Hindi Newsएनसीआर न्यूज़गुड़गांवBuilders are building buildings in Palam Vihar using drinking water

पालम विहार में पीने के पानी से बिल्डर बना रहे हैं इमारतें

गुरुग्राम। पालम विहार के सी-1 ब्लाक में बिल्डर अवैध तरीके से पीने के पानी से

Newswrap हिन्दुस्तान, गुड़गांवThu, 8 April 2021 11:40 PM
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गुरुग्राम। पालम विहार के सी-1 ब्लाक में बिल्डर अवैध तरीके से पीने के पानी से बिल्डिंग बना रहे है। रोज हजारों लीटर बर्बाद करते है। जिससे ब्लाक के दो हजार लोगों को पीने का पानी पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल रहा है। लोगों का आरोप है कि यहां बिल्डर क़ानून के धज्जिंया उड़ा रहे है। लेकिन शिकायतों के बाद भी कार्रवाई नहीं हो रही है।

शिकायत के बाद कार्रवाई नहीं

पालम विहार के रहने वाले सुधीर दलाल ने कहा कि कंस्ट्रक्शन में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट से ट्रीट वॉटर का इस्तेमाल होना चाहिए। इसको लेकर उन्होंने नगर निगम, जीएमडीए, सीएम समेत अन्य विभागों को शिकायत दी है। लेकिन कार्रवाई नहीं होने से ब्लाक में लोगों को पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं आ रहा है।

अर्जुन नगर में गंदे पानी की आपूर्ति

पिछले कुछ दिनों से अर्जुन नगर के लोग गंदे पानी की समस्या (सीवरेज पानी) का सामना कर रहे हैं। सीवरेज का पानी की आपूर्ति हो रही हैं। अर्जुन नगर के गली नंबर 8 निवासी पीयूष बब्बर ने कहा कि समस्या को हल करने में नगर निगम मदद करें। उनके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है। शिकायत के बाद निगम का कर्मचारी मौके पर पहुंच कर चेक किया। उसने बताया कि सीवर लाइन बंद होने से गंदे पानी की आपूर्ति हो रही है। शुक्रवार तक आपूर्ति ठीक करने की बात कही है।

इन क्षेत्रों में निर्माण में पीने का पानी इस्तेमाल

शहर की लाइसेंस कॉलोनियों डीएलएफ, साउथ सिटी-1 और 2, मेफिल्ड गार्डन, मालिबू टाउन, पालम विहार, सुशांतलोक फेज-1, 2 और 3 आदि में मकानों के निर्माण में किस तरह का पीने का पानी इस्तेमाल किया जा रहा है। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती है। जीएमडीए ने निर्माण कार्यो में लोगों और बिल्डरों से सीवरेज प्लांट पर ट्रीटेट पानी का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया है। इसको लेकर शहर में पाइप लाइन बिछाकर प्वाइंट बनाए गए हैं। जहां से पानी लिया जाता है।

टीम कर रही कार्रवाई खानीपूर्ति

जीएमडीए ने दो साल पहले कार्रवाई करने के लिए जेई और एसडीओ की टीम बनाई है। जो इन कॉलोनियों का मुआयना कर अगर पीने के पानी से कंस्ट्रक्शन होते पाया गया तो बिल्डर को नोटिस जारी करने की बात कही गई थी। कुछ दिनों तक टीम काम की। इसके बाद टीम मौके पर जाना भी मुनासिब नहीं समझती है।

कोट्स

सभी लाइसेंसी कॉलोनियों में कंस्ट्रक्शन का मुआयना कर कार्रवाई करने की जिम्मेदारी अब नगर निगम की है। नियमानुसार पीने के पानी का इस्तेमाल कंस्ट्रक्शन में नहीं किया जा सकता है। यदि इस पानी का इस्तेमाल हो रहा है तो निगम को बिल्डर को नोटिस जारी कर कार्रवाई करनी चाहिए।

-अभिनव वर्मा, कार्यकारी अभियंता, जीएमडीए

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