टूटी सड़कों और पानी की किल्लत से परेशान है तीन वार्डों के मतदाता
वार्ड आईना: निगम चुनाव को लेकर प्रचार-प्रसार जोरों से शुरू हो चुका है। प्रत्याशी अपने एजेंडों को लेकर मतदाताओं के पास पहुंच रहे हैं। रविार को शहर में
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गुरुग्राम, कार्यालय संवाददाता। नगर निगम गुरुग्राम की नई वार्ड बंदी के अनुसार वार्ड- 22, 23 और वार्ड-24 पुराने और नए शहर के बीच का क्षेत्र आता है। यहां लोगों को टूटी सड़कें, कूड़े के ढेर, गर्मी के मौसम में पानी की किल्लत सहित जलभराव की समस्या से जूझना पड़ रहा है। वार्ड-22 में सेक्टर-42, सेक्टर-43, डीएलएफ सिटी फेस-5, सुशांत लोक-1, डीएलएफ सिटी-4 का क्षेत्र आता है। वार्ड-23 में सेक्टर-26ए, चक्करपुर, सरस्वती विहार, डीएलएफ फेस-1 ई-ब्लॉक, डी ब्लॉक, विवेकानंद ब्लॉक, डीएलएफ कुतुब एंकलेव और सेक्टर-27 का क्षेत्र आता है। वहीं वार्ड-24 में सेक्टर-41, 44, 45, नया गांव, गांव कन्हई, सुशांत लोक ब्लॉक डी का क्षेत्र शामिल है। इन तीनों वार्ड क्षेत्र को न्यू गुरुग्राम कहा जाता है, लेकिन यहां लोगों को सबसे ज्यादा टूटी सड़कें समेत तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
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पांच प्रमुख समस्याएं
1- इन वार्डों में सबसे ज्यादा परेशानी मानसून में जलभराव में होती है।
2- सीवर जाम, ओवरफ्लो होकर पानी घरों के आगे भरा रहता है।
3- गलियों और सड़कों पर अतिक्रमण के कारण लगने वाला ट्रैफिक जाम
4- टूटी सड़कों पर बने गहरे गड्ढे भी बड़ी समस्या है।
5- अतिक्रमण को लेकर यहां हर समय जाम की समस्या रहती है।
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क्या कहते हैं लोग :-
1.
यहां लोग सीवर जाम, टूटी सड़कें, मॉनसून में जलभराव और अतिक्रमण की परेशानियों से जूझ रहे हैं। सेक्टर-45 में हर जगह गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। दो साल से सड़क मरम्मत के लिए निगम अधिकारियों के पास चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन आज तक कोई भी समाधान नहीं हुआ है। चुनाव में हर कोई बड़े-बड़े दावे करता है, लेकिन धरात्तल पर लोगों को कोई बदलाव नजर नहीं आ रहा है। पांच साल से सेक्टर के लोग तमाम परेशानियों से जूझ रहे हैं।
- पुनित पाहवा, सेक्टर-45 आरडब्ल्यूए महासचिव, वार्ड- 24 निवासी
2.
वार्ड की सरस्वती एंकलेव में लोग सीवर जाम, गलियों में भरे सीवर के पानी, टूटी सड़कें और गंदगी के ढेरों से परेशान है। जगह-जगह सड़कों पर सीवर ओवरफ्लो रहा है। पानी की लाइनें भी लीकेज की समस्या है। इन समस्याओं को लेकर लगातार शिकायतें की गई थी, लेकिन आज तक कोई समाधान नहीं हुआ है। गर्मी के मौसम में लोगों के घरों में पानी की आपूर्ति तक नहीं मिल पाती है। लोगों को टैंकरों से महंगे दामों में पानी खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है। अब नए पार्षदों से उम्मीद है कि उनके आने से वार्ड में कुछ बदलाव होगा।
- संजीत कुमार, वार्ड-22 निवासी
ज्वलंत मुद्दा:-
वार्ड-22, 23 और 24 के क्षेत्रों में ज्वलंत मुद्दा है कि इन तीनों वार्ड क्षेत्रों में लोग सबसे ज्यादा टूटी सड़कों, जलभराव, अतिक्रमण की समस्या से जूझ रहे हैं। सेक्टर और कॉलोनियों में गर्मी के मौसम में पानी की किल्लत की भी समस्या ज्यादा रहती है। बारिश में जलभराव सबसे ज्यादा होता है। मानसून में जलभराव के कारण लोगों के घरों के अंदर तक पानी भर जाता है। मानसून के दौरान कॉलोनियों और सेक्टरों में सबसे ज्यादा जलभराव होता है। इसके अलावा इन क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था का बूरा हाल है। लोग निगम में सफाई को लेकर हर दिन शिकायतें दर्ज कर रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है। इसके अलावा अतिक्रमण के कारण सड़कें संकरी हो चुकी है। यहां ट्रैफिक व्यवस्था नहीं होने के कारण पीक आवर्स में घंटो जाम से जूझना पड़ता है। इस कारण लोगों को तमाम परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। स्थानीय निवासियों द्वारा सीवर जाम की परेशानी को लेकर कई बार विरोध किया, निगम अधिकारियों को शिकायत दी, लेकिन इसके बाद भी आज तक लोगों की समस्या का स्थायी समाधान नहीं हो सका है।
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