Hindi Newsएनसीआर न्यूज़गुड़गांवTragic Deaths of HDFC Bank Officials in Gurugram Family Blames Police and Municipal Negligence

अंडरपास से पहले बैरिकेडिंग होती तो बच सकती थी जान

गुरुग्राम के एचडीएफसी बैंक के प्रबंधक पुण्यश्रेय शर्मा और कैशियर विराज द्विवेदी की मौत के मामले में परिजनों ने पुलिस और नगर निगम पर लापरवाही का आरोप लगाया है। बारिश के बाद अंडरपास में पानी भर गया था,...

Newswrap हिन्दुस्तान, गुड़गांवSat, 14 Sep 2024 11:52 PM
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फरीदाबाद²/गुरुग्राम। गुरुग्राम के सेक्टर-31 स्थित एचडीएफसी बैंक के शाखा प्रबंधक सह उपाध्यक्ष पुण्यश्रेय शर्मा और कैशियर विराज द्विवेदी मौत मामले में परिजनों ने पुलिस, नगर निगम पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि अंडरपास से पहले पुलिस ने बैरिकेडिंग की होती तो दोनों की जान बच जाती। नगर निगम ने भी जल निकासी के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया। दूसरी ओर, दोनों की मौत से बैंक कर्मचारियों में गम का माहौल रहा। सहकर्मियों ने बताया कि दोनों काफी हंसमुख स्वभाव के थे। बीके अस्पताल के शवगृह के पास परिजनों ने बताया कि पुण्यश्रेय शर्मा लखनऊ विश्वविद्यालय से साल 2000 में एमबीए की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने कई निजी बैंक के उच्च पद पर कार्य किया। 2018 में वह एचडीएफसी बैंक में काम करना शुरू किया। वह पहले फरीदाबाद के एनआईटी पांच स्थित एचडीएफसी बैंक में शाखा प्रबंधक थे। इसके बाद उनका तबादला गुरुग्राम के सेक्टर-31 स्थित शाखा में किया गया। वहां शाखा प्रबंधक के साथ उपाध्यक्ष भी थे। साथ ही पहले एचडीएफसी बैंक कर्मचारी संघ के प्रधान भी रह चुके थे। शुक्रवार दिनभर बारिश हुई। ऐसे में पुण्यश्रेय शर्मा और विराज देर रात अपनी कार से फरीदाबाद के लिए निकले। वह गुरुग्राम से फरीदाबाद-गुरुग्राम मार्ग होते हुए फरीदाबाद के मेट्रो चौक पर पहले पहुंचे। वहां से वह नीलम रेलवे रोड होते हुए रेलवे अंडरपास के पास पहुंचे। आरोप है कि अंडरपास में पानी भरा होने के बावजूद पुलिस की कोई बैरिकेडिंग नहीं थी। साथ ही किसी प्रकार का सूचना पट भी नहीं लगा था। ऐसे में दोनों समझ नहीं पाए कि अंडरपास में ज्यादा पानी भरा होगा और वे कार लेकर आगे चल दिए। इसमें उनकी मौत हो गई।

डायल-112 की टीम ने नहीं की मदद

विराज के परिजनों ने बताया कि स्थानीय लोगों की सूचना पर पहुंची डायल-112 की टीम ने मदद नहीं की। अगर दोनों को समय रहते ढूढ़कर बाहर निकाल लिया जाता तो उनकी जान बच सकती थी। डायल-112 की टीम पानी में उतरने से कतराते रहे। ऐसे में विराज के शव को ढूंढ़ने में चार से पांच घंटे का समय लग गया।

पुलिस ने नहीं दी सूचना

परिजन ने बताया कि शुक्रवार को काफी बारिश हुई। ऐसे में विराज और पुण्यश्रेय शर्मा के गुरुग्राम से निकलते ही उन्हें चिंता होने लगी। वह दोनों को बार-बार मोबाइल फोन पर कॉल करके हालचाल ले रहे थे। रात करीब साढ़े 11 बजे दोनेां के मोबाइल फोन बंद हो गए। काफी कोशिश के बाद जब उनसे संपर्क नहीं हुआ तो गुरुग्राम से दोनों को ढूढ़ने फरीदाबाद आए। अंतिम बार कॉल पर पुण्यश्रेय शर्मा ने बताया था कि वह ओल्ड फरीदाबाद के रास्ते सेक्टर-86 के ओमेक्स हाईट्स स्थित अपने घर जाएंगे। ऐसे में वह शुक्रवार-शनिवार दरम्यानी रात करीब एक बजे ढूंढ़ते ओल्ड अंडर पास तक पहुंचे। वहां पुलिस की भीड़ लगी थी और बताया कि कार सवार एक व्यक्ति की मौत हो गई है। पुलिस कार को रस्सी के सहारे बाहर निकाला।

विराज को ढूंढ़ने की गुहार लगाई

परिजनों ने बताया कि वह ओल्ड फरीदाबाद रेलवे अंडर पास से नीलम-बाटा रोड स्थित एक निजी अस्पताल पहुंचे। वहां उन्होंने पुण्यश्रेय शर्मा का शव देखा। ऐसे में उन्हें विराज की चिंता सताने लगी। वह दोबारा ओल्ड अंडरपास पर पहुंचे। वहां पुलिस से विराज को ढूंढ़ने की गुहार पुलिस से लगाई।

देर से आई एसडीआरएफ की टीम

रात करीब एक बजे पुलिस ने सोनीपत स्थित आपदा प्रबंधन (एसडीआरएफ) की टीम को सूचना दी। वहां से करीब चार घंटे बाद शनिवार तड़के टीम पहुंची। इसके बाद एसडीआरएफ की टीम ने विराज को ढूढ़ना शुरू किया। कुछ ही देर की मशक्कत के बाद विराज के शव को भी ढूढ़ निकाला गया।

स्थानीय लोगों की जानकारी पर नहीं दिया ध्यान

परिजनों का आरोप है कि शोर सुनकर दौड़े स्थानीय लोगों ने पुलिस को बताया था कि कार में दो लोग सवार थे। बावजूद पुलिस ने ध्यान नहीं दिया और विराज को ढूढ़ने का प्रयास नहीं किया। परिजन का कहना है कि पुण्यश्रेय शर्मा कार से उतरने के बाद किसी तरह कम गहराई की ओर आ गए, ऐसे में स्थानीय लोगों ने उन्हें देख लिया। फिर पुलिस ने उन्हें बाहर निकाला। लेकिन लोगों की जानकारी के बावजूद पुलिस विराज को तुरंत ढूढ़ नहीं पाई।

निगम पर लगाया आरोप

परिजनों ने बताया कि जब नगर निमग को जानकारी है कि बारिश होने पर रेलवे अंडरपास में पानी भर जाता है तो फिर पानी की निकासी की व्यवस्था क्यों नहीं की। पानी भरने के दौरान पुलिस ने समुचित सुरक्षा व्यवस्था क्यों नहीं की। परिजनों का आरोप है कि नगर निगम और पुलिस की लापरवाही से पुण्यश्रेय शर्मा और विराज द्विवेदी की मौत हुई है।

दावा : रस्सी बांधी गई थी, लेकिन वह डूब गई

पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि ओल्ड फरीदाबाद रेलवे अंडर पास से चार रास्ते निकलते हैं। चोरों तरफ पुलिस बैरिकेडिंग कर पाली रस्सी भी बांधी थी। जिस ओर हादसा हुआ है जलभराव के कारण पीली रस्सी डूब गई थी। ऐसे में कार सवार को रस्सी नहीं दिखी और आगे निकल गए।

पुलिस ने रोकने का प्रयास किया

पुलिस प्रवक्ता यशपाल ने बताया कि ओल्ड अंडरपास के पास पुलिस मौजूद थी। कार सवार दोनों व्यक्ति को रोका गया, लेकिन दोनेां नहीं रुके। गाड़ी बड़ी होने की बात कहते हुए दोनों कार लेकर पानी में उतर गए। उन्हें डूबता देखकर पुलिस तुरंत बचाने का प्रयास किया। स्थानीय लोगों की मदद से पुण्यश्रेय शर्मा को बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया। ओल्ड अंडरपास के पास पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद थी।

करंट के डर से पुलिस जल्दी बचाने नहीं उतरी

अंडरपास में बारिश के पानी भरने से हुए हादसे में मौत के मामले में परिजन पुलिस पर देरी से तलाश करने का आरोप लगा रहे हैं। परिजनों का कहना है कि जब पुलिस मौके पर पहुंची तो वह इसलिए पानी में तत्काल नहीं उतरी क्योंकि उन्हें डर था कि उसमें करंट दौड़ रहा होगा। काफी देर बाद बिजली निगम को सूचना दी गई। बिजली विभाग के कर्मचारी आए और हाईमास्ट लाइट का बिजली कनेक्शन काटा। इसके बाद ही पुलिस ने पानी में उतरकर युवक की तलाश शुरू की।

दरअसल, अंडरपास के पास एक चौराहा है, जहां हाईमास्ट लाइट लगी है। इस लाइट के खंभे पर सीसीटीवी कैमरे भी लगे हुए हैं, जो चारों तरफ नजर रखते हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि हादसे के दौरान भी सीसीटीवी कैमरों से मदद नहीं ली गई, जबकि जलभराव और वाहनों की आवाजाही कैमरों में कैद हो रही होगी। लोगों का कहना है कि अगर सीसीटीवी कैमरे चालू थे तो घटना की सच्चाई आसानी से सामने आ सकती है। पुलिस की लापरवाही और करंट की आशंका के कारण युवक की तलाश में देरी हुई, जिससे हादसे की गंभीरता बढ़ गई।

वर्जन---

मृतकों के परिजनों ने अब तक किसी के खिलाफ शिकायत नहीं दी है। बावजूद पुलिस अपने स्तर से मामले की जांच कर रही है और यह जानने की कोशिश कर रही है कि किसकी लापरवाही से हादसा हुआ।

-कुलदीप सिंह, डीसीपी एनआईटी, फरीदाबाद।

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