प्रदूषण में कमी से पक्षी रिहायशी इलाकों में लौटे, सुबह-सवेरे सुनाई दे रही कलरव
मिलेनियम सिटी में लॉकडाउन में ध्वनी और वायु प्रदूषण में हुए सुधार से घरों तक पक्षियों की चहचहाट पहुंच रही है। लॉकडाउन से पहले इन पक्षियों की आवाज नहीं सुनाई देती थी। लेकिन अब पक्षियों की चहचहाट...
लॉकडाउन के बीच मिलेनियम सिटी के लोगों के लिए एक अच्छी खबर है। लोगों की गतिविधियों में कमी के कारण शहर में ध्वनि और वायु प्रदूषण में कमी आई है। इससे घरों तक पक्षियों की चहचहाहट सुनाई देने लगी है। आजकल रिहायशी इलाकों में घरों की छतों पर कोयल, मैगपाई रॉबिन, ग्रीन पीजप, गौरैया,रेड वेटेंड बुल-बुल सहित अन्य पक्षी छतों पर नजर आने लगे हैं। इससे पहले अल सुबह भी पक्षियों का कलरव सुनने को नहीं मिलता था। ऐसी आवाजों के लिए जंगल की राह देखनी पड़ती थी।
पक्षी विशेषज्ञों का कहना हे कि शांत और साफ हवा वाला वातावरण पक्षियों के अनुकूल होता है। इस मौसम में पक्षी ब्रीडिंग करते हैं। इस दौरान उनको ऐसा माहौल मिलना उनके लिए काफी बेहतर होता है। इसीलिए दिन-भर पक्षियों की आवाज को सुना जा रहा है, प्रदूषण में कमी से ये रिहायशी इलाकों में भी दिखाई दे रहे हैं। वन्यजीव संरक्षक अनिल गंडास ने बताया कि सुल्तानपुर बर्ड सेंचुरी में अभी भी तीन हजार के लगभग पक्षी रह रहे हैं। इनमें से कुछ पक्षी ऐसे भी हैं,जो फरवरी के आखिरी सप्ताह तक यहां से चले जाते थे। लेकिन ध्वनि प्रदूषण में आई कमी और साफ हवा के कारण देश के दूसरे राज्यों के रहने वाले प्रवासी पक्षी रूके हुए हैं। इनमें लॉंगलेंग बजर्ड, नार्दर्न लैपविंग, ग्रेटर पेलिकन, कॉमन क्रेस्ट्रल, मार्स हरियर,कॉमन क्रेल आदि हैं। इसके अलावा कई सालों बाद भोंडसी में स्थित चन्द्र शेखर उपवन में फ़ायर कैपपड टीट एक चिडिया आई है।
ऐसा वातावरण पक्षियों के अनुकूल
-बर्ड रिसर्चर पंकज ने बताया कि पहले भी पक्षी होते थे, लेकिन सक्रिय नहीं होते थे। प्रदूषण में कमी के कारण पक्षियों ने भी रिहायशी इलाकों का रुख किया है। अप्रैल माह में ज्यादातर पक्षी ब्रीडिंग करते हैं। इस दौरान उनके अनुकूल वातावरण होना अच्छा होता है। इस दौरान उनकी आवाज भी काफी तेज होती है। हालांकि पहले ध्वनि प्रदूषण ज्यादा होने से आवाज नहीं सुनाई देती थी और पक्षी भी काफी कम आते थे। इधर इनकी संख्या में बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा गौरैया चिडिया खुली जगह पर दिखाई देती थी, लेकिन अब वह घरों के आसपास भी दिख रही है।
रिहायशी इलाकों में दिख रहे पक्षी
-रेड वेटेंड बुल-बुल
-ब्राउन हेडड बारबेट
-मैगपाई रॉबिन
-ग्रीन पिजन
-वुड पैकर
-सन बर्ड
-कोयल
-गौरेया
सुल्तानपुर झील में मौजूद पक्षी
-लॉंगलेंग बजर्ड
-नारदन लैपविग
-ग्रेटर पेलिकन
-कॉमन क्रेस्ट्रल
-मार्स हरियर
-कॉमन क्रेल
-परपल हैरोन
-ग्रे हैरोन
-रूडी शैलडक
-सारस क्रैन
तीन साल का अप्रैल माह का वायु प्रदूषण का स्तर Üðएक्यूआई
दिन 2020 2019 2018
01 अप्रैल 69 124 182
02 अप्रैल 72 174 197
03 अप्रैल 82 162 268
04 अप्रैल 89 201 241
05 अप्रैल 91 282 376
06 अप्रैल 106 -- 279
07 अप्रैल 86 295 110
08 अप्रैल -- 174
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