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अनकहे प्रेम की कहानी 'वो अफसाना' को लोगों ने सराहा

गुरुग्राम में शनिवार को टीम राब्ता द्वारा प्रस्तुत नाटक 'वो अफ़साना' ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। यह नाटक अमृता प्रीतम और साहिर लुधियानवी के बीच अनकहे प्रेम को दर्शाता है। नाटक में नाटकीय वर्णन,...

Newswrap हिन्दुस्तान, गुड़गांवSun, 9 March 2025 10:01 PM
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अनकहे प्रेम की कहानी 'वो अफसाना' को लोगों ने सराहा

गुरुग्राम, कार्यालय संवाददाता। मिलेनियम सिटी में शनिवार देर शाम टीम राब्ता की ओर से प्रस्तुति किए नाटक 'वो अफ़साना' ने… लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसमें नाटकीय वर्णन, कविता, लाइव संगीत और गायन के माध्यम से बीते हुए युग को प्रस्तुत किया। कथा दो महान कवियों के बीच अनकहे प्रेम को बुनती है। यह नाटक पंजाबी लेखिका अमृता प्रीतम, उर्दू कवि और गीतकार साहिर लुधियानवी के बीच अनकहे बंधन के बारे में है। संगीतमय और नाट्य प्रस्तुति में उनके जीवन के अंशों को नाटकीय वर्णन, कविता पाठ और गीत प्रस्तुतियों के माध्यम से उनके बीच दर्द और लगाव को बुना गया। सुंशात लोक फेज-एक के द पाम क्लब में आयोजित नाटक 'वो अफ़साना' में साहिर का किरदार शमिर, अमृता का जयश्री, गायक अंकित और श्रेया, लाइट एंड साउंड स्वाति की ओर से दिया गया। टीम राब्ता के सभी कलाकार दिल्ली के रहने वाले हैं। आठ मार्च को साहिर का जन्म दिन था। यह प्रस्तुति देकर लोगों को अपनी तरफ खींचने की कोशिश की गई। जयश्री ने कहा कि हमने डेढ़ साल तक शोध किया। दृश्यों में सुधार किया। यादों को नाटकीय रूप दिया। यह नाटक अमृता प्रीतम की तरफ से लिखी गई किताब रसीदी टिकट, चंदर वर्मा और डॉ. सलमान आबिद की तरफ से लिखी गई किताब 'मैं साहिर हूं' में लिखे गए तथ्यों से प्रेरित है। इस नाटक का रूपांतरण सुदेश सेठी, जयश्री ने किया। इसके गाने श्रेया और अंकित ने प्रस्तुत किए।

गुरुग्राम में चौथी बार मंचन को सराहा गया

टीम राब्ता के निर्देशक शमिर ने कहा कि इस नाटक का अब तक 19 बार मंचन किया है। गुरुग्राम में चौथी बार नाटक प्रस्तुत किया। इसे दर्शकों ने खूब सराहा। यह नाटक कविता प्रेमियों और उन लोगों के लिए एक उपहार है, जो महानगरीय शहरों की प्रौद्योगिकी संचालित हलचल के बीच भी साहित्य में गहरी रुचि रखते हैं।

साहिर के आधे जीवन की झलक दिखी

शमिर ने कहा कि साहिर के आधे जीवन की झलक दिखाया जाता है। साहिर 12 से 23 वर्ष की आयु के बीच वे दर्दनाक दौर से गुज़रे और तल्खियां और परछाइयां जैसी अपनी कुछ सबसे मार्मिक रचनाएं कीं। कैसे वे पंजाबी लेखिका थीं। दोनों ने एक-दूसरे के लिए लगाव महसूस किया, जो नाटक का सार है।

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