दिल्ली में हिंसात्मक घटना के बाद दस फीसदी कामगार गुरुग्राम नहीं आए
गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर तिरंगा परेड के दौरान हुई हिंसात्मक घटनाओं का असर बुधवार को गुरुग्राम औद्योगिक क्षेत्र में भी देखने को...
गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर तिरंगा परेड के दौरान हुई हिंसात्मक घटनाओं का असर बुधवार को गुरुग्राम औद्योगिक क्षेत्र में भी देखने को मिला। दिल्ली से गुरुग्राम आने वाले 10 फीसदी कामगारों ने गुरुग्राम आने में परहेज किया। डरे कामगार यातायात समस्या के साथ बार्डर बंद होने के डर से नहीं आए। इससे उद्योग विहार के उद्योगों में मामूली कामकाज पर भी प्रभाव पड़ा। हालांकि इन कामगारों में अधिकतर प्रबंधन और अधिकारी वर्ग के लोग शामिल रहे। जबकि पैदल श्रमिकों पर कोई खास असर दिखाई नहीं दिया।
बीते मंगलवार को दिल्ली में किसानों की तिरंगा परेड के दौरान विभिन्न स्थानों पर हिंसात्मक घटनाएं हुई थीं। जिससे मंगलवार को कई मेट्रो स्टेशन के साथ रास्ते बंद कर दिए गए थे। इसमें कुछ लोग जो घर बाहर थे वह फंस गए। वहीं इन इलाकों से गुरुग्राम में काम करने वाले लोग भी बड़ी संख्या में रहते हैं। ऐसे में हिंसात्मक घटनाओं के मददेनजर इन लोगों ने बुधवार को दिल्ली से गुरुग्राम आने में परहेज किया। इसकी वजह थी कि इन लोगों का डर था कहीं अगर पुलिस ने कोई रूट बंद कर दिया तो इन लोगों को आने और जाने में दिक्कत हो सकती है। जबकि बुधवार को दिल्ली-गुरुग्राम बार्डर पर सतर्कता जरूर बरती गई, लेकिन किसी भी तरह से यातायात प्रभावित नहीं हुआ, लेकिन इन लोगों के न आने से कुछ उद्योगों में मामूली काम भी प्रभावित हुआ या फिर दूसरे श्रमिकों से काम चलाया गया।
लॉकडाउन के बाद से बना है डर
कोरोना लॉकडाउन के दौरान दिल्ली-गुरुग्राम बार्डर पर कई बार बंद किया गया या फिर चेकिंग के बाद लोगों को आने और जाने दिया। ऐसे में दिल्ली की ओर से उद्योग विहार में काम करने वाले लोगों को दिक्कतें बनी थीं। कई बार तो उन्हें बार्डर से वापस होना पड़ा या फिर यातायात के साधन न मिलने के कारण उन्हें गुरुग्राम में ही फंसे रहना पड़ा। ऐसे में अब लोग बार्डर पर किसी तरह की चेकिंग में नहीं फंसना चाहते, यही वजह रही कि दिल्ली में हिंसा होने के बाद बुधवार को लोग गुरुग्राम के उद्योग विहार इलाके समेत अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में भी कम पहुंचे।
दिल्ली में किसान की तिरंगा परेड के दौरान हुई हिंसात्मक घटनाओं से कुछ कामगार उद्योगों में नहीं पहुंचे। इन लोगों की संख्या करीब 10 फीसदी रही होगी। हालांकि एक दिन न आने से कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा। कामगारों में ज्यादातर प्रबंधन वर्ग या फिर अधिकारी वर्ग के लोग शामिल रहे।
-प्रवीन यादव, अध्यक्ष जीयूए
दिल्ली में हिंसा के बाद बुधवार को उद्योगों में आने वाले कामगारों पर असर दिखाई दिया। चेकिंग और रूट बंद होने के डर से कामगार कम पहुंचे। हालांकि इसका उद्योगों पर कोई खास प्रभाव नहीं दिखा, लेकिन आसपास के रहने वाले श्रमिक उद्योगों में काम करने के लिए पहुंचे थे।
-अशोक कुमार कोहली, अध्यक्ष, चेंबर ऑफ इंडस्ट्रीज उद्योग विहार
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