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शुल्क चुकाने के बाद भी खेल सुविधाएं न मिलने से छात्रों में नाराजगी

गुरुग्राम विश्वविद्यालय में खेल सुविधा शुल्क को लेकर छात्रों में नाराजगी है। कॉलेजों से प्रति छात्र 200 रुपये लिए जाते हैं, लेकिन विश्वविद्यालय द्वारा कोई खेल स्पर्धा नहीं कराई जाती। छात्रों का आरोप...

Newswrap हिन्दुस्तान, गुड़गांवSat, 16 Nov 2024 11:18 PM
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अमर मौर्य, गुरुग्राम। गुरुग्राम विश्वविद्यालय को खेल सुविधा शुल्क चुकाने के बाद संबद्ध कॉलेजों के छात्रों में नाराजगी है। छात्रों के आरोप है कि खेल सुविधा के नाम पर हर साल प्रति छात्र दो सौ रुपये लिये जाते हैं। हर साल संबद्ध कॉलेजों से 8 से 10 लाख रुपये लिया जाता है। लेकिन जीयू की ओर से खेल स्पर्धाएं नहीं होती है। छात्रों के शुल्क वापस किए जाए। 76 सरकारी और गैर-सरकारी कॉलेज संबद्ध है:

उच्चतर शिक्षा विभाग की ओर से कि गुरुग्राम विश्वविद्यालय अधिनियम 2017 द्वारा शैक्षणिक सत्र 2019-2020 से जिला गुरुग्राम तथा नूंह के 76 सरकारी और गैर-सरकारी महाविद्यालय संबद्ध कर दिए गए थे। इसमें जीयू के अधीन इंजीनियरिंग के 15 कॉलेज, डिग्री कॉलेज 18, एजुकेशन के 43 कॉलेज शामिल है। बीएड कॉलेज में आरएलएस कॉलेज ऑफ एजुकेशन, (सिधरावली), जटौली हेलीमंडी का तिर्थांकर केआरडी कॉलेज समेत एजुकेशन के 43 महाविद्यालयों को जुड़े है। डिग्री कॉलेज में सेक्टर-14 स्थित राजकीय महिला महाविद्यालय, सिधरावली स्थित राजकीय महाविद्यालय, सेक्टर-9 राजकीय महाविद्यालय, सोहना का एनबीजीएसएम कॉलेज, नूंह का वाइएमडी कॉलेज शामिल हैं। वहीं इंजीनियरिंग में फर्रुखनगर का बीएम कॉलेज, द्रोणाचार्य इंजीनियरिंग कॉलेज, बिलासपुर का जीआईटीएम, भोंडसी का केआईआइटी कॉलेज, सेक्टर-34 स्थित डीपीजी कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट शामिल अन्य कॉलेज है।

वर्ष 2018 से कॉलेजों से खेल शुल्क लिये जाते हैं:

कॉलेज प्रबंधन का आरोप है कि जीयू के अधीन आने के बाद कॉलेज के प्रति छात्र की दर से दो सौ रुपये जमा कराए जाते हैं। एक साल में आठ से दस लाख रुपये जीयू में जमा होता है। इतना पैसा जमा होने के बाद जीयू की ओर से खेल स्पर्धा कराने के लिए बजट नहीं होते हैं। कई बार लिखित में पत्राचार करने के बाद खेल स्पर्धाए नहीं होती है। इसको लेकर खेल के खिलाड़ियों में नाराजगी झेलनी पड़ती है।

जीयू के पास नहीं है कोई मैदान:

खिलाड़ी अमन, ध्रुव, सूरज, साहिल, मयंक, नितिन आदि ने कहा कि जीयू को संचालित करते हुए छह साल से अधिक समय हो गया है, लेकिन एक भी खेल का मैदान नहीं बना सकता है। कॉलेजों से जितनी धनराशि मिलती है, इसका सही उपयोग नहीं होता है। खिलाड़ियों ने आरोप है कि खेल सुविधा शुल्क में बंदरबांट हो रहा है। जीयू की ओर से कोई टीम भी नहीं बनाई जाती है। किसी भी कॉलेज से एक भी खिलाड़ी जीयू की तरफ से नहीं खेलता है। ऐसे में

जीयू में नहीं है योग्य खेलों के प्रशिक्षक:

खिलाड़ियों का आरोप है कि जीयू के खेल विभाग में कोई योग्य खेल प्रशिक्षक नहीं है। जो भी खेल प्रशिक्षक नियुक्ति हैं, उनको खेल के बारे में जानकारी तक नहीं होती है। कॉलेजो के खिलाड़ियों के बेहतर प्रदर्शन के आधार पर विभिन्न खेल में टीम तक तैयार नहीं होती है। ट्रायल के नाम पर जीयू की ओर से सिर्फ खानापूर्ति होती है। सरकार को इस बारे में ध्यान देना चाहिए। लाखों रुपये कॉलेज के छात्रों से लेने के बाद खेल सुविधाएं नहीं मिलने पर जीयू पर सवाल उठाए हैं।

जीयू के नए परिसर में कई खेल मैदान तैयार किए जाएंगे। इसमें थोड़ा समय लगेगा। खिलाड़ियों की मांग उचित है। अभी विश्वविद्यालय में संशाधन जुटाया जा रहा है, जिससे छात्रों को बेहतर सुविधा मिल सके।

- प्रो दिनेश कुमार, कुलपति विश्वविद्यालय गुरुग्राम

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