दिल्ली में गलत तरीके से मलवा डंप करने पर लगा भारी जुर्माना, MCD ने वसूले 95 करोड़
एमसीडी ने अक्टूबर माह में कचरा डंप करने में नियमों का उल्लंघन करने वालों पर 95.35 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। इसकी जानकारी एमसीडी ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) को दी है।
एमसीडी ने अक्टूबर माह में कचरा डंप करने में नियमों का उल्लंघन करने वालों पर 95.35 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। ये जुर्माना अवैध तरीके से निर्माण करने और तोड़फोड़ करने से निकले मलवे को डंप करने में नियमों को ना मानने वालों पर लगाया गया है। इसकी जानकारी एमसीडी ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) को दी है। आपको बता दें कि एनजीटी ने राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण को रोकने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में संबंधित अधिकारियों से नियमित जवाब मांगा है।
22 नवंबर की अपनी स्थिति रिपोर्ट में एमसीडी ने कहा कि वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। इनमें 1295 अधिकारियों के साथ 372 निगरानी दल बनाना शामिल है। ताकि बायोमास को खुले में जलाने पर रोक लगाई जा सके और शीतकालीन कार्य योजना के तहत अवैध निर्माण और टूट-फूट से निकले मलवे को फेंके जाने से रोका जा सके।
नियमों को ना मानने वालों पर जुर्माना लगाने के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि अक्टूबर में उल्लंघनकर्ताओं पर 96.35 लाख रुपये के लिए ऐसी जगहों पर 398 चालान लगाए गए। इनमें से 4.2 लाख रुपये वसूले गए। इसमें कहा गया है कि अक्टूबर में खुले में जलाने के लिए कोई चालान जारी नहीं किया गया। एमसीडी ने विभिन्न वार्डों में सीएंडडी कचरे या मलबे के डंपिंग के लिए 106 साइटों को नामित किया है। इनमें से 55 सीएंडडी स्थानीय डंपिंग साइटों को बैरिकेडिंग/पानी के छिड़काव के माध्यम से सुधारा जा रहा है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि दिल्ली में हर रोज लगभग 6000 टन सीएंडडी कचरा उत्पन्न होता है। इसमें से 5000 टीपीडी को बक्करवाला, रानीखेड़ा (1000 टीपीडी), शास्त्री पार्क और जहांगीर पुरी या बुराड़ी में स्थित सुविधाओं में प्रोसेस किया जाता है। रिपोर्ट के अनुसार एमसीडी 311 मोबाइल एप्लिकेशन ने निवासियों को कचरा मुद्दों, सीएंडडी कचरे, वायु प्रदूषण और अन्य सामान्य मुद्दों के बारे में शिकायत दर्ज करने में मदद की।