पुलिस की गिरफ्त से भागने को छत से लगाई छलांग, मौत
मध्यप्रदेश पुलिस की गिरफ्त से बचने के चक्कर में 23 वर्षीय साइबर अपराधी हिमांशु ने होटल की तीसरी मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। वह बिहार के मधेपुरा का निवासी था। गिरने से उसकी मौत हो गई, और शव को...
सोहना, संवाददाता। मध्यप्रदेश पुलिस की चंगुल से भागने के चक्कर में 23 वर्षीय साइबर अपराधी की होटल की तीसरी मंजिल से कूदने से मौत हो गई। आरोपी हिमांशु मूलरूप से बिहार के मधेपुरा के गांव सुखासीन का रहने वाला था। शव को सोहना से गुरुग्राम सेक्टर-10 के नागरिक अस्पताल में भेजा गया है, जहां बुधवार को डॉक्टरों की बोर्ड टीम पोस्टमार्टम करेगी। मंगलवार को मध्यप्रदेश की पुलिस साइबर अपराध के मामले में गिरफ्तार किए 4 आरोपियों को सोहना में सामान्य बस स्टैंड के सामने तीसरी मंजिला पर बने सैफ्फोर्न ओयो होटल में लेकर ठहरी हुई थी। दोपहर करीब एक बजे आरोपी हिमांशु ने कमरे में मौजूद पुलिस कर्मियों से बाथरूम जाने की बताकर बालकनी की तरफ चला गया। बालकनी से उसने नीचे से गुजर रहे बिजली के केबल को पकड़ने के इरादे से छलांग लगा दी, लेकिन केबल वह नहीं पकड़ सका और सिर के बल नीचे आ गिरा। उसकी दाहिने तरफ की पसलियां टूट गई और सिर में गंभीर चोटे लगी। उसके गिरने की आवाज सुनकर पुलिसकर्मी उसकी तरफ दौड़े और आनन-फानन में उसे नागरिक अस्पताल में दाखिल कराया, जहां डॉक्टरों की जांच के दौरान आरोपी ने दम तोड़ दिया। मध्यप्रदेश पुलिस ने मृतक के परिजनों को फोन करके गुरुग्राम बुलाया है। वहीं, मध्यप्रदेश पुलिस के इंस्पेक्टर राहुल शर्मा ने किसी प्रकार की जानकारी देने से मना कर दिया।
चार दिन से ठहरी थी मध्यप्रदेश पुलिस
ओयो संचालक जितेंद्र ने बताया कि मध्यप्रदेश की पुलिस तीन जनवरी से उनके यहां ठहरी हुई थी। सोमवार को दो कमरे बुक कराए थे। दोनों कमरों में ठहरने वालों की संख्या 9 थी। सूत्रों के अनुसार मध्यप्रदेश पुलिस ने चार दिन में चार अपराधियों को भोंडसी थाना क्षेत्र से सोसाइटी में से गिरफ्तार किया था।
चार घंटे के बाद पुलिस ने लिया शव
मध्यप्रदेश पुलिस ने मृतक अपराधी की सूचना न तो स्थानीय शहर थाना सोहना पुलिस को दी और न ही भोंडसी थाना पुलिस को आरोपियों को गिरफ्तार करने के दौरान सूचना दी। अपराधी के दम तोड़ देने की सूचना नागरिक अस्पताल के डॉक्टर ने स्थानीय पुलिस को दी। सूचना मिलने पर शहर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर प्रवीण कुमार अपनी पूरी टीम के साथ नागरिक अस्पताल में पहुंचे। करीब चार घंटे बीत जाने के बाद मध्यप्रदेश पुलिस ने आरोपी के शव को पोस्मार्टम के लिए दिया।
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