Hindi Newsएनसीआर न्यूज़गुड़गांवSohna Faces Darkness as 50 of Street Lights Fail Despite Monthly Repairs

सोहना की सड़कों पर 50 फीसदी स्ट्रीट लाइटें खराब

सोहना में नगर परिषद के क्षेत्र में लगभग 5500 स्ट्रीट लाइटें खराब हो गई हैं। शहरी और ग्रामीण सड़कों पर 50% लाइटें काम नहीं कर रही, जिससे अंधेरा बढ़ रहा है। नागरिक रात में बाहर जाने से डर रहे हैं। परिषद...

Newswrap हिन्दुस्तान, गुड़गांवSat, 7 Sep 2024 11:30 PM
share Share

सोहना। नगर परिषद सीमा क्षेत्र में लगी करीब साढ़े पांच हजार स्ट्रीट लाइटें दम तोड़ने लगी है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों पर 50 फीसदी स्ट्रीट लाइटें खराब होने से अंधेरा छाने लगा है। जबकि नगर परिषद हर माह स्ट्रीट लाइट की मरम्मत पर एजेंसी को लाखों रुपये का भुगतान कर रही है। नगर परिषद के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र पर स्ट्रीट लाइटों की आंख- मिचौली की अटखेलियों से अंधेरा छाने लगा है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्र को जाने वाली सड़कों पर दो से तीन माह से खराब स्ट्रीट लाइट को ठीक नहीं किया है। जबकि शहर के बीच में से जा रहा राष्ट्रीय राजमार्ग 248ए पर भी खराब स्ट्रीट लाइटों को ठीक नहीं किया जाता है। रात के अंधेरे में नागरिक गलियों व सड़कों पर अंधेरा होने के कारण अपने घरों से जरुरी काम के लिए भी बाहर निकलने से डरते है। जबकि दिल्ली, गुरुग्राम और रोजका मेव औद्यौगिक क्षेत्र से देर रात में ड्यूटी करने वाले कर्मचारी भी शहर में डरते हुए निकलते है।

50 फीसदी लाइटें खराब

शहर से नगर परिषद के गांव में जाने वाली सड़कों पर 50 फीसदी स्ट्रीट लाइटें खराब है। जबकि बरसात के मौसम में सड़कों पर गड्ढे हो गए हैं। खराब स्ट्रीट के कारण छाया अंधेरे से सड़कों पर बनें गड्ढे नजर तक नहीं आते है। दो बड़े वाहनों की लाइटों की चमक के कारण सड़क में बने गड्ढ़े नजर तक नीं आते हैं। दमदमा मार्ग, दौला मार्ग, सांप की नंगली मार्ग, जीडी गोयनका यूनिवर्सिटी के पीछे से सोहना ढाणी जाने वाले मार्ग पर नागरिक रात के समय में निकलने से कतराने लगे है।

नहीं होती है रात में जांच

सड़क किनारे लगी स्ट्रीट लाइटें 6-6 माह तक ठीक नहीं होती। जिसका कारण नगर परिषद के अधिकारी रात के समय में कभी भी जांच नहीं की जाती। यदि रात के समय में जांच की जाए तो खराब लाइटें जल्द से जल्द ठीक हो सकती हैं। स्थानीय निवासी सतीश का कहना है कि खराब स्ट्रीट लाइटों की जांच करने से समय रहते जानकारी मिल जाती है। 24 घंटे स्ट्रीट लाइटें जलती रहती है। जिसके कारण जल्दी से खराब होती है। परिषद की तरफ से स्ट्रीट लाइटों को समय के अनुसार जलाने और बंद करने के लिए कर्मचारी लगाने चाहिए।

सप्ताह में एक रात सड़कों के किनारे लगी स्ट्रीट लाइटों की जांच होती है। जैसे-जैसे उन्हे उपकरण मिलते है। वैसे ही खराब स्ट्रीट लाइटों को ठीक किया जाता है। वैसे स्ट्रीट लाइटों को ठीक करने की जिम्मेदारी एजेंसी की होती हैं। एजेंसी को परिषद की तरफ से कई बार नोटिस भी दिए जा चुके है।

- रविंद्र डागर, लाइट निरीक्षक

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें