सोहना मंडी में धान की सरकारी खरीद नहीं हो रही
किसान सोहना अनाज मंडी में भी धान की सरकारी खरीद किए जाने की मांग कर रहे हैं। स्थानीय मंडी में धान की सरकारी खरीद न होने से...
सोहना। किसान सोहना अनाज मंडी में भी धान की सरकारी खरीद किए जाने की मांग कर रहे हैं। स्थानीय मंडी में धान की सरकारी खरीद न होने से किसान
अपनी फसल को औने-पौने दाम में बेचने के लिए मजबूर हो रहे हैं। सोहना से लगती पलवल, नूंह, गुरुग्राम, पटौदी आदि की अनाज मंडियों में धान की सरकारी खरीद होती है। जहां पर किसानों को उनकी फसल का सरकार द्वारा निरधारित धान की फसल का तय पैसा मिलता है। इस बार धान की 1509 किस्म के धान का सरकारी मूल्य किसान ने 1888 रुपये तय किया है। सोहना अनाज मंडी में भी सबसे ज्यादा अब तक जो आवक हुई है। वह 1509 किस्म के धान की 1483 क्विंटल आवक हुई है। इस बार क्षेत्र किसानों ने करीब पांच हजार एकड़ जमीन में धान की बिजाई की थी।
किसानों को हो रही परेशानी: धान की फसल को औने-पौने भाव में बेचने के लिए मजबूर किसान तेजराम का कहना है कि स्थानीय मंडी को छोड़कर किसान अन्य स्थान पर नहीं जा सकता। क्योंकि उनका व्यापार स्थानीय मंडी में बैठे आढ़तियों से ही चलता है। अन्य मंडियों में धान को बेचने के लिए लेकर जाना बहुत की नुकसान होता है। किसान जगदीश का कहना है कि सोहना मंडी में किसान सरकार द्वारा निर्धारित कीमत से 250 से लेकर 300 रुपये कम बेच रहा है। जिसकी खरीद आढ़ती ही करते हैं। इसके साथ जो सरकार किसान को बोनस देती है। उसके मिलाकर किसान को एक क्विंटल पर करीब 400 रुपये का आर्थिक नुकसान हो रहा है।
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