शवों की अंत्येष्टि के लिए श्मशान घाट में घंटों करना पड़ रहा इंतजार
मिलेनियम सिटी में कोरोना संक्रमण प्रतिदिन दर्जनों लोगों को अपना शिकार बना रहा है।...
मिलेनियम सिटी में कोरोना संक्रमण प्रतिदिन दर्जनों लोगों को अपना शिकार बना रहा है। नतीजतन दाह संस्कार के लिए निगम के आरक्षित श्मशान घाट में अत्यधिक संख्या में शवों के पहुंचने के कारण हर तरफ व्यवस्था चरमराने लगी है। कोरोना मृतकों के रात-दिन लगातार शव पहुंचने से दाह संस्कार के लिए मृतकों के परिजनों को दो से तीन घंटे की मशक्कत करनी पड़ रही है।
मदनपुरी श्मशान घाट में दाह संस्कार के लिए मृतकों के परिजनों को दो-तीन घंटे इंतजार करने पड़ रहे हैं। खासकर सीएनजी शवदाह गृह में शव के संस्कार के लिए लंबी कतार लगने लगी है। निगम प्रशासन शवों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर अस्पतालों को एक साथ शव न भेजकर अलग-अलग समय मे भेजने की अपील कर रही है।
यहां शव लेकर पहुंचने वाले लोगों को कतार में रखने के अलावा निगम प्रशासन के पास कोई चारा नहीं है। दरअसल इस श्मशान भूमि में सीएनजी शवदाहगृह में से दो शवदाह हो रहा है। मगर शवों के बढ़ने के बाद लकड़ी से जलाया जाता है।
सेक्टर-32 में तीन घंटे इंतजार करना पड़ता
सेक्ट-32 के मोक्ष धाम में एक शवों के दाह संस्कार करने में ढाई से तीन घंटे का समय लगता है, इसके बाद सीएनजी नहीं लकड़ी पर जलाए जाते हैं। अस्थियां हटाने व सफाई करने में आधे घण्टे का समय लगता है। इस प्रकिया के पूरा होने के बाद दूसरे शव को दाह के लिए शवदाहगृह में डाला जाता है। अब ज्यादातर शव इसी शवदाह गृह में जलाने के लाए जा रहे हैं। इस कारण ज्यादा समय लग रहा है और शवों को कतार में रखा जा रहा है।
निगम सिर्फ खानापूर्ति
श्मशाम घाट समिति के मेंबर राजू शर्मा ने कहा कि निगम सिर्फ खानापूर्ति करता है। जिस तरह से कोरोना संक्रमित शव की संख्या बढ़ रहा है। इसको लेकर कोई अलग से इंतजाम नहीं किया जाता है। जिससे आम लोगों का परेशानी होती है। यहां पर दो से तीन घंटे लोगों का इंतजार करना पड़ता है। सेनिटाइजेशन तक नहीं किए जाते हैं।
सात घंटे अंतिम संस्कार में लगे
सामाजिक कार्यकर्ता सुमन सिंह के अनुसार कि मंगलवार को एक परिचित का निधन हुआ। उनका शव वहां पौने 11 बजे तक पहुंच गया, लेकिन दाह संस्कार पौने छह बजे के करीब हुआ। जिम्मेदारों से अनुरोध है कि यहां की व्यवस्था सुधारी जाए।
छह श्मशान आरक्षित
कोविड-19 महामारी से मरने वाले व्यक्तियों के शवों को दफनाने या दाह-संस्कार के लिए शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा जारी आदेशों की पालना में नगर निगम गुरुग्राम द्वारा 3 श्मशान घाट तथा 3 कब्रिस्तान चिन्हित किए गए हैं। इनमें गांव सुखराली स्थित शमशान घाट, सेक्टर-32 मेडिसिटी के सामने स्थित शमशान घाट, मदनपुरी स्थित एलपीजी श्मशान घाट, बादशाहपुर-दरबारीपुर रोड स्थित मुस्लिम कब्रिस्तान, सेक्टर-58 के नजदीक स्थित क्रिचिश्यन कब्रिस्तान तथा सेक्टर-58 पावर हाउस स्थित मुस्लिम कब्रिस्तान शामिल हैं। इन सभी में अलग-अलग कर्मियों की डयूटी लगाई गई हैं। वरिष्ठ मेडिकल ऑफिसर डॉ आशीष सिंगला को इंचार्ज नियुक्त किया गया है। शमशान घाट और कब्रिस्तान में जिन कर्मचारियों की डयूटी लगाई गई है और वहां उपस्थित रहने वाले पंडित, मौलवी, पादरी आदि की सुरक्षा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उन्हें पीपीई किट भी उपलब्ध करवाए गए हैं।
निगम की तरफ से सभी श्मशाम घाटों पर समय-समय पर व्यव्स्थाएं जांची जा रही है। ताकि इससे यहां पर शवों की अंत्येष्टि के लिए आने वाले लोगों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो। अब शवों की संख्या बढ़ रही है, इससे अंतिम संस्कार करने में समय लग रहा है।
-डॉ.अशीष सिंगला, वरिष्ठ मेडिकल ऑफिसर
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