयरी कंपनी क्वालिटी लिमिटेड के पूर्व प्रमोटर्स के खिलाफ कथित बैंक लोन धोखाधड़ी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 442.85 करोड़ रुपये की कई अचल संपत्तियों को अटैच किया है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने प्रमुख डेयरी कंपनी क्वालिटी लिमिटेड के पूर्व प्रमोटर्स के खिलाफ कथित बैंक लोन धोखाधड़ी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 442.85 करोड़ रुपये की कई अचल संपत्तियों को अटैच किया है। इन संपत्तियों में डीएलएफ छतरपुर में 12,000 वर्ग गज का एक फार्महाउस, वसंत विहार और पंजाबी बाग में आवासीय संपत्तियां और करनाल और मोहाली में कई आवासीय भूखंड शामिल हैं।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, ईडी प्रवक्ता ने कहा, 'अटैच की गई सभी संपत्तियां डमी कंपनियों के जरिए क्वालिटी लिमिटेड के तत्कालीन प्रमोटर सिद्धांत गुप्ता और संजय ढींगरा के स्वामित्व में थीं। इन प्रमोटर्स के ड्राइवर और सिक्योरिटी गार्ड ऐसी कंपनियों में डायरेक्टर थे। ईडी ने बैंकों को धोखा देने के लिए मेसर्स क्वालिटी लिमिटेड के सिद्धांत गुप्ता और संजय ढींगरा के खिलाफ सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की। क्वालिटी लिमिटेड, दूध, आइसक्रीम और विभिन्न डेयरी उत्पादों के प्रोसेसिंग और ट्रेडिंग में लगी हुई थी।'
ईडी प्रवक्ता के अनुसार, एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि क्वालिटी लिमिटेड ने अपने पूर्व निदेशकों के जरिए बिक्री, खरीद, देनदारों और लेनदारों के बारे में गलत जानकारी देकर अकाउंट बुक्स में जालसाजी और धांधली की। इनकी मदद से कई बैंकों के साथ धोखाधड़ी की। प्रवक्ता ने कहा, 'एफआईआर के अनुसार, बैंक धोखाधड़ी 1400.62 करोड़ रुपये की है। ईडी जांच से पता चला है कि तत्कालीन प्रमोटर्स/निदेशकों ने अधिक बिक्री और देनदारियों को दिखाने के लिए बैंक बुक्स में हेराफेरी की।'
सर्च के दौरान एजेंसी को कई लग्जरी कारें भी मिलीं। ईडी प्रवक्ता ने बताया, 'तलाशी के दौरान बेनामी और डमी कंपनियों के नाम पर खरीदी गई पोर्श, मर्सिडीज, बीएमडब्ल्यू जैसी महंगी लग्जरी कारें भी मिलीं, जिनकी परचेज वैल्यू करीब चार करोड़ रुपये थी। इन्हें भी जब्त कर लिया गया है। इसके अलावा करीब 2.5 करोड़ रुपये के निवेश मूल्य वाले डीमैट खातों को भी फ्रीज कर दिया गया।'