अगर केजरीवाल ने प्रोसेस फॉलो किया होता तो… 15 अगस्त वाले विवाद पर कैलाश गहलोत ने तोड़ी चुप्पी
जब अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले में जेल में बंद थे तो सवाल था कि उनकी गैर मौजूदगी में 15 अग्सत पर झंडा कौन फहराएगा। केजरीवाल ने इसके लिए आतिशी को चुना था। हालांकि उपराज्यपाल ने आतिशी के बजाय कैलाश गहलोत को मौका दिया।
आम आदमी पार्टी से इस्तीफा देने और बीजेपी में शामिल होने के बाद कैलाश गहलोत हर मुद्दे पर खुलकर बात करते नजर रहे हैं। इसी कड़ी में जब उनसे दिल्ली में 15 अगस्त पर झंडा फहराने वाले विवाद पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि जेल से लेटर लिखने का एक प्रोटोकॉल है। अगर प्रोसेस सही तरीके से फॉलो किया गया होता तो लेटर एलजी तक बिल्कुल पहुंचता।
दरअसल जब अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले में जेल में बंद थे तो सवाल था कि उनकी गैर मौजूदगी में 15 अग्सत पर झंडा कौन फहराएगा। केजरीवाल ने इसके लिए आतिशी को चुना था। उन्होंने जेल से एक लेटर भी लिखा था। हालांकि उपराज्यपाल ने केजरीवाल के इस आदेश पर रोक लगा दी और उनकी जगह कैलाश गहलोत को झंडा फहराने के लिए चुना। बाद में कैलाश गहलोत ने उपराज्यपाल के फैसले का पालन करते हुए झंडा फहराया।
इस मामले पर अब जब कैलाश गहलोत से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, मुझे अरविंद केजरीवाल के लेटर की जानकारी नहीं है। जेल में लेटर लिखने का एक प्रोटोकॉल है। होम मिनिस्टर होने के नाते मैंने यह प्रोटोकॉल करीब से देखा है। अगर वह प्रोसेस फॉलो किया गया होता तो चिट्ठी एलजी तक जरूर पहुंचती। उन्होंने आगे कहा, ऐसा नहीं है कि वह लेटर आप खुद भेज सकते हैं। यह लेटर जेल प्रशासन ही भेज सकता है। जेल मंत्री के तौर पर मेरे पास ऐसी कोई चिट्ठी नहीं आई थी।
स्वाति मालीवाल वाले मामले पर क्या बोले कैलाश गहलोत
इसके अलावा कैलाश गहलोत स्वाति मालीवाल की सीएम आवास में कथित तौर पर पिटाई वाले मामले पर भी बात की। एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, मुझे व्यक्तिगत तौर पर जानकारी नहीं है कि वहां क्या हुआ लेकिन अगर ऐसी कोई भी खबर आती है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है। कहीं भी इस तरह का कुछ भी होना गलत है, खासकर एक महिला और वह भी एक सांसद के साथ। सार्वजनिक जीवन में इस तरह के विवाद कभी भी सही नहीं होते। बता दें, स्वाति मालीवाल ने अरविंद केजरीवाल के पीए बिभव पर सीएम आवास में उनके साथ मारपीट करने का आरोप लगाया था। इसके बाद बिभव को गिफ्तार भी कर लिया गया था। हालांकि वह अब बेल पर बाहर हैं।