Hindi Newsएनसीआर न्यूज़गुड़गांवIncreasing Water Levels at Gurugram s Dhawapur Railway Underpass Causes Traffic Issues

धनवापुर रेलवे अंडरपास में डेढ़ फीट तक भरा पानी

गुरुग्राम के धनवापुर रेलवे अंडरपास में पानी की मात्रा बढ़कर डेढ़ फीट पहुंच गई है, जिससे वाहन चालकों और पैदल चलने वालों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। रेलवे और पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को इस...

Newswrap हिन्दुस्तान, गुड़गांवTue, 17 Sep 2024 05:53 PM
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गुरुग्राम। धनवापुर रेलवे अंडरपास में पानी की मात्रा बढ़ती जा रही है। तीन दिन पहले इस अंडरपास में आधा फीट पानी था, जो मंगलवार को बढ़कर डेढ़ फीट तक पहुंच गया। इसकी वजह से वाहन चालकों और पैदल आने-जाने वालों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यदि इस तरफ रेलवे विभाग और पीडब्ल्यूडी बीएंडआर के अधिकारियों की तरफ से ध्यान नहीं दिया जाता है तो इसमें फरीदाबाद अंडरपास जैसा हादसा घटित हो सकता है। करीब 20 करोड़ रुपये की लागत से 900 मीटर लंबे इस रेलवे अंडरपास को रेलवे विभाग और पीडब्ल्यूडी बीएंडआर ने मिलकर तैयार किया है। रेलवे लाइन के नीचे का हिस्सा रेलवे विभाग, जबकि बचे हिस्से का निर्माण पीडब्ल्यूडी बीएंडआर ने किया है। इस अंडरपास का कार्य साल 2019 में शुरू हुआ था, जिसे 18 महीने में बनकर तैयार होना था। रेलवे विभाग के पहले ठेकेदार ने निर्माण में देरी की तो दूसरे ठेकेदार को काम सौंपना पड़ा। पिछले सप्ताह इस अंडरपास को यातायात के लिए खोला गया है।

जैसे ही इस अंडरपास से वाहनों का आवागमन शुरू हुआ तो कंपन से सड़क के नीचे से और दीवारों से पानी निकलना शुरू हो गया। मंगलवार को करीब डेढ़ फीट पानी इस अंडरपास में भर चुका है। इस अंडरपास के दोनों तरफ गांव धनवापुर के अलावा सूरत नगर, सेक्टर-104, सूर्या विहार, लक्ष्मण विहार, सेक्टर चार विकसित हैं। इनमें करीब 25 हजार परिवार रहते हैं, जिनका इस अंडरपास से आवागमन रहता है। अब पानी भरा होने के कारण लोगों के वाहन बंद हो रहे हैं। फुटपाथ तक पानी भरने की वजह से लोगों को पैदल आने-जाने में भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

रेलवे ने रेलवे लाइन के नीचे का हिस्सा बनाया है, जिसमें किसी तरह की दिक्कत नहीं है। पीडब्ल्यूडी बीएंडआर ने बाहर की सड़क और दीवारों का निर्माण किया है, जहां से पानी निकल रहा है।

- प्रवक्ता, रेलवे विभाग

रेलवे विभाग के अधिकारी गलत कह रहे हैं। उन्होंने मामला सामने आने के बाद टीम को मौके पर भेजा था। रेलवे हिस्से में सड़क और दीवार से पानी निकल रहा है। रेलवे विभाग से इस पानी की निकासी को लेकर पंप हाउस बनाना है, जो नहीं बना है। जहां अंडरपास बना है, वहां भूजलस्तर बहुत ऊंचा है। इसकी वजह से पानी निकल रहा है। रेलवे ने इस समस्या का समाधान करना है।

- चरणदीप राणा, कार्यकारी अभियंता, पीडब्ल्यूडी बीएंडआर

द्वारका एक्सप्रेस वे के अंडरपास भी मॉनसून में असुरक्षित

द्वारका एक्सप्रेस वे पर बने अंडरपास और भूमिगत पार पथ भी मॉनसून में असुरक्षित हैं। एक तो इन अंडरपास के आसपास भूजलस्तर बेहद ऊचा है। साथ ही साथ गांव घाटा से द्वारका एक्सप्रेस वे की नीचाई करीब 80 मीटर है। ऐसे में बारिश का पानी बरसाती नाला नंबर एक, दो और बादशाहपुर नाले के माध्यम से तेज रफ्तार से आता है। ये तीनों नाले द्वारका एक्सप्रेस वे के नीचे से निकल रहे हैं। ऐसे में बारिश अधिक होने की स्थिति में द्वारका एक्सप्रेस वे के अंडरपास में पानी भरने की संभावनाएं बनी रहेंगी। इसके अलावा धनवापुर चौक से जीएमडीए की करीब 730 मीटर सीवर लाइन नहीं बनी है। सीपीआर जंक्शन पर करीब 500 मीटर सीवर लाइन को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (जीएमडीए) ने खत्म कर दिया था, जिसका निर्माण दोबारा नहीं हुआ है। इसके अलावा सेक्टर-37डी स्थित रामप्रस्था सिटी से बादशाहपुर नाले तक 60 मीटर बरसाती नाला नहीं बना है। इस वजह से द्वारका एक्सप्रेस वे पर भारी बारिश में जलभराव जैसी दिक्कत बन सकती है। इसके अलावा हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) का सेक्टर-81 से लेकर 115 तक बरसाती पानी और सीवर पानी की निकासी की पाइप लाइन डालने का काम जमीन के अदालती पचड़े में फंसा होने के कारण अटका हुआ है, जिसके कारण भी दिक्कत हो सकती है।

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