अधिकारियों की लापरवाही के कारण सड़कों पर छाया अंधेरा
सोहना में नगर परिषद की खराब स्ट्रीट लाइटों के कारण स्थानीय लोग अंधकार में जीने को मजबूर हैं। अधिकारी और कर्मचारी समय पर लाइटों का निरीक्षण नहीं करते, जिससे 30 से 40 फीसदी लाइटें खराब पड़ी हैं। लोग...

सोहना, संवाददाता। नगर परिषद की सड़कों पर लगी स्ट्रीट लाइटों की हालत खराब होने के कारण अंधकार में डूबी हुई है। नप के कर्मचारी से लेकर जिम्मेदार अधिकारी खराब स्ट्रीट लाइटों को शिकायत मिलने पर ही ठीक करवाते हैं। अधिकारियों की इस लापरवाही के कारण राहगीरों सहित स्थानीय लोगों को तमाम परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। नगर परिषद सीमा के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में जाने वाली सड़कों पर खराब पड़ी स्ट्रीट लाइटों के कारण अंधेरा छाया हुआ है। दिन ढहलने के साथ ही शहर से खाईका, सांप की नंगली, तावडू, पुराना अलवर मार्ग, नूंह मार्ग, पलवल मार्ग, बालूदा समेत अन्य सड़कें अंधकार में डूब जाती है। इस मुख्य कारण यह है कि नगर परिषद के कर्मचारी और अधिकारी समय-समय पर मार्गों पर लगी स्ट्रीट लाइटों का निरीक्षण तक नहीं करते हैं। आमजन का आरोप है कि रात के समय में कभी भी परिषद का कोई कर्मचारी व अधिकारी जांच करने के लिए नहीं आते हैं। जिसके कारण वर्तमान समय में 30 से 40 फीसदी स्ट्रीट लाइटें खराब पड़ी हैं। जबकि स्ट्रीट लाइटों की मरम्मत और लगाने के लिए नगर परिषद ने अलग-अलग एजेंसियों को ठेका दिया हुआ है। जिन्हें परिषद से लाखों रुपये का भुगतान किया जाता है। स्ट्रीट लाइट की सुविधा देने के उद्देश्य से नगर परिषद शहरवासियों से प्रोपर्टी टैक्स वसूली के दौरान वसूल करती है। इसके बावजूद परिषद सीमा क्षेत्र की सड़कों पर दो-दो माह तक अंधेरा छाया रहता है।
- अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप
नगर परिषद कार्यालय में तैनात स्ट्रीट लाइटों की देखरेख करने वाले कर्मचारी से लेकर अधिकारियों पर अनदेखी का आरोप लग रहे हैं। आम लोग नगर परिषद कार्यालय में जाकर या वार्ड पार्षद सदन की होने वाली बैठकों में खराब स्ट्रीट लाइटों की शिकायत करते है। वार्ड-6 के पार्षद राकेश कुमार का कहना है कि रात के समय में नप के कर्मचारी कभी भी जांच करने के लिए सड़कों का दौरा नहीं करते हैं। रात के समय में भी कर्मचारी व अधिकारियों को स्ट्रीट लाइटों की जांच करने के लिए ड्यूटी लगनी चाहिए।
:कोट
खराब स्ट्रीट लाइटों को ठीक करने की कवायद शुरु कर दी है। एक दो स्थानों पर केवल खराब होने के कारण से स्ट्रीट लाइटें खराब थी।
-रविंद्र डागर, लाइट इंस्पेक्टर, नगर परिषद
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।