खरखड़ी गांव में पेयजल की किल्लत से जूझ रहे लोग
फर्रुखनगर। हमारे संवाददाता। खंड फर्रुखनगर के गांव खरखड़ी में ग्रामीणों को पेयजल किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। लगभग 200 घरों में पेयजल की बड़ी...
फर्रुखनगर। खंड फर्रुखनगर के गांव खरखड़ी में ग्रामीणों को पेयजल किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। लगभग 200 घरों में पेयजल की बड़ी किल्लत हो गई है। हालांकि यहां पर पानी के लिए दो टयूबवेल हैं, लेकिन एक एक ने पानी देना बंद कर दिया है। इस टयूबवेल का खर्च भी ग्रामीणों ने उठाया था, लेकिन अब यह टयूबवेल प्यास बुझाने में नाकाम साबित हो रहा है।
ग्रामीणों का आरोप है कि मूलभूत सुविधाओं से जूझती गांव की इस कॉलोनी की ओर जनप्रतिनिधियों का बिल्कुल भी ध्यान नहीं है। कॉलोनी की लगातार बढ़ती आबादी को देखते हुए यहां अतिरिक्त टयूबवेल लगाने की जरूरत है। वार्ड के पंच राजकुमार, चरण सिंह, प्रवेश, रिग राम, बाबूलाल, रूपवती, अंजू, कमलेश, सरोज, गीता, राजेश, शकुंतला, मछला, शशि, सुषमा, कविता, बबीता, माया एवं विनीता आदि सहित काफी ग्रामीणों ने बताया कि वार्ड की पेयजल समस्या को लेकर उन्होंने सरपंच, डिप्टी सीएम के ओएसडी महेश चौहान, विधायक सत्यप्रकाश जरावता, जिला परिषद चैयरमैन कल्याण सिंह चौहान एवं जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों से कई बार शिकायत की, लेकिन इसके बावजूद भी आज तक समस्या जस की तस बनी हुई है। गौरतलब है कि ड्स कॉलोनी में पेयजल के पर्याप्त साधन नहीं होने की वजह से गर्मी के मौसम में यहां निवास कर रहे लोगों को भारी तकलीफों का सामना करना पड़ता है। स्थानीय लोगों ने बताया कि कॉलोनी वासियों से भेदभाव किया जा रहा है। पांच साल से पेयजल समस्या से जूझ रहे हैं। गांव में 700 घरों की आबादी पर 4 टयूबवेल हैं। जबकि इस कॉलोनी में 500 की आबादी पर एक टयूबवेल है। जिसकी भी सप्लाई लाइन जगह-जगह से टूटी हुई है, जिससे गंदा पानी आता है। उसे उबालकर पीने को मजबूर हैं। गंदा पानी पीने से बीमारियों का खतरा बना रहता है। रातभर जागकर पानी की बाट देखते हैं। पानी की किल्लत के चलते मोल का पानी मंगाकर पीते हैं। गांव की सरपंच ने भेदभाव के तहत विकास कार्य कराए हैं। उन्होंने बताया कि इस कॉलोनी में पेयजल के अलावा सफाई व्यवस्था भी चौपट है। ग्रामीणों ने पेयजल समस्या के समाधान की मांग उठाई है।
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