Hindi Newsएनसीआर न्यूज़गुड़गांवSushant Lok-I and Palam Vihar will be the first 'takeover'

सुशांत लोक-1 और पालम विहार का सबसे पहले अधिग्रहण

साइबर सिटी की निजी कालोनियों में शामिल सुशांत लोक-1 और पालम विहार सबसे पहले निगम में शामिल होंगे। राज्य सरकार से मंजूरी मिलने के बाद भी अटके इन कालोनियों के अधिग्रहण पर इसी महीने में बड़ा फैसला होगा।...

हिन्दुस्तान टीम गुड़गांवMon, 1 Jan 2018 11:47 PM
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साइबर सिटी की निजी कालोनियों में शामिल सुशांत लोक-1 और पालम विहार सबसे पहले निगम में शामिल होंगे। राज्य सरकार से मंजूरी मिलने के बाद भी अटके इन कालोनियों के अधिग्रहण पर इसी महीने में बड़ा फैसला होगा। कालोनियों में इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी के असेसमेंट के बाद की जरूरी औपचारिकता पूरी करने के बाद संबंधित बिल्डर को नोटिस जारी किया जा चुका है। दोनों कालोनियों के बिल्डर को 17 जनवरी तक जवाब देना है। इसमें बिल्डर को बताया होगी कि कालोनी में इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी को वह खुद पूरा करेंगे या फिर असेसमेंट में सामने आई धनराशि का निगम को दे रहे हैं। बिल्डर के जवाब नहीं देने की स्थिति में गुरुग्राम नगर निगम (एमसीजी) नगर योजना विभाग में जाम की गई सिक्योरिटी को जब्त करने की कार्रवाई करेगा। गौरतलब हो कि इन कालोनियों के विकास के समय बिल्डर-डेवलपर ने डीटीपी में सुरक्षा राशि जमा कराई थी। गौरतलब को कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में हुई बैठक में पिछले सात अप्रैल महीने में शहर की सात कालोनियों को निगम में शामिल करने का सैद्वांतिक फैसला लिया गया था। इसके बाद निगम ने इन कालोनियों के लोगों और बिल्डर से खुली चर्चा करके के लिए टेक ओवर की प्रक्रिया शुरू की थी।

सात कालोनियां है कतार में:

डीएलएफ फेस-1, 2, 3 के साथ सुशांत लोक-1, पालम विहार, सनसिटी और साउथ सिटी को निगम में शामिल होना है। इन कालोनियों के निगम में जाने के बाद यहां की सुविधाएं और सेवाएं निगम के जिम्में होंगी। निगम ने अभी सुशांत लोक-1 और पालम विहार की एक दो सेवाएं को फौरी तौर पर टेकओवर किया है। पूरी कालोनी का टेकओवर बाकी है। एमसीजी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इसके बाद सनसिटी का नंबर होगा। उन्होंने कहा इसकी फाइल सरकार के पास भेजी जा चुकी है। गौरतलब हो कि साइबर सिटी की ये निजी कालोनियां बेहद पॉश हैं, लेकिन पिछले चार-पांच साल यहां की सड़क-बिजली और पानी की समस्या है। इसके चलते लोगों ने बिल्डर के अधीन रहने की बजाय निगम में जाने की आवाज उठाई थी। इन कालोनियों का टेकओवर नहीं होने से यहां जरूरी इंफ्रा का निर्माण और सुधार भी नहीं हो पा रहा है। सड़कों पर निर्माण भी तभी शुरू हो पाएगा। जब ये कालोनियां निगम के पास जाएंगी।

कंपलीशन है तो सीधे टेकओवर:

गुरुग्राम नगर निगम (एमसीजी) ने शहर की दूसरी निजी कालोनियों को अधिग्रहित करने की प्रक्रिया को आसान करने का फैसला लिया है। निगम के सैद्वांतिक फैसले के अनुसार जिन निजी कालोनियों के पास कंपलीशन सर्टिफिकेट (पूरक प्रमाणपत्र) होगा। उन्हें निगम सीधे टेकओवर कर लेगा।

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