अदालत ने बिजली चोरी का मामला पाया गलत
गुरुग्राम में एक उपभोक्ता ने बिजली चोरी के झूठे आरोप के खिलाफ अदालत में केस दायर किया। सिविल जज ने बिजली निगम को आदेश दिया कि उपभोक्ता द्वारा जमा कराई गई जुर्माना राशि का 24 प्रतिशत ब्याज सहित भुगतान...
गुरुग्राम। बिजली चोरी के मामले की सुनवाई करते हुए सिविल जज गौरांग शर्मा की अदालत ने बिजली चोरी के मामलों की सुनवाई करते हुए गलत पाया। कोर्ट ने बिजली निगम को आदेश दिए हैं कि उपभोक्ता द्वारा जमा कराई गई जुर्माना राशि का भुगतान 24 प्रतिशत ब्याज दर से वापस किया जाए। जिले के गांव टीकली के उपभोक्ता सत्यवान के अधिवक्ता क्षितिज मेहता से प्राप्त जानकारी के अनुसार उपभोक्ता को फरवरी 2019 से नवंबर 2019 तक बिजली के बिल नहीं दिए गए थे। जिसके लिए वह बिजली निगम के कार्यालय के चक्कर लगाता रहा और उसे बाद में 34 हजार 7 रुपए का बिल थमा दिया। उसने इस बिल का भुगतान बिजली निगम को कर भी दिया। इसी दौरान उसे बताया गया कि 30 जुलाई 2019 को बिजली निगम ने चैकिंग के दौरान पाया था कि वह मीटर बाईपास कर बिजली की चोरी कर रहा है और उस पर 45 हजार 104 रुपए का जुर्माना भी लगा दिया था।
उपभोक्ता जिला अदालत में बतौर गार्ड का काम करता है। उसके पास जुर्माना राशि भरने की पर्याप्त धनराशि भी नहीं थी, फिर भी उसने जैसे-तैसे कर जुर्माना राशि इस भय से भर दी थी कि कहीं बिजली निगम उसका कनेक्शन न काट दे और 2 दिसंबर 2019 को उसने अदालत में बिजली निगम के खिलाफ केस दायर कर दिया था।
अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए बिजली चोरी के आरोपों को गलत करार देते हुए बिजली निगम को आदेश दिया कि जमा कराई गई जुर्माना राशि का भुगतान 24 प्रतिशत ब्याज दर से किया जाए। उपभोक्ता का कहना है कि वह अब बिजली निगम पर मानहानि का केस भी दायर करेगा।
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