अमेरिकी टैरिफ लागू होने से कई उद्योगों को नुकसान की आशंका
अमेरिकी टैरिफ नीति लागू होने से गुरुग्राम में ऑटो मोबाइल, फार्मा और इलेक्ट्रॉनिक सामान का निर्यात महंगा हो जाएगा। उद्योगों के मुताबिक, इससे 7 से 8 प्रतिशत अधिक भार पड़ेगा। अमेरिका में निर्यात बंद होने...

ऑटो मोबाइल्य, फार्मा और इलेक्ट्रॉनिक सामान का निर्यात महंगा होगा- फार्मा उद्योग को निर्यात करने पर 7 से 8 प्रतिशत का अधिक भार पड़ेगा- अमेरिका में निर्यात बंद होने से चाइना अपना सामान यहां पर स्टॉक करेगा- कनाडा-मास्को देश भारत से सामान खरीदने से उद्योगों को फायदा होगा-
गुरुग्राम, कार्यालय संवाददाता।
अमेरिकी टैरिफ नीति लागू होने से गुरुग्राम में कई उद्योगों को नुकसान होने की आशंका जताई गई है। इसमें गुरुग्राम के पांच हजार उद्योगों में ऑटो मोबाइल्स, फार्मा और इलेक्ट्रॉनिक सामान का निर्यात महंगा हो सकता है। उद्यमियों की मानें तो कहा कि पारस्परिक शुल्क पर अमल से पहले भारत इन शुल्क की दरों में कटौती नहीं करता है तो इन वस्तुओं पर अमेरिका में अधिक शुल्क लगेगा। इससे यह वस्तुएं महंगी हो जाएंगी, जिससे 7 से 8 प्रतिशत निर्यात प्रभावित होगा। जिसका अतिरिक्त भार यहां के उद्यमियों पर देखने को मिल सकता है।
उद्यमियों को चिंता सताने लगी है:
जिले के मानेसर, उद्योग विहार, सेक्टर-37, कादीपुर, दौलताबाद, बसई, बहरामपुर औद्योगिक क्षेत्र हैं। यहां पर ऑटोमोबाइल्स के 4500, इलेक्ट्रॉनिक के 100 और फार्मा के 50 से अधिक उद्योग हैं। जो यहां से कई उद्योगों से देशो में निर्यात किया जाता है। अमेरिका टैरिफ नीति लागू होने से ऑटोमोबाइल्स, फार्मा, इलेक्ट्रॉनिक जैसे आइटम निर्यात प्रभावित हो सकते हैं। जिसको लेकर उद्यमियों को चिंता सताने लगी है। इन तनावों ने पहले ही महंगाई को बढ़ाने और विकास में बाधा डालने के संकेत हैं। उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को अभी से अपने विकल्पों पर विचार करना शुरू कर देना चाहिए। ताकि समय से पहले अपने विकल्पों पर विचार कर सके।
चाइना सस्ता सामान बेचने की कोशिश करेगा:
उद्यमियों के अनुसार टैरिफ से चाइना भी अपने सामान का निर्यात अमेरिका नहीं कर पाएगा। अमेरिका में निर्यात बंद की वजह से चाइना अपना सामान भारत में बेचने के लिए यहां पर स्टॉक करना शुरू कर देगा। क्योंकि चाइना का सस्ता सामान आने से स्थानीय उद्योगों को भी प्रभावित करेगा। स्थानीय सामान बाजार में थोड़ा महंगा होता है, चाइना का सस्ता पड़ता है। इससे खरीदारों को चाइना का सामान अपनी तरफ खीचेंगा। जो उद्यमियों के लिए चिंता विषय बन गया है।
-अमेरिका में कई देशों का निर्यात बंद हो जाएगा। इसमें चाइना समेत कनाडा-मास्को देश शामिल है। चाइना अपना सामान यहां पर स्टॉक करने की कोशिश करेगा। वहीं कनाडा-मास्को देश भारत से सामान खरीदेगा जो स्थानीय ऑटो मोबाइल्स उद्योगों को फायदा होगा।
विनोद बापना सीईओ कैपेरो मारुती लिमिटेड
-अमेरिकी टैरिफ लागू होने से फार्मा उद्योग को निर्यात करने पर 7 से 8 प्रतिशत का अधिक भार पड़ेगा। इसको लेकर उद्योगों के लिए चिंता का विषय बन गया है। केंद्र सरकार से उम्मीद है कि निर्यात महंगा होने पर विकल्प निकाला जा सकता है।
अभिषेक दत्ता उद्यमी फार्मा गुरुग्राम
-अमेरिका टैरिफ नीति लागू करता है, तो भारत भी लागू करेगा। केंद्र सरकार की ओर से इस पर विचार किया जा रहा है। जो निर्यात पर उद्यमियों को नुकसान नहीं होगा। इससे उद्योग काफी उम्मीद लगाए गए हुए हैं। इससे उद्योगों पर ज्यादा असर होने की संभावना कम है।
अनुज नागपाल, एमडी अल्फा कोटेक इंडस्ट्री
-टैरिफ से दोनों देशों को नुकसान होगा। अभी हमने चार जहाज के सामान का ऑर्डर दिया है। टैरिफ लागू करके अमेरिका ऑर्डर कैंसिल नहीं करना चाहेगा। अभी ड्रोन का ऑर्डर दिया गया है। यह सब कैंसिल तो नहीं होगा। कोई न कोई हल जरुरी निकाला जाएगा।
डॉ. दीपक जैन अध्यक्ष भारतीय उद्योग महासंघ
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