ईमानदारी का सर्टिफिकेट मांगने केजरीवाल लगाने जा रहे एक और 'जनता की अदालत', जानिए कब व कहां?
- पिछले महीने लगाई 'जनता की अदालत' में अरविंद केजरीवाल ने आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रिटायरमेंट और जांच एजेंसियों के दुरुपयोग से जुड़े कुछ सवाल पूछे थे।
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल 6 अक्टूबर को छत्रसाल स्टेडियम में 'जनता की अदालत' आयोजित करेंगे। इससे पहले उन्होंने 22 सितंबर को जंतर-मंतर पर 'जनता की अदालत' लगाई थी। इस बात की जानकारी आम आदमी पार्टी द्वारा दी गई।
पिछले महीने लगाई 'जनता की अदालत' में अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी और केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए उनसे जुड़े विभिन्न मुद्दों पर आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) प्रमुख मोहन भागवत से कुछ सवाल पूछे थे। उन्होंने सवाल उठाया था कि क्या संघ परिवार केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर राजनीतिक दलों को तोड़ने, विपक्षी दलों की सरकारें गिराने और भ्रष्ट नेताओं को अपने पाले में करने की भाजपा की राजनीति से सहमत है?
केजरीवाल ने भागवत से यह भी पूछा कि 75 वर्ष की आयु में लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे भाजपा नेताओं पर लागू होने वाला सेवानिवृत्ति का नियम क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भी लागू होता है?
केजरीवाल ने एक अन्य सवाल में भागवत से पूछा कि जब भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा ने कहा कि उनकी पार्टी को अपने वैचारिक मार्गदर्शक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की जरूरत नहीं है, तो उन्हें कैसा लगा? भागवत को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि हर भारतीय के मन में यह सवाल हैं और मुझे उम्मीद है कि आप इन पर विचार करेंगे और जवाब देंगे।
दिल्ली शराब घोटाला मामले में 5 महीने से अधिक समय तक जेल में रहने के बाद 13 सितंबर को तिहाड़ जेल से जमानत पर रिहा हुए केजरीवाल ने पहली 'जनता की अदालत' में कहा था कि वह देश की सेवा के लिए राजनीति में आए हैं, न कि किसी सत्ता या पद के लालच में।
पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा था कि उन्होंने अपने खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों से आहत होकर इस्तीफा दिया है। उनके मुताबिक पिछले 10 वर्षों में उन्होंने पैसा नहीं, बल्कि केवल सम्मान कमाया है।