सीवर जाम, गंदगी के साथ जलभराव के मुद्दे पर प्रत्याशियों को घेर रहे मतदाता
गुरुग्राम में नगर निगम चुनाव के दौरान जलभराव एक बड़ा मुद्दा बन गया है। मतदाता प्रत्याशियों से इस समस्या के समाधान की योजनाएं पूछ रहे हैं। पिछले एक दशक में जल निकासी के लिए एक हजार करोड़ रुपये खर्च किए...
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गुरुग्राम, कार्यालय संवाददाता। साइबर सिटी में सड़क, पेयजल, सफाई के साथ जलभराव भी नगर निगम चुनाव में बड़ा मुद्दा है। निगम चुनाव प्रचार के लिए पहुंच रहे प्रत्याशियों से मतदाता इस समस्या के समाधान की योजनाएं पूछ रहे हैं। मतदाताओं का आरोप है कि मानसून सीजन के लगभग ढाई महीने तक शहर के लोग जलभराव की आफत को झेलते हैं। पिछले एक दशक में विभागों ने शहर के ड्रेनेज सिस्टम पर एक हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च कर दिए, लेकिन हल्की वर्षा में ही सड़कें जलमग्न हो जाती हैं। घरों में पानी घुस जाता है। शहर में 112 से ज्यादा ऐसे स्थान हैं, जो जलभराव की दृष्टि से संवेदनशील हैं। विभागों ने जलभराव की आफत को रोकने के लिए योजना तो बनाई, लेकिन काम पूरा नहीं होने के कारण अभी भी जल निकासी पंपों और अस्थायी मशीनरी के भरोसे हैं। यही कारण है कि जुलाई से 15 सितंबर तक होने वाली वर्षा के दौरान शहर जलमग्न हो जाता है और लोग भी वाहनों के साथ इसमें फंस जाते हैं।
बता दें कि 29 जुलाई 2016 को भी दिल्ली-जयपुरी हाईवे पर हीरो होंडा चौक क्षेत्र में जलभराव होने से हाईवे पर महाजाम लग गया था। तब वाहनों के पहिए 21 घंटे तक के लिए थम गए थे। इसके बाद भी हालात सुधरे नहीं है। समय पर न तो नालों की सफाई होती है और न ही मरम्मत कार्य शुरू होता है। अब निगम चुनाव में इस मुद्दे को लेकर शहर के मतदाता विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों को घेर रहे हैं। हर कोई इस समस्या के समाधान की बात प्रत्याशियों से पूछ रहे हैं।
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- पंप हो जाता है फेल, डूब जाता है हाईवे
शहर के जागरुक मतदाता राज सैनी बिसरवाल ने बताया कि दिल्ली-जयपुर हाईवे पर नरसिंहपुर में जलभराव होने से हीरो होंडा चौक से खेड़कीदौला टोल प्लाजा तक दस किलोमीटर लंबा ट्रैफिक जाम लगता है। यहां पर हाईवे और सर्विस लेन पर कई फुट जलभराव होने से गाड़ियां भी डूबकर खराब हो जाती हैं। हाईवे पर आवाजाही पूरी तरह से प्रभावित होती है। दस -दस घंटे तक भी कई बार ट्रैफिक बाधित होता है। एनएचएआइ, जीएमडीए और नगर निगम नरसिंहपुर में पंप लगाकर पानी की निकासी करते हैं, लेकिन समस्या का स्थायी समाधान नहीं हुआ है।
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- मानसून में इन क्षेत्रों में आता है सैलाब
शहर में बसई रोड, पटौदी रोड तेज वर्षा में पूरी तरह डूब जाते हैं। इन सड़कों पर जलनिकासी के उचित प्रबंध नहीं हैं। इसके अलावा शीतला माता रोड, सुशांत लोक क्षेत्र, डीएलएफ, गोल्फ कोर्स रोड एक्सटेंशन, उद्योग विहार, पुराना दिल्ली रोड, सेक्टर दस ए,न्यू कालोनी, कृष्णा कालोनी, मदनपुरी, सेक्टर चार-सात, प्रताप नगर, पटेल नगर, चार आठ मरला, अर्जुन नगर, लक्ष्मण विहार, राजेंद्रा पार्क, सेक्टर 14, 36, 37,46, 82, 83, 84 और सेक्टर 85 की सड़कों पर जलभराव होता है। यहां का ड्रेनेज सिस्टम मुख्य लाइनों से कनेक्ट नहीं है। सेक्टर 15 पार्ट टू, व्यापार केंद्र रोड, सुभाष चौक, एसपीआर, राजीव चौक, वाटिका चौक सहित इनके अंडरपास में भी जलभराव होने से वाहनों की आवाजाही प्रभावित होती है।
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लोगों की प्रतिक्रिया
1.
- मानसून सीजन में सुशांत लोक दो के डी, ई और एफ और सुशांत लोक तीन के ब्लाक ए और डी में भारी जलभराव होता है। हालात यह है कि लोगों का फर्नीचर और अन्य सामान भी पानी में डूब जाता है। इसको लेकर निगम अधिकारियों को कई पत्र लिख चुके हैं, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ है।
पवन यादव, अध्यक्ष आरडब्ल्यूए सुशांत लोक दो और तीन
2.
नए और पुराने गुरुग्राम में मानसून के दिनों में बाढ़ जैसी स्थिति हो जाती है। अगर विभाग जनवरी में ही जलनिकासी के इंतजामों की तैयारी शुरू कर दे तो इस समस्या का हल हो सकता है। वर्षा के दिनों में सड़कों पर गाड़ियां और यहां तक कि घरों में भी लोग सुरक्षित नहीं हैं।
- लोकेश आहूजा, सेक्टर-7 एक्सटेंशन निवासी
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