रेफर करने के बाद एंबुलेंस में भटक रहे मरीज
जिले के अस्पतालों में बेड की कमी के चलते अब रेफर का खेल शुरू हो
जिले के अस्पतालों में बेड की कमी के चलते अब रेफर का खेल शुरू हो गया है। अपने यहां भर्ती करने की बजाय मरीजों को अस्पताल बेड न होने की बात कहते हुए दूसरे अस्पतालों में रेफर कर रहे हैं। बावजूद इसके मरीजों को बेड नहीं मिल रहे हैं। बुधवार सुबह सेक्टर-10 नागरिक अस्पताल से बाढ़सा एम्स रेफर की गई एक मरीज को भी इसी तरह की परेशानी का सामना करना पड़ा। मरीज दो घंटे दोनों अस्पतालों के बीच एंबुलेंस में भटकने के बाद बेड न मिलने के कारण वापस नागरिक अस्पताल आ गई और यहां फिर करीब घछ घंटे तक एंबुलेंस में ही पड़े रहना पड़ा।
फर्रुखनगर निवासी विष्णु ने बताया कि उनकी पत्नी को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। वह उसे मंगलवार की रात तो सेक्टर-10 नागरिक अस्पताल ले कर आए थे। यहां उसे इमरजेंसी में रखा गया था। अगले दिन बुधवार को सुबह उनकी पत्नी को डॉक्टरों ने बाढ़सा स्थित एम्स अस्पताल रेफर कर दिया। उन्होंने बताया कि वह सरकारी एंबुलेंस से पत्नी को रेफरल कार्ड के साथ लेकर एम्स बाढ़सा पहुंचे, लेकिन वहां उन्हें गेट से अंदर नहीं जाने दिया गया। विष्णु ने बताया कि एम्स अस्पताल के गार्ड ने उन्हें गेट पर ही रोक लिया, रेफरल कार्ड दिखाने के बाद भी उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया। गार्ड ने मरीज के बारे में उन्हें सेक्टर-10 नागरिक अस्पताल से कोई सूचना न मिलने की बात कही और भर्ती करने से मना कर दिया। परेशान परिवार उसी एंबुलेंस से लेकर मरीज को दोबारा सेक्टर-10 नागरिक अस्पताल पहुंचा। यहां आने के बाद उन्हें इमरजेंसी में भी जगह नहीं दी गई। महिला मरीज करीब छह घंटे तक इमरजेंसी के बाहर ही एंबुलेंस के लेटी रही और उनके पति व बेटा उन्हें अस्पताल में जगह दिलाने के लिए डॉक्टरों के आगे-पीछे चक्कर काटते रहे।
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