स्कूलों में बच्चों को तय मानक से नहीं मिलता मिड डे मील
गुरुग्राम, कार्यालय संवाददाता। जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को तय मानक से मिड डे मील नहीं मिल रहा है। बच्चों के खाने की जो मेन्यू निर्
गुरुग्राम। जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को तय मानक से मिड डे मील नहीं मिल रहा है। बच्चों के खाने की जो मेन्यू निर्धारित की गई है, उसके अनुसार बच्चों को स्कूलों में नहीं दिए जाते है। जिस संस्था को मिड डे मील स्कूलों में पहुंचाने की जिम्मेदारी गई है, वह अपने अनुसार बच्चों को खाना परोसती है। जिसको लेकर स्कूलों की ओर से चंडीगढ़ शिक्षा मुख्यालय को शिकायत भेजी गई है। जिसमें कहा गया है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को मिड-डे-मील की थाली में अब पौष्टिक भोजन परोसा जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है। पीएम पोषण योजना के तहत प्राइमरी स्कूलों में बच्चों को दिए जाने वाले मध्याह्न भोजन (मिड-डे-मील) की दरों में बढ़ोतरी की गई है। इस बढ़ोतरी का लाभ बच्चों को अधिक पौष्टिक खाने में नहीं मिल रहा है।
तय मानक से नहीं आया बच्चों का खाना:
गुरुग्राम में 366 प्राथमिक स्कूलों में 75 हजार से अधिक बच्चे पढ़ते हैं। 18 जनवरी को स्कूलों में बच्चों को गेहूं रागी का पूड़ा दिए जाने का मेन्यू निर्धारित किया गया। स्कूल खुलने के बाद मेन्यू के अनुसार बच्चों को मिड डे मील नहीं मिलता है। फर्रुखनगर के मोहम्मपुर प्राथमिक पाठशाला के बच्चों को पीले चावल दिए गए। जिसको लेकर बच्चों ने खाना कम पसंद किया। जिला प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रधान अशोक प्रजापति ने बताया कि खुलने के बाद बच्चों को मेन्यू के अनुसार खाना नहीं मिल रहा है। इसको लेकर जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी से मिलकर अवगत करवाएंगे कि बच्चों के स्वास्थ्य के अनुसार खाना नहीं मिल रहा है।
शिकायत उच्चधिकारी को अवगत कराया:
जिला प्राथमिक शिक्षक संघ के संयोजक दुयंष्ठ ठाकरान ने कहा कि सरकार और विभाग की ओर से जो राशि दी जाती है। उसके अनुसार मिड डे मील बच्चों को दिया जाना चाहिए, क्योंकि सरकार की ओर से बच्चों के सेहत को लेकर मेन्यू बनाया है। इसमें खाने की मेन्यू में पराठा, दही, मिक्स पराठा, पूड़ी आदि निर्धारित किया गया है। जिसके अनुसार संस्था नहीं देती है। जिले के हर स्कूलों की स्थिति रही है। संस्था से कई बार मेन्यू के अनुसार बच्चों का मिड डे मीड देने को कहा गया है। लेकिन सुधार नहीं होने पर शिक्षा विभाग से लेकर मुख्यालय पर उच्चधिकारियों से शिकायत की गई है। ताकि बच्चों को पौष्टिक भोजन मिल सके।
ये दरें भी हुईं निर्धारित:
जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को भी प्रधानमंत्री पोषण योजना के तहत खाद्य पदार्थों की कीमतों में बदलाव करने का निर्देश दे दिया गया है। जिसमें कहा गया है कि बाल वाटिका एवं प्राइमरी कक्षा में सामग्री दर 6.19 रुपये होगी और अपर प्राइमरी कक्षाओं की सामग्री दर 9.29 रुपये निर्धारित की गई है। शिक्षा विभाग की ओर से दरें बढ़ने के बाद सर्दी के मौसम को देखते हुए मिड-डे-मील में बदलाव किया गया है।
यह होता है साप्ताहिक आहार का मेन्यू:
छात्रों को पोषक तत्वों से भरपूर आहार परोसने के लिए पहले सप्ताह में मिड-डे-मील में सोमवार को सोया खिचड़ी, मंगलवार को मीठा दलिया, बुधवार को चावल और सफेद चना, गुरुवार को चना दाल खिचड़ी और शुक्रवार को मिस्सी परांठा और दही परोसी जाएगी।
-दूसरे हफ्ते में सोमवार को दाल-चावल, मंगलवार को रोटी व मूंग-मसूर की दाल, बुधवार को मिस्सी रोटी व मौसमी सब्जी, वीरवार को मीठे मूंगफली युक्त चावल और शनिवार को गेहूं रागी का पूड़ा विद्यार्थियों की थाली में होगा।
-तीसरे सप्ताह के पहले दिन सोमवार को सब्जी पुलाव और काला चना, मंगलवार को रोटी और घिया चने की दाल, बुधवार को राजमा चावल, वीरवार को कढ़ी पकौड़ा और चावल, शुक्रवार को गुड़ रोटी और दही और शनिवार को मिलेट्स परांठा और दही परोसी जाएगी।
-चौथे सप्ताह में सोमवार को सोया खिचड़ी, मंगलवार को मीठा दलिया, बुधवार को चावल व सफेद चना, वीरवार को चना दाल खिचड़ी, शुक्रवार को मिस्सी परांठा व दही और शनिवार को दाल-चावल परोसे जाएंगे।
जनवरी में स्कूलों में दिये जाने वाले खाने की सूची:
16 जनवरी को मीठे मूंगफली चावल
17 जनवरी को पौष्टिक नमकीन दलिया
18 जनवरी को गेहूं रागी का पूड़ा
20 जनवरी को सब्जी पुलाव तथा काला चना
21 जनवरी को रोटी और घीया चना दाल
22 जनवरी को राजमा चावल
23 जनवरी को कढ़ी पकोड़ा व चावल
24 जनवरी को गुड़ रोटी, दही
25 जनवरी को पौष्टिक पराठा दही
27 जनवरी को पौष्टिक सोया खिचड़ी
28 जनवरी को मीठा दलिया
29 जनवरी को चावल व सफेद चना
30 जनवरी को पौष्टिक चना दाल खिचड़ी
31 जनवरी को पौष्टिक मिक्सी पराठा
-स्कूलों में बच्चों के मिड डे मीड को चेक करके उच्चधिकारियों को अवगत जाएगा। शिक्षा विभाग के मुख्यालय की ओर से बच्चों के खाने का मेन्यू निर्धारित किया गया है। उसके अनुसार बच्चों को खाना दिया जाना चाहिए।
मनिराम जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी गुरुग्राम
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