174 फीडर के आपस में जुड़ने से 12 इलाकों में बिजली कटौती से राहत
गुरुग्राम। स्मार्ट ग्रिड योजना के तहत मिलेनियम सिटी में बिजली व्यवस्था को बेहतर बनाने...
गुरुग्राम। स्मार्ट ग्रिड योजना के तहत मिलेनियम सिटी में बिजली व्यवस्था को बेहतर बनाने के काम ने रफ्तार पकड़ ली है। बिजली निगम ने 11 केवी के 174 फीडरों को भूमिगत कर उन्हें आपस में जोड़ने का काम पूरा कर लिया है। भूमिगत करने के बाद ये फीडर चालू भी कर दिए गए हैं। बिजली निगम के अधिकारियों का दावा है कि इससे करीब एक दर्जन इलाकों में बिजली कटौती की समस्या पहले के मुकाबले कम हुई है। बचे हुए 407 फीडरों को भी भूमिगत कर उन्हें आपस में जोड़कर चालू करने का काम तेजी से चल रहा है।
अधिकारियों के अनुसार इस साल दिसंबर तक परियोजना पर काम पूरा कर लिया जाएगा। स्मार्ट ग्रिड के तहत यह काम अभी सेक्टर-1 से 57 के बीच किया जा रहा है। चार अलग-अलग पैकेज में तीन कंपनियां इस परियोजना पर काम कर रही हैं।
स्मार्ट ग्रिड परियोजना से जुड़े अधिकारियों के अनुसार सेक्टर-30, 31, 32,40, 21, 22 और 23 में सभी फीडरों को भूमिगत कर आपस में जोड़ कर चालू कर दिया गया है। वहीं डीएलएफ, सुशांत लोक, पालम विहार, सेक्टर-14 और सेक्टर-17 के कुछ हिस्सों में यह काम पूरा हुआ है। इससे इन इलाकों में बिजली कटौती की समस्या पहले से कम हुई है। उन्होंने बताया कि बारिश व आंधी के कारण अक्सर फीडर ब्रेकडाउन हो जाते थे। फॉल्ट का पता लगाकर उसे ठीक करने में काफी समय लगता है। ऐसे में उस फीडर से जुड़े इलाकों में फॉल्ट ठीक होने तक बिजली गुल रहती है। इसकी वजह से उन इलाकों में रहने वाले उपभोक्ताओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस परेशानी को दूर करने के लिए ही यह काम किया जा रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि इन सभी 174 फीडरों के भूमिगत होने से अब इनपर बारिश और आंधी का प्रभार नहीं पड़ रहा है। वहीं इन सभी फीडरों को केबल के जरिए आपस में जोड़ा गया है। यदि किसी तकनीकी खराबी के कारण एक फीडर बंद होता है, तो उससे जुड़े दूसरे फीडर से आपूर्ति चालू कर दी जाती है। इससे इलाके में बिजली कटौती कम हुई है।
एक लाख स्मार्ट मीटरों के बन रहे ऑटोमेटिक बिल:
शहर में पुराने मीटरों को बदलकर नए स्मार्ट मीटर लगाने का भी काम किया जा रहा है। शहर में अभी तक एक लाख 15 हजार स्मार्ट मीटर घरों में लगाए जा चुके हैं। अधिकारियों के अनुसार इनमें से एक लाख के करीब स्मार्ट मीटरों के ऑटोमेटिक बिल भी बनने लगे हैँ। शहर में दो लाख 75 हजार स्मार्ट मीटर लगने हैँ। स्मार्ट मीटर पुराने मीटरों से काफी आधुनिक हैं। इन मीटरों की रीडिंग चिप के जरिए ली जा सकती है, जबकि पुराने मीटरों से कर्मचारियों को मैनुअलि मीटर रीडिंग लेनी पड़ती है। जिससे गलत रीडिंग नोट होने की भी संभावना रहती है। इसके अलावा बिल जमा न करवाने की स्थिति में विभाग कंट्रोल रूम से ही कनेक्शन काट सकता है। उपभोक्ता स्मार्ट मीटर के जरिए पोस्टपेड और प्रीपेड दोनों माध्यमों से निगम से बिजली ले सकते हैँ।
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