एनओसी न मिलने के चलते मानेसर में महिला कॉलेज निर्माण कार्य अटका
एनओसी न मिलने के चलते मानेसर में महिला कॉलेज निर्माण कार्य अटकाएनओसी न मिलने के चलते मानेसर में महिला कॉलेज निर्माण कार्य...
गुरुग्राम। आवेदन करने के पांच माह बाद भी उच्च शिक्षा विभाग को मानेसर में महिला कॉलेज का निर्माण कराने के लिए अभी भी वन विभाग से एनओसी मिलने का इंतजार करना पड़ रहा है। एनओसी न मिलने के कारण महिला कॉलेज की स्थाई इमारत बनाने का काम शुरू नहीं हो पा रहा है। ऐसे में छात्राओं को अगले सत्र में भी कॉलेज की स्थाई इमारत मिलने की उम्मीद कम है। कॉलेज का निर्माण लोक निर्माण विभाग ने करना है। विभाग के अधिकारियों के अनुसार एसओसी मिलने के बाद ही काम शुरू हो पाएगा।
कॉलेज का निर्माण मानेसर में पहाड़ी क्षेत्र के पास लगती वन विभाग की करीब साढ़े सात एकड़ समतल जमीन पर होना है। कॉलेज निर्माण के लिए उच्चतर शिक्षा विभाग 12 करोड़ रुपये का बजट भी अलॉट कर चुका है। स्थाई इमारत न होने के कारण विभाग को अस्थाई तौर पर इमारत किराये पर लेकर छात्राओं की कक्षाएं लगानी पड़ रही हैं। स्थाई इमारत का निर्माण कार्य करने के लिए उच्चतर शिक्षा विभाग की ओर से गत वर्ष सितंबर माह में एनओसी के लिए वन विभाग के पास आवेदन भी कर दिया गया था, लेकिन उच्चत शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार अभी तक भी वन विभाग से एनओसी नहीं मिल पाई है।
2014 में हुई थी कॉलेज निर्माण की घोषणा
मानेसर में महिला कॉलेज के निर्माण की घोषणा मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वर्ष 2014 में की थी। जमीनी अड़चन के कारण मानेसर में राजकीय महिला कॉलेज का निर्माण अभी तक भी शुरू नहीं हो सका है। मानेसर में पहाड़ी जमीन के पास सात एकड़ में राजकीय महिला कॉलेज बनाने का फैसला लिया गया था। अरावली क्षेत्र व वन विभाग की जमीन होने के कारण जगह को लेकर पहले विवाद चला। बाद में गांव की पंचायत ने इस जमीन के बदले वन विभाग को इतनी ही जमीन दे दी। उसके बाद वन विभाग से एनओसी लेने को लेकर काफी समय तक यह मामला ठंडे बस्ते में पड़ा रहा। विभाग इस बात को लेकर स्पष्ट नहीं थे एनओसी के लिए आवेन उच्चतर शिक्षा विभाग करे, कॉलेज में निर्माण करने वाला पीडब्ल्यूडी या जमीन देने वाली पंचायत।
कॉलेज निर्माण के लिए ग्रामीण कर चुके हैं अनशन
कॉलेज निर्माण में देरी के चलते एक ओर जहां छात्राएं दूर-दराज के कॉलेजों में जाने को मजबूर हैं, वहीं अभिभावक भी उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। कॉलेज का जल्द निर्माण कराने को लेकर अगस्त 2019 में ग्रामीणों ने भूख हड़ताल भी की थी। हालांकि उस समय तत्कालीन स्थानीय विधायक और तत्कालीन जिला उपायुक्त ने कॉलेज का निर्माण जल्द शुरू कराने का आश्वासन देकर ग्रामीणों की भूख हड़ताल खत्म करवाई थी। बावजूद अभी तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है।
पॉलीटेकनिक कॉलेज में लग रही हैं छात्राओं की कक्षाएं
स्थाई इमारत तैयार न होने की वजह से छात्राओं की कक्षाएं बीते दो सालों से मानेसर के पोलीटेकनिक कॉलेज में लग रही हैं। सत्र 2019 से कक्षाएं लगनी शुरू हो गई थी। सत्र 2020 में दाखिला ले चुकी छात्राओं की कक्षाएं भी वहीं चल रही हैं। अस्थाई इमारत में छात्राओं को वह सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं, जो सुविधाएं अन्य कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों को मिलती हैं। कंप्यूटर लैब से लेकर पुस्तकालय, ऑडीटोरियम आदि की सुविधाओं से भी छात्राएं वंचित हैं।
बयान:
उच्चतर शिक्षा विभाग ने एनओसी के लिए वन विभाग के पास आवेदन किया था। अभी तक शिक्षा विभाग को वहां से एनओसी नहीं मिली है। शिक्षा विभाग यह एनओसी पीडब्ल्यूडी को जमा करवाएगा। एनओसी मिलने के बाद ही मानेसर महिला कॉलेज का निर्माण शुरू कर सकेंगे।
-राजीव यादव, अधीक्षण अभियंता, लोक निर्माण विभाग
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