Hindi Newsएनसीआर न्यूज़गुड़गांवThere is a continuous migration of migrant workers from the city

शहर से प्रवासी श्रमिकों का लगातार जारी है पलायन

गुरुग्राम। शहर में रह रहे प्रवासी मजदूरों को बढ़ते कोरोना के मामलों के साथ...

Newswrap हिन्दुस्तान, गुड़गांवMon, 19 April 2021 11:50 PM
share Share

गुरुग्राम। शहर में रह रहे प्रवासी मजदूरों को बढ़ते कोरोना के मामलों के साथ लॉकडाउन का डर फिर से सताने लगा है। ऐसे में अफवाह और एक बार फिर से अपने घरों तक पहुंचने की आस में मजदूर दोगुना किराया देकर पलायन करने लगे हैं। हालांकि कई औद्योगिक संगठनों ने प्रवासियों को समझाने की कोशिश की है कि लॉकडाउन लगने की केवल अफवाह मात्र है, लेकिन कोई भी मानने को तैयार नहीं है। पिछले कुछ दिनों से गुरुग्राम के अलग-अलग हिस्सों से मजदूरों का पलायन जारी है। लोगों में लॉकडाउन का दर इस कदर हावी हो गया है कि ज्यादा किराए के साथ भी बस सफर करने को मजबूर हो रहे हैं।

परिवार के साथ घर जा रहे श्रमिक

सोमवार का गुरुग्राम के राजीव चौक से ऐसे बहुत से प्रवासी मजदूर अपने परिवार सहित अपने घर जाने के लिए निकल पड़े हैं। बड़ी संख्या में राजीव चौक के अंडरपास में बसों के इंतजार में बैठे रहे। प्राइवेट बस चालकों ने इंडस्ट्रियल एरिया सेक्टर 37, मानेसर और राजीव चौक पर बसें लगा रखी। जहां से ये मजदूर पलायन कर रहे हैं। इसमें अधिकतर लोग यूपी और बिहार के हैं।

इन स्थानों से प्रवासी को लेकर ले जा रही बसें

गुरुग्राम में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों पर अंकुश लगाने के लिए नाइट कर्फ्यू के बाद से हजारों प्रवासियों को पलायन को मजबूर कर दिया है। इसमें राजीव चौक,खांडसा, सेक्टर-12 से निजी बसें प्रवासियों को भरकर ले जा रही हैं। जिसमें मध्य प्रदेश, यूपी, विहार, झारखंड आदि प्रदेश के श्रमिक शामिल हैं। खाने-पीने और पैसों के बिना फंसे होने के डर से प्रवासी अपने गांवों के लिए निकल रहे हैं, जोकि मुख्य रूप से गुरुग्राम के उद्योगों में कार्यरत हैं।

25 प्रतिशत उद्योग छोड़ चुके श्रमिक

मानेसर और सेक्टर-37 से से ही 2.5 लाख कर्मियों में से लगभग 20-25 प्रतिशत इस महीने के अभी उद्योगों को छोड़ दिया है। अब उद्यमियों को इस बात से परेशान हैं कि अगर श्रमिक गए तो उनके उद्योग कैसे चलेंगे। उद्यमी दीपक मैनी ने कहा कि प्रवासी मजदूरों के पलायन से संकट खड़ा हो जाएगा। उनको रोकने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है। लेकिन प्रवासी श्रमिक मानने को राजी नहीं है।

पिछले साल का सता रहा डर

पिछले साल जब लॉकडाउन लगा तो गुरुग्राम से प्रवासी श्रमिक पैदल ही अपने घरों को जाने को मजबूर हो गए थे। इन्होंने हजारों किलोमीटर का सफर तय किया था। उस वक़्त इन मजदूरों की तस्वीरों ने सभी को झकझोर दिया था। अब दोबारा से ऐसे हालात न हों, इसकी आहट भर से ही ये मजदूर अपने घरों को पलायन करने लगे हैं।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें