Hindi Newsएनसीआर न्यूज़गुड़गांवTiger Rescued from Rewari Jungle After Two-Month Search Effort

ढाई महीने की मशक्कत के बाद पकड़ा गया बाघ

रेवाड़ी के गांव झाबुआ में भटकते हुए बाघ को रेस्क्यू टीम ने आखिरकार पकड़ लिया। बाघ पिछले ढाई महीने से झाबुआ और राजस्थान के जंगलों में घूम रहा था। रणथंभौर टाइगर रिजर्व से विशेष टीम की मदद से बाघ को...

Newswrap हिन्दुस्तान, गुड़गांवMon, 11 Nov 2024 11:32 PM
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रेवाड़ी। अलवर राजस्थान के सरिस्का से भटक कर रेवाड़ी के गांव झाबुआ स्थित जंगल में पहुंचे बाघ को आखिरकार रेस्क्यू टीम ने पकड़ लिया है। पिछले ढाई महीने से यह बाघ झाबुआ और राजस्थान के जंगलों में घूम रहा था और रेस्क्यू टीम लगातार इसे पकड़ने के लिए कोशिश कर रही थी। आखिरकार ऑपरेशन में सहायता के लिए रणथंभौर टाइगर रिजर्व से एक विशेष टीम को बुलाया गया और रविवार देर शाम बाघ को सफलतापूर्वक पकड़ लिया गया। उसे पिंजरे में डाल कर रेस्क्यू टीम वापस सरिस्का ले गई है। बाघ के पिंजरे में आने के बाद अधिकारियों व लोगों ने राहत की सांस ली है।

सरिस्का टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर सागरम सिंह, आईएफएस, सरिस्का टाइगर रिजर्व के डिप्टी फील्ड डायरेक्टर अभिमन्यु सहारन, आईएफएस और रेवाड़ी के डिवीजनल फॉरेस्ट ऑफिसर दीपक पाटिल, आईएफएस के मार्गदर्शन में चलाए गए बचाव अभियान के परिणामस्वरूप बाघ को सुरक्षित पकड़ लिया गया, जो पिछले ढाई महीने से रेवाड़ी के झाबुआ रिजर्व फॉरेस्ट में रह रहा था। यह बाघ सरिस्का में अपने मूल निवास स्थान से बहुत दूर घूम रहा था, झाबुआ क्षेत्र में प्रवेश करने के बाद से दोनों राज्य वन विभागों द्वारा सावधानीपूर्वक निगरानी की गई थी। ऑपरेशन में सहायता के लिए रणथंभौर टाइगर रिजर्व से एक विशेष टीम को बुलाया गया और देर शाम को बाघ को सफलतापूर्वक शांत किया गया। बाघ को वापस राजस्थान ले जाया गया और उसके प्राकृतिक आवास के भीतर एक उपयुक्त स्थान पर छोड़ा जाएगा।

हरियाणा और राजस्थान के वन विभाग के समन्वय से सफलता मिली

सरिस्का टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर सागरम सिंह ने कहा कि यह अभियान बाघ रेस्क्यू और स्थानीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए किया गया। यह प्रयास हरियाणा और राजस्थान वन विभागों के बीच समर्पण और समन्वय की भावना को दर्शाता है। हमारी टीम ने पिछले हफ्तों में इस ऑपरेशन की निगरानी और तैयारी के लिए अथक परिश्रम किया। सरिस्का टाइगर रिजर्व की टीम द्वारा प्रदर्शित त्वरित प्रतिक्रिया और विशेषज्ञता ने सुरक्षित बचाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इससे वन्यजीव संरक्षण प्रयासों में अंतर-राज्यीय सहयोग की प्रभावशीलता को रेखांकित किया।

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