नहीं पता था इतना लंबा होगा कारावास, सच हुई केजरीवाल की बात; जेल जाने पर छलका सत्येंद्र जैन का दर्द
दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, जिन्हें 19 महीने बाद 18 अक्टूबर को जेल से रिहा किया गया, ने अपने अनुभव, साथी कैदियों से मालिश करवाने को लेकर उपजा विवाद, आम आदमी पार्टी (आप) में अपनी भूमिका आदि पर हिंदुस्तान टाइम्स से बात की।
दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, जिन्हें 19 महीने बाद 18 अक्टूबर को जेल से रिहा किया गया, ने अपने अनुभव, साथी कैदियों से मालिश करवाने को लेकर उपजा विवाद, आम आदमी पार्टी (आप) में अपनी भूमिका और अगले साल होने वाले दिल्ली चुनावों में पार्टी की संभावनाओं के बारे में हिंदुस्तान टाइम्स से बात की। उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने कथित तौर पर चार कंपनियों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है। उन्हें मई 2022 में गिरफ्तार किया था।
सच हुई केजरीवाल की बात
जैन से जब पूछा गया कि आम आदमी पार्टी से गिरफ्तार होने वाले आप पहले नेता थे। क्या आपको ऐसी अपेक्षा थी? इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा, 'यह बहुत ही अप्रत्याशित था। अरविंद केजरीवाल कहा करते थे कि आप के साथ काम करने वालों को जेल जाना पड़ सकता है, लेकिन हमें लगा कि वह हमें प्रेरित करने के लिए ऐसा कह रहे हैं। मुझे नहीं पता था कि यह (कारावास) इतना लंबा होगा... मामला अगस्त 2017 में दर्ज किया गया था और पिछले सात सालों में वे जांच पूरी नहीं कर पाए हैं।'
मैं बहुत दर्द में था
जेल से आपके कुछ वीडियो सामने आए, जिससे विवाद खड़ा हो गया। भाजपा ने आरोप लगाया कि आप दूसरे अंडरट्रायल (विचाराधीन) कैदियों से मालिश करवा रहे थे और जेल में आपके पास नौकर थे। इसपर आप नेता ने कहा, 'कोई नौकर नहीं था। जेल में रहते हुए मेरी दो बार सर्जरी हुई और डॉक्टरों ने मुझे सख्ती से बेड रेस्ट करने को कहा। मैं फर्श पर झाड़ू लगाने या कोई और काम करने में असमर्थ था। एक युवा विचाराधीन कैदी स्वेच्छा से मेरी कोठरी के बाहर की जगह साफ करता था। उसने कहा कि वह युवा है और खुद को स्वस्थ रखने के लिए काम करना चाहता है। उसने कहा कि मैं उसके लिए पिता समान हूं और वह मेरी कोठरी साफ करना चाहता है... उन्होंने (बीजेपी नेताओं) ने गलत तरीके से इसे बड़ा मुद्दा बना दिया।'
जेल अधिकारियों ने अरेंज किया था फिजियोथेरेपिस्ट
मालिश के (वीडियो) के बारे में आप क्या कहेंगे? इसके जवाब में सत्येंद्र जैन ने कहा, 'मैं (सर्जरी के बाद) बहुत दर्द में था, और डॉक्टरों ने मुझे रोजाना फिजियोथेरेपी करवाने की सलाह दी थी। लेकिन फिजियोथेरेपिस्ट हफ्ते में केवल एक दिन ही उपलब्ध था। उन्होंने (जेल अधिकारियों) ने फिजियोथेरेपी के बारे में कुछ जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति की व्यवस्था की। इस व्यक्ति ने मुझे फिजियोथेरेपी दी, जिससे मुझे कुछ राहत मिली। मुझे फिजियोथेरेपी प्रदान करना जेल प्रशासन का कर्तव्य था।'