केजरीवाल ने 5 साल पहले भी लॉन्च की थी यही स्कीम, सिर्फ 5 को फायदा; RTI दिखा बोली BJP
दिल्ली भाजपा ने एक आरटीआई के जवाब का हवाला देते हुए हुए दावा किया है कि ‘डॉ. अंबेडकर सम्मान छात्रवृत्ति योजना’ एक पुरानी योजना थी। इसे 2020-21 में लॉन्च किया गया था और तब से अनुसूचित जाति के केवल पांच छात्रों को ही 5-5 लाख रुपये की स्कॉलरशिप मिली है।
भाजपा ने अंबेडकर छात्रवृत्ति योजना को नई बोतल में पुरानी शराब बताकर अरविंद केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी को घेरना शुरू कर दिया है। दिल्ली भाजपा ने एक आरटीआई के जवाब का हवाला देते हुए हुए दावा किया है कि ‘डॉ. अंबेडकर सम्मान छात्रवृत्ति योजना’ एक पुरानी योजना थी। इसे 2020-21 में लॉन्च किया गया था और तब से अनुसूचित जाति के केवल पांच छात्रों को ही 5-5 लाख रुपये की स्कॉलरशिप मिली है।
दरअसल, ‘आप’ के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में विधानसभा चुनावों से पहले दिल्ली के दलित छात्रों की विदेश में मुफ्त पढ़ाई के लिए अंबेडकर छात्रवृत्ति की घोषणा की है। केजरीवाल ने कहा कि डॉ. अंबेडकर सम्मान छात्रवृत्ति योजना भाजपा द्वारा अंबेडकर के ‘अपमान’ का जवाब है।
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने इसे ‘नई बोतल में पुरानी शराब का क्लासिक मामला’ बताते हुए आरोप लगाया कि केजरीवाल एक “राजनीतिक मौसम वैज्ञानिक हैं जो मौजूदा राजनीतिक माहौल को ध्यान में रखते हुए पुरानी योजनाओं को नए सिरे से तैयार करने में माहिर हैं।”
सचदेवा ने आरोप लगाया, ''अरविंद केजरीवाल ने 2020 के चुनावों से पहले एससी छात्रों के लिए उच्च शिक्षा छात्रवृत्ति के लिए इसी तरह की योजना की घोषणा की थी। वह योजना स्थिर बनी हुई है। उन्होंने अब इसे एक नए नाम के साथ फिर से पेश किया है।''
प्रचार पर करीब 5 करोड़ रुपये खर्च किए
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा, "केजरीवाल को यह बताना चाहिए कि आज तक केवल 25 लाख रुपये की छात्रवृत्ति ही क्यों बांटी गई हैं, जबकि सरकार ने 2020-21 में इसके प्रचार पर करीब 5 करोड़ रुपये खर्च किए थे।"
वहीं, दिल्ली भाजपा नेता हरीश खुराना ने इस साल अगस्त में मिले एक आरटीआई के जवाब का हवाला देते हुए कहा कि 2020-21, 2021-22 और 2022-23 वित्तीय वर्षों में एक-एक छात्रवृत्ति प्रदान की गई, जबकि 2023-24 में यह संख्या बढ़कर दो हो गई।
खुराना ने कहा, ''दिसंबर 2021 में प्रकाशित कमजोर वर्गों के लिए लागू की जा रही कल्याणकारी योजनाओं पर दिल्ली सरकार की अपनी रिपोर्ट के अनुसार, चार साल के पीएचडी कोर्स के लिए 20 लाख रुपये की छात्रवृत्ति तय की गई थी, जबकि दो साल के मास्टर कोर्स के लिए 10 लाख रुपये तय किए गए थे। आवेदक को हर साल 5 लाख रुपये मिलेंगे। सरकार ने पात्रता मानदंड भी तय किए, जिनका उल्लेख रिपोर्ट में किया गया है, लेकिन सरकार चार साल में केवल 25 लाख रुपये ही वितरित कर सकी।''
केजरीवाल मुफ्त चीजों से वोटर्स को लुभाने को बेताब : देवेंद्र यादव
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा कि केजरीवाल मुफ्त चीजों से वोटर्स को लुभाने को बेताब हो रहे हैं और डॉ. अंबेडकर छात्रवृत्ति योजना का उनका हालिया वादा इसी तरह का एक हथकंडा है। यादव ने आरोप लगाया, ''केजरीवाल ने सत्ता में आने के लिए दलितों के वोट पाने के बाद इन सभी वर्षों में उनकी पूरी तरह उपेक्षा की है। उनका दलित विरोधी रवैया 2014 में तब उजागर हुआ जब ‘आप’ सरकार ने एससी, एसटी और ओबीसी छात्रों के लिए राज्य छात्रवृत्ति की संख्या में 75,000 से अधिक की कटौती की थी।''
उन्होंने आरोप लगाया, ''भ्रष्टाचार और अधूरे वादों के उनके लंबे ट्रैक रिकॉर्ड के मद्देनजर दिल्ली के वोटर अब केजरीवाल को संदेह और अविश्वास की नजर से देखते हैं।''