Hindi NewsNcr NewsGurgaon NewsThousands of workers are migrating everyday in Millennium City

मिलेनियम सिटी में हर रोज हजारों श्रमिक पलायन कर रहे

कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच लॉकडाउन लगने की आशंका से घिरे प्रवासी मजदूरों का पलायन जारी हो गया है। मिलेनियम सिटी में मजदूर और दिहाड़ी काम करने...

Newswrap हिन्दुस्तान, गुड़गांवWed, 14 April 2021 11:20 PM
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मिलेनियम सिटी में हर रोज हजारों श्रमिक पलायन कर रहे

कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच लॉकडाउन लगने की आशंका से घिरे प्रवासी मजदूरों का पलायन जारी हो गया है। मिलेनियम सिटी में मजदूर और दिहाड़ी काम करने वाले श्रमिकों की वापसी अधिक हो रही है। उन्हें आशंका है कि कहीं अचानक से फिर से लॉकडाउन लग जाएगा तो फिर पिछली बार की तरह वे फंस जाएंगे। बुधवार को शहर के राजीव चौक, बस डिपो, सेक्टर-12, खांडसा से प्राईवेट बसों से प्रवासी श्रमिक परिवार के साथ जाते दिखाई दिये।

राजीव चौक से बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश जाने के लिए प्राईवेट बसों की जाती हैं। यहां से प्रदेशों के अलग-अलग जनपदों के मजदूर और नौकरीपेशा वर्ग के लोग थे। जनरल और शयनयान कोच में 50 से 60 यात्रियों से बात की गई। इसमें ऐसे 40 यात्री थे, जो बोरिया-बिस्तर बांधकर फिर से घर के लिए निकले थे।

श्रमिकों में पिछली बार का डर है

प्रवासी श्रमिक बोले डर है कि कहीं लॉकडाउन न लग जाए। पिछली बार लौटकर गए थे। कोरोना के बढ़ते से उद्योग धंधे ठप हैं। किसी तरह इधर-उधर करके गुजारा होता था। वहां से मजदूरों का पलायन हो रहा है। पैदल जाना होगा। पिछली बार तो जैसे-तैसे घर गये थे। ऐसे में तपती दोपहरी में वहां बिना काम कैसे गुजारा होगा।

बेरोजगार हुए श्रमिक

कोरोना के बढ़ते मामले से काम बंद रहने के कारण बेरोजगार हुए इन श्रमिकों ने कुछ दिन तो जैसे-तैसे कर निकाल लिए। अब इन श्रमिकों में कोरोना में भय व्याप्त हो गया और बुधवार सुबह से पलायन शुरू कर दिया। बड़ी संख्या में महिला और पुरुष अपने बच्चों को लेकर राजीव चौक पर पहुंचे। इन श्रमिकों कहना है कि ठेकेदार के पास काम नहीं है। उसने घर जाने के लिए बोल दिया। यहां पर बिना काम बैठने से अच्छा घर चले जा रहे हैं।

रोज चार हजार श्रमिकों का पालयन

गुरुग्राम से रोजाना 4000 श्रमिक पलायन कर रहे हैं। कोई सेक्टर-12, राजीव चौक, खांडसा से जाने वाली बसों में बैठकर चले जा रहे हैं। इन क्षेत्रों में प्रवासी श्रमिका अधिक रहते हैं। यहां से विहार, मध्य प्रदेश, झारखंड प्रदेश के लिए ट्रेन नहीं है। इसलिए बसों से जाने को मजबूर हो गए है। इन स्थानों पर 15 से 20 निजी बसें इन प्रदेशों के लिए जाती है।

कंपनियां और ठेकेदार भी नहीं रोक रहे हैं

कई दिनों से गुरुग्राम से प्रवासी श्रमिकों का पलायन जारी है। जिसको लेकर कंपनियों और ठेकेदार भी नहीं रोक रहे हैं। लगातार प्रवासी श्रमिकों के जाने से काम धंधे पर असर पड़ रहा है। ठेकेदार भी इस आशंका में है कि कोरोना बढ़ने से दूसरे प्रदेशों में लॉकडाउन लगने जा रहा है। गुरुग्राम में भी कोरोना तेजी से फैला हुआ है और नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है। ठेकेदारों के अनुसार जिस तरह से हालात बने है, इसको देखकर सरकार लॉकडाउन कर सकती है।

गुरुग्राम में कोई काम नहीं है। दिपावली के बाद से ठेकेदार के पास काम कर रहे थे। दस दिनों से काम बंद है। काम बंद का ठेकेदार पैसा नहीं देगा, इसलिए अपने घर जा रहे है। ठेकेदार के फोन करेगा तो वापस लौट आएंगे। 30 फीसदी कंपनियों में काम नहीं है।

-संदीप कुमार, निवासी बिहार

कोरोना बढ़ने पर ठेकेदार ने लॉकडाउन की आशंका जताते हुए सभी मजदूरों को घर जाने के लिए बोल दिया है। ठेकेदार के पास काम नहीं है, इसलिए बिहार घर चले जा रहे है। यहां पर रहने से खर्चा ही बढ़ेगा। यहां से रहने से अपने घर जा रहा हूं।

-पंकज कुमार, निवासी, सुपोल बिहार

गुरुग्राम से कोई ट्रेन नहीं होने पर बस से ही घर जा रहे है। अब यहां पर काम धंधा ठप हो गया है। कब तक बिना काम के बैठे रहेंगे। जहां पर काम करते थे वहां भी काम नहीं है। कंपनी ने मना कर दिया है, कमरे का किराया और खर्चा कहां से देंगे। घर चले जा रहा हूं।

-दिनेश कुमार, निवासी, सुपोल बिहार

लॉकडाउन लागू होने के डर से काम धंधा एकदम ठप हो गया। यहां पर कमरे का किराया और खाना खर्चा नहीं होगा तो कैसे रहेंगे। काम भी बंद होने से यहां पर रहने में दिक्कत हुई तो घर जाना मजबूरी हो गया है। लॉकडाउन लग जाता है तो ठेकेदार पैसा नहीं देगा।

-गौतम, निवासी बिहार

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