अष्टमी पर श्रद्धालुओं ने कंजक पूजन कर खोला व्रत
गुरुग्राम। नवरात्र के आठवें दिन लोगों ने महागौरी की पूजा-अर्चना की। भक्तों ने अष्टमी...
गुरुग्राम। नवरात्र के आठवें दिन लोगों ने महागौरी की पूजा-अर्चना की। भक्तों ने अष्टमी पर कंजक पूजन कर व्रत खोला। कोरोना को लेकर हर घर में कन्याओं का पूजन किया गया। पूजन के दिन श्रद्धालुओं को बेटियों की अहमियत पता चली। कन्याओं के पूजन के लिए एक दूसरे के घर नहीं भेजा। कजंक पूजन के बाद ही व्रतियों ने व्रत खोले।
सुबह से ही लोग विभिन्न मंदिरों में माथा टेकते नजर आए जो देर शाम तक जारी था। इन मंदिरों में शीतला माता, गुफावाला, भूतेश्वर, सिद्धेश्वर, प्रेम मंदिर, श्रीकृष्ण राधान मंदिर, बाबा प्रकाशपुरी इत्यादि प्रमुख थे। झाड़सा के श्रीराधा-कृष्ण मंदिर में लोगों ने कंजकों को बैठाकर अपना-अपना व्रत खोला। अष्टमी वाले दिन मां के भक्त अपना व्रत खोलते हैं, जो नवरात्र के आखिरी दिन मां दुर्गा की आठवीं शक्ति महागौरी की पूजा-अर्चना करते हैं। वेद पुराणों के अनुसार मां गौरी की अवस्था केवल आठ वर्ष की मानी गई है, जिसे शांति का रूप माना गया है। बताते हैं कि जब यह माता भगवान शिव की अराधना कर रही थी तो धूल-मिट्टी के इनके शरीर पर चढ़ने के कारण वह मलिन हो गया था। जिसे भगवान शिव ने गंगाजल से धोया था। तब से यह माता महागौरी के नाम से विख्यात हुई।
दूसरे मोहल्ले से नहीं लेने पहुंचे कन्या:
कोरोना के बढ़ते मामले को लेकर पूजन के दौरान कंजक कमी को पूरा करने के लिए दूसरे मोहल्ले तक लोग नहीं गए। सिर्फ उनके घर पर कंजक को हलवा-पुरी के साथ उपहार और दक्षिणा पहुंचाए। श्रद्धालुओं ने बताया कि सुबह पूजन की तैयारी कर ली, जिस समय पूजन पूरा करने का समय आया तो बेटियों की कमी हो गई। कोरोना को देखते हुए तीन कन्याओं को घर पर हलवा-पुरी,चने पहुंचाया। पड़ोसी कन्याओं को घरों में भोजन कराया।
पूजा से सुख, शांति की प्राप्ति होती है:
पंडित अमरचंद भारद्वाज ने बताया कि मां दुर्गा के आठवें स्वरूप माता महागौरी की पूजा की। इनकी पूजा करने से अखंड सौभाग्य और सुख, शांति की प्राप्ति होती है। महागौरी को पूजा में चमेली के फूल, सेब, पंच मेवा, लोग का जोड़ा अति प्रिय है। कन्याओं को पूजा करने से उत्तम फल प्राप्त होता है।अष्टमी पर लोगों ने अपने उपवास खोले। घरों में कन्याओं को भोजन कराया। विभिन्न फलों के साथ उपहार भी भेंट किए।
कम पहुंचे श्रद्धालु:
शीतला माता मंदिर अधिकारी यज्ञदत्त शर्मा ने कहा कि अष्टमी पर व्रत खोलने के लिए मां का दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ होती है, लेकिन इस बार कोरोना बढ़ने के डर से कम श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचे।
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