ईडी ने बिल्डर की 68 करोड़ की संपत्ति जब्त की
- प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के गुरुग्राम क्षेत्रीय कार्यालय ने 27.36 करोड़ रुपये की कृषि भूमि सहित नौ संपत्तियों को जब्त किया
गुरुग्राम, कार्यालय संवाददाता। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत वाटिका लिमिटेड की 68.59 करोड़ रुपये की संपत्ति को अस्थायी रूप से जब्त किया है। इन नौ संपत्तियों में कृषि योग्य 27.36 एकड़ जमीन शामिल है। इस बिल्डर के खिलाफ दर्ज मुकदमे के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने जांच शुरू की है। तीन साल पहले वर्ष 2021 में दिल्ली की आर्थिक अपराध शाखा ने वाटिका लिमिटेड और इसके प्रबंध निदेशक एवं निदेशक अनिल भल्ला, गौतम भल्ला आदि के खिलाफ निवेशकों से करोड़ों की रकम ठगने का मामला दर्ज किया था। बिल्डर ने निवेशकों को सुनिश्चित वापसी (एश्योर्ड रिटर्न) का भरोसा दिया था। इसके साथ परियोजना के पूरा होने के बाद लीज पर चढ़ाकर उच्च मूल्य किराया दिलाने का आश्वासन दिया था। करोड़ों रुपये लेने के बाद पहले तो सुनिश्चित राशि वापस करना बंद कर दिया। इसके बाद शोरूम, दुकान और कार्यालय का कब्जा नहीं सौंपा गया। जांच के दौरान पता चला कि बिल्डर ने निवेशकों के साथ धोखाधड़ी की है। इसके अलावा इस बिल्डर पर यह भी आरोप है कि इसने नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग से जारी लाइसेंस की समयावधि को नहीं बढ़ाया है। लाइसेंस की समयावधि समाप्त हो चुकी है।
जांच में पता चला कि बिल्डर ने करीब 600 निवेशकों के साथ ठगी की है। चार योजनाओं में करीब 248 करोड़ रुपये लिए गए। इनमें सेक्ट-83 स्थित वाटिका इंडिया नेक्स्ट सिटी सेंटर के टावर डी, ई और एफ, वाटिका हाई स्ट्रीट वीलांटे, गोल्फ कोर्स रोड स्थित वाटिका टावर्स सी और फरीदाबाद का वाटिका माइंडस्केप्स का टावर सी शामिल है। इन परियोजनाओं को आठ से 12 साल पहले लांच किया था, लेकिन अब तक खरीदारों को कब्जा नहीं दिया जा सका है। कुछ परियोजनाएं अब तक पूरी नहीं हो सकी है। बिल्डर ने अब तक निवेशकों के नाम पर दुकान, शोरूम या कार्यालयों की रजिस्ट्री नहीं करवाई। बता दें कि पिछले साल अक्टूबर माह में ईडी ने इस बिल्डर की 15 ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें करीब 200 करोड़ रुपये संपत्ति जब्त की थी।
किन-किन परियोजनाओं में देरी हुई
वाटिका इंडिया नेक्स्ट सिटी सेंटर साल 2008 में शुरू हुआ था। अब तक नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग से इसका कब्जा प्रमाणपत्र नहीं आया है। इसमें करीब एक हजार लोगों ने निवेश किया हुआ है। वाटिका टावर्स सी को साल 2014 में बेच दिया, लेकिन अब तक यह शुरू नहीं हुआ है। खास बात यह है कि अब तक इस परियोजना को लेकर नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग से लाइसेंस तक नहीं मिला है।
ईडी में की गई थी शिकायत
वाटिका इनवेस्टर वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान रवि लूथरा ने बताया कि सेक्टर-83 स्थित वाटिका हाई स्ट्रीट (वीलांटे) में 100 निवेशकों ने करीब 100 करोड़ रुपये निवेश किए हुए हैं। ये परियोजना साल 2016 में लांच हुई थी, लेकिन अब तक 20 प्रतिशत काम हुआ है। इस परियोजना के तहत साल 2020 तक कब्जा दिया जाना था। यह परियोजना कब तक पूरी हो जाएगी, यह जवाब नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने ही इस मामले में ईडी में शिकायत की थी।
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