कृपालु महाराज की बेटियों संग भयानक हादसा, कैंटर चालक की झपकी जान पर पड़ी भारी
यमुना एक्सप्रेसवे पर ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में रविवार तड़के जगद्गुरु कृपालु महाराज की बेटियों की दो कारों पर एक कैंटर ओवरटेक करते समय अनियंत्रित होकर पलट गया। इससे आगे की कार में सवार कृपालु महाराज की बड़ी बेटी डॉ. विशाखा त्रिपाठी की मौत हो गई।
यमुना एक्सप्रेसवे पर ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में रविवार तड़के जगद्गुरु कृपालु महाराज की बेटियों की दो कारों पर एक कैंटर ओवरटेक करते समय अनियंत्रित होकर पलट गया। इससे आगे की कार में सवार कृपालु महाराज की बड़ी बेटी डॉ. विशाखा त्रिपाठी की मौत हो गई। वहीं ,पीछे की कार में मौजूद दो बेटियां और दो महिला सेवादार और दोनों चालक सहित कुल 7 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी लोग फ्लाइट पकड़ने के लिए शनिवार देर रात दिल्ली के लिए निकले थे। कैंटर चालक को झपकी आने को हादसे का अहम कारण माना जा रहा है। पुलिस ने कैंटर के नंबर के आधार पर चालक की तलाश शुरू कर दी है।
कुंडा के भक्तिधाम मनगढ़ के संस्थापक जगद्गुरु कृपालु महाराज की तीनों बेटियां भक्ति धाम कृपालु परिषद की अध्यक्ष 72 वर्षीय डॉ. विशाखा त्रिपाठी, 68 वर्षीय डॉ. कृष्णा त्रिपाठी और 66 वर्षीय डॉ. श्यामा त्रिपाठी शनिवार देर रात कार से दिल्ली के लिए निकली थीं। आगे की कार में डॉ. विशाखा त्रिपाठी बैठी थीं। कार 47 वर्षीय संजय कुमार चला रहे थे। डॉ. श्यामा और डॉ. कृष्णा की कार 48 वर्षीय सत्संगी दीपक कुमार चला रहे थे। यमुना एक्सप्रेसवे पर दनकौर क्षेत्र में रविवार तड़के करीब 3 बजे ओवरटेक कर रहा कैंटर साथ चल रही दोनों कारों पर पलट गया।
पुलिस के अनुसार, संभवत: चालक को झपकी आने से कैंटर अनियंत्रित हो गया था। इसके बाद कैंटर दोनों कारों पर पलट गया। घटना के बाद कैंटर चालक भाग गया। कैंटर में पानी और शराब की खाली बोतलें थीं, जो फिरोजाबाद से हरियाणा के करनाल जा रही थीं। पुलिस ने कैंटर को कब्जे में लेकर आरोपी चालक की तलाश शुरू कर दी है।
कई बिंदुओं पर जांच जारी
तहरीर न मिलने के कारण इस घटना में अब तक कोई मुकदमा दायर नहीं हुआ है। वहीं, पुलिस हादसे के अलावा अन्य बिंदुओं पर भी जांच कर रही है। डॉ. विशाखा के पास भक्ति धाम की जिम्मेदारी थी, घटना को लेकर अनुयायियों में दुख के साथ आक्रोश भी है। ऐसे में हादसे से लेकर अन्य सभी बिंदुओं को जांच में शामिल किया रहा है। हालांकि, पुलिस फिलहाल साजिश के तहत घटना को अंजाम देने की बात से इनकार कर रही है।
एसीपी अरविंद कुमार ने कहा, ''यमुना एक्सप्रेसवे पर कैंटर के चालक की लापरवाही से ही हादसा हुआ। मामले में अलग-अलग एंगल से जांच की जा रही है।''
हादसे के बाद आश्रम में शोक की लहर
कृपालु महाराज की बड़ी बेटी विशाखा त्रिपाठी की सड़क दुर्घटना में मृत्यु की खबर लगने पर आश्रम परिसर में शोक की लहर दौड़ गई। अनुयायियों की आंखें नम हो गईं। छोटी दो बहनों श्यामा और कृष्णा के स्वस्थ होने की प्रार्थना की। कृपालु महाराज के बाद विशाखा ही परिषद की ओर से संचालित कार्यों को देखती थीं। कृपालु महाराज की सबसे बड़ी बेटी विशाखा त्रिपाठी ने पिता को ही गुरु माना और अविवाहित रहकर राधा नाम के मिशन को आगे बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाई। बड़ी बहन को देखते हुए मझली बेटी श्यामा देवी और उनसे छोटी कृष्णा त्रिपाठी ने भी विवाह न करने का फैसला लेकर देश के साथ अमेरिका, कनाडा आदि देशों में नाम जप कार्यक्रम को गति दी।
वृंदावन, रमणरेती स्थित जगदगुरु कृपालु आश्रम से मिली जानकारी के अनुसार, विशाखा त्रिपाठी को लड़कियों की शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और परोपकारी कार्यों के लिए 2013 में मदर टेरेसा उत्कृष्टता और राजीव गांधी वैश्विक उत्कृष्टता पुरस्कार, 2014 में नेल्सन मंडेला शांति पुरस्कार, 2016 में शीर्ष 50 भारतीय आइकॉन पुरस्कार मिला। वर्ष 2014 में कोलम्बो में द ओपन इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी फॉर कॉम्पलिमेंट्री मेडिसिन्स के 52वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में साहित्य में डॉक्टरेट की मानद उपाधि मिली।
यमुना तट पर 28 नवंबर को अंतिम संस्कार होगा
वृंदावन स्थित प्रेम मंदिर के प्रवक्ता अजय त्रिपाठी ने बताया कि डॉ. विशाखा त्रिपाठी का पार्थिव शरीर 25 नवंबर को दोपहर 2 बजे तक वृंदावन आएगा। प्रेम मंदिर के पीछे आश्रम के सत्संग हॉल में अंतिम दर्शन के लिए दो दिन तक पार्थिव शरीर को रखा जाएगा। 28 नवंबर को यमुना तट पर केसी घाट के पास दाह संस्कार किया जाएगा।
बड़ी दीदी की याद में रोया भक्तिधाम
डॉ. विशाखा त्रिपाठी प्रतापगढ़ के कृपालु धाम मनगढ़ से लेकर प्रेम मंदिर वृंदावन तक बड़ी दीदी के नाम से जानी जाती थीं। बड़ी दीदी की हादसे में मौत की खबर मिलते ही भक्तिधाम मनगढ़ फूट-फूट कर रोया। कृपालु महाराज की तीन बेटियां डॉ. विशाखा त्रिपाठी, डॉ. श्यामा त्रिपाठी, डॉ. कृष्णा त्रिपाठी, दो बेटे घनश्याम और बालकृष्ण हैं। जगद्गुरु ने बड़ी बेटी डॉ. विशाखा त्रिपाठी को 2001 में कृपालु भक्ति परिषत का अध्यक्ष बना दिया था। उनके रहते सत्संगियों को कभी जगद्गुरु की कमी नहीं खली।
तीनों बहनें साधु-संत की सेवा कर दिल्ली निकली थीं
कृपालु महाराज की तीनों बेटियां विशाखा, श्यामा और कृष्णा बरसाना में शनिवार को साधु-संतों और निराश्रित महिलाओं का भंडारा करने के बाद दिल्ली के लिए निकली थीं। भंडारे के दौरान उन्होंने करीब 20 हजार साधु-संतों, विधवाओं और निराश्रितों को भोजन कराकर दैनिक उपयोग की सामग्री भेंट की थी। इसके बाद तीनों बहनें दिल्ली के गोलोक धाम आश्रम जाने को निकली थीं। वहां से तीनों बहनों को सोमवार 25 नवंबर को सिंगापुर जाना था। दिल्ली से ही इनको सिंगापुर की फ्लाइट पकड़नी थी, लेकिन रविवार तड़के यह हादसा हो गया।