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JNU Elections Result : प्रेसिडेंट समेत टॉप-3 पदों पर 'लाल' ने फिर दिखाया कमाल, ABVP की बड़ी वापसी

जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन (जेएनयूएसयू) चुनाव 2024-25 में लेफ्ट गठबंधन ने प्रेसिडेंट समेत टॉप के 4 में से 3 पदों पर जीत हासिल कर अपना दबदबा कायम रखा है। वहीं, एबीवीपी ने भी इस बार बड़ी बढ़त हासिल की है। 25 अप्रैल को हुए चुनावों में लगभग 70 फीसदी वोटिंग हुई थी।

Praveen Sharma लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्ली। एएनआईMon, 28 April 2025 05:55 AM
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JNU Elections Result : प्रेसिडेंट समेत टॉप-3 पदों पर 'लाल' ने फिर दिखाया कमाल, ABVP की बड़ी वापसी

जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन (जेएनयूएसयू) चुनाव 2024-25 में लेफ्ट गठबंधन ने प्रेसिडेंट समेत टॉप के 4 में से 3 पदों पर जीत हासिल कर अपना दबदबा कायम रखा है। वहीं, एबीवीपी ने भी इस बार बड़ी बढ़त हासिल की है। प्रेसिडेंट, वाइस प्रेसिडेंट और जनरल सेक्रेटरी के पद लेफ्ट दलों के हिस्से में आए हैं, जबकि जॉइंट सेक्रेटरी पद पर एबीवीपी ने जीत दर्ज की है। 25 अप्रैल को हुए चुनावों में लगभग 70 फीसदी वोटिंग हुई थी।

नीतीश कुमार (आइसा) प्रेसिडेंट चुने गए, मनीषा (डीएसएफ) ने वाइस प्रेसिडेंट पद जीता और मुन्तेहा फातिमा (डीएसएफ) ने जनरल सेक्रेटरी का पद हासिल किया। हालांकि, एबीवीपी की तरफ से वैभव मीणा ने जॉइंस सेक्रेटरी पद जीतकर एक दशक से चले आ रहे सूखे को खत्म किया।

वोटों की काउंटिंग के दिन अधिकांश समय एबीवीपी के उम्मीदवार चारों केंद्रीय पैनल पदों पर आगे रहे, जो जेएनयू में पारंपरिक वामपंथी डोमिनेंस के लिए एक मजबूत चुनौती को दर्शाता है।

हालांंकि, बाद में प्रेसिडेंट, वाइस प्रेसिडेंट और जनरल सेक्रेटरी के पदों पर उसे हार का सामना करना पड़ा, लेकिन हार का अंतर बहुत कम था, जो कैंपस में एक बड़े बदलाव का संकेत है।

कैंपस हिंसा के कारण देरी के बाद 25 अप्रैल को हुए चुनावों में लगभग 70 फीसदी छात्रों ने उत्साहपूर्वक वोट डाले थे। लगभग 5,500 छात्रों ने अपने वोट डाले, इस चार-कोणीय मुकाबले में आइसा-डीएसएफ, एबीवीपी और एनएसयूआई-फ्रेटरनिटी गठबंधन के बीच जीत के लिए होड़ लगी रही।

काउंसलर्स के चुनावों में एबीवीपी ने 42 में से 23 सीटें जीतकर इतिहास रच दिया। 1999 के बाद से यह एबीवीपी का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग में जीत दर्ज की और स्कूल ऑफ सोशल साइंसेज, इंटरनेशनल स्टडीज और संस्कृत और इंडिक स्टडीज में उल्लेखनीय बढ़त हासिल की।

एबीवीपी के इस प्रदर्शन ने कैंपस की राजनीति में नई ऊर्जा का संचार किया है। नेताओं और समर्थकों ने नतीजों को 'टर्निंग पॉइंट' बताया, जिसमें केंद्रीय पैनल में मजबूत प्रदर्शन और स्कूल और केंद्र स्तर पर विस्तार की ओर इशारा किया गया।

जीत के बाद नवनिर्वाचित छात्र नेताओं ने छात्रों के हित और अधिकारों के लिए अपनी काम जारी रखने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। नवनिर्वाचित प्रेसिडेंट नीतीश कुमार ने छात्रों को आश्वस्त करते हुए कहा, "हम छात्रों और उनके कल्याण के लिए काम करेंगे। हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर छात्र की आवाज सुनी जाए और उसका सम्मान किया जाए।"

वाइस प्रेसिडेंट मनीषा ने जीत का श्रेय यूनिवर्सिटी को देते हुए कहा, "इस जीत का श्रेय यूनिवर्सिटी को जाता है। जेएनयू लाल था और लाल ही रहेगा। हमने हमेशा छात्रों के लिए काम किया और उनकी आवाज उठाई, और हम भविष्य में भी यह काम करते रहेंगे।"

जनरल सेक्रेटरी पद पर जीते मुन्तेहा फातिमा ने कहा, "हम छात्रों के अधिकारों के लिए लड़ते रहेंगे, जैसा कि हमने हमेशा किया है।"

जॉइंट सेक्रेटरी चुने गए वैभव मीणा ने अपनी जीत के महत्व पर विचार करते हुए कहा, "हमने एक दशक के बाद यह जीत हासिल की है और एबीवीपी अगले चुनाव में सभी चार सीटें जीतेगी। यह जीत आगे की सफलताओं के लिए एक कदम है।"

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