पेयजल का इस्तेमाल निर्माण कार्यों में करने पर जुर्माना लगेगा
गुरुग्राम में निर्माण कार्यों में पेयजल के इस्तेमाल पर जुर्माना लगेगा। जीएमडीए ने अधिकारियों को पत्र लिखकर बताया कि निर्माण कार्यों में पेयजल का उपयोग किया जा रहा है, जिससे कई सेक्टरों में पेयजल संकट...

गुरुग्राम। निर्माण कार्यों में पेयजल के इस्तेमाल पर जुर्माना लगेगा। इस सिलसिले में सोमवार को गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) ने नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग के डीटीपी और डीटीपीई के अलावा नगर निगम के कार्यकारी अभियंताओं को पत्र लिखा है। गर्मी बढ़ने पर जीएमडीए कार्यालय में पानी की कमी की शिकायत पहुंच रही हैं। ये शिकायत कुछ रिहायशी सोसाइटियों की आरडब्ल्यूए की तरफ से भी की गई है। इन शिकायतों को लेकर जीएमडीए के कार्यकारी अभियंता अभिनव वर्मा ने नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग के डीटीपी व डीटीपीई के अलावा नगर निगम के नौ कार्यकारी अभियंताओं को पत्र लिखा है।
इसमें कहा है कि जीएमडीए की तरफ से पर्याप्त पेयजल की सप्लाई की जा रही है। जांच के दौरान उन्हें पता चला है कि निर्माण कार्यों में पेयजल का इस्तेमाल किया जा रहा है, जोकि गलत है। निर्माण कार्यों में सीवर शोधन संयंत्र से शोधित पानी, बारिश के पानी का इस्तेमाल होना चाहिए। पेयजल का इस्तेमाल होने के कारण कई सेक्टर और कॉलोनियों में पेयजल संकट बना है। ऐसे में पेयजल का निर्माण कार्यों में इस्तेमाल को रोका जाए। ऐसी इमारतों के मालिकों पर चालान किया जाए। जीएमडीए के कार्यकारी अभियंता अभिनव वर्मा ने बताया कि रोजाना 570 एमएलडी Ṇ(मिलियन लीटर प्रतिदिन) पेयजल की सप्लाई कर रहे हैं। इस पानी का इस्तेमाल निर्माण कार्यों में हो रहा है। पिछले दिनों सेक्टर-104 स्थित एक सोसाइटी से शिकायत पहुंचीं थी। जांच में पाया था कि निर्माण कार्यों में इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐसे में इन दोनों विभागों के अधिकारियों को पत्र लिखकर निर्माण कार्यों में पेयजल का इस्तेमाल कर रहे लोगों पर जुर्माना लगाने का आग्रह किया है।
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