शिक्षकों की कमी से छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित
सोहना के राजकीय कन्या प्राथमिक पाठशाला में शिक्षकों की कमी के कारण 400 छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। स्कूल में 10 में से 6 शिक्षक पद रिक्त हैं, जिसके चलते छात्राओं को एक साथ दो कक्षाओं में...
सोहना, संवाददाता। सोहना के राजकीय कन्या प्राथमिक पाठशाला में शिक्षकों कमी के चलते विद्यार्थियों की पढ़ाई पर असर पड़ रहा है। जिसके चलते स्कूल में शिक्षा के लिए आ रही 400 छात्राओं का भविष्य खतरे में है। शिक्षक एक साथ दो-दो कक्षाओं को बैठा पढ़ाने को मजबूर हो रहे है। एक तरफ प्रदेश व केंद्र की सरकार बेटियों को शिक्षित करने के लिए रोज नई-नई योजनाओं को अमल में ला रही है। वहीं प्रदेश शिक्षा विभाग ने स्थानीय राजकीय कन्या प्राथमिक पाठशाला-2 को संस्कृत मॉडल स्कूल का दर्जा तो दे दिया। स्कूल में आ रही 400 छात्राओं की शिक्षा प्राप्ती की नींव शिक्षकों की कमी के कारण मजबूत बनती हुई दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही है। स्कूल में शिक्षकों के 10 में से 6 पद रिक्त पड़े है। जिसके चलते छात्राओं की शिक्षा का पाठयक्रम पूरा नहीं हो पा रहा है। न ही एक-एक छात्रा की पढ़ाई पर गहराई से शिक्षक चाहकर भी ध्यान नहीं दे पा रहे है।
नहीं भरे कभी सभी पद
स्कूल संस्कृत मॉडल बनने के बाद से जेबीटी शिक्षकों के सभी पद आज तक नहीं भरे है। वर्ष 2024 से पहले से ही शिक्षकों के चार पद खाली थे। तीन पद अप्रैल से लेकर नवंबर माह तक रिक्त हो गए है। जिनमें से दो शिक्षक टीजीटी में पदोउन्नत हो जाने के कारण चले जाने पर खाली हुए है।
एक साथ दो-दो कक्षाएं
शिक्षकों की भारी कमी के कारण छात्राओं की दो-दो कक्षाओं को एक साथ बैठाकर पढ़ाई करने के लिए शिक्षक मजबूर हो रह है। चार में से एक शिक्षक तो विभाग और सरकार द्वारा मांगी जाने वाली डाक, जबाव या अन्य गैरशक्षिणिक कार्य करने में व्यस्त रहते है। दो कक्षाओं की छात्राओं को एक साथ बैठाने के लिए कमरों में भी स्थान कम पड़ जाता है। जिसके कारण 30 से 40 फीसदी छात्राओं को फर्श पर दरियां बिछाकर बैठाकर ही शिक्षा दी जाती है।
शिक्षकों के खाली पदों को भरने के लिए विभाग के उच्चाधिकारियों के साथ होने वाली बैठकों में जानकारी दी जाती है। इसके बावजूद शिक्षक नहीं मिल रहे है। जिससे छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
- रामरती, स्कूल प्रभारी
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