जल संरक्षण के लिए 60 तालाबों का कायाकल्प होगा
गुरुग्राम। वरिष्ठ संवाददाता। जिले में जल संरक्षण के लिए 60 तालाबों का कायाकल्प कराया जाएगा। इसके लिए कार्य योजना तैयार कर ली गई है। योजना के तहत...
गुरुग्राम। जिले में जल संरक्षण के लिए 60 तालाबों का कायाकल्प कराया जाएगा। इसके लिए कार्य योजना तैयार कर ली गई है। योजना के तहत बेकार पड़े तालाबों तथा जलाशयों के पुनरूद्वार किया जाएगा। सोमवार को कार्यालय में जिला उपायुक्त डॉ. यश गर्ग हरियाणा तालाब एवं अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि जिले में जलाशयों का कायाकल्प करने के कार्य किया जा रहा है। जिले में 320 जलाशयों की पहचान की है, जिनका कायाकल्प चरणबद्ध तरीके से किया जाना है। इस वर्ष के दौरान इनमें से 60 तालाबों अथवा जलाशयों का कायाकल्प किया जाएगा। इस कार्य में प्राधिकरण की भी मदद ली जाएगी और सभी तथ्य प्राधिकरण के साथ सांझे किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि अब तक जिला प्रशासन ने कंपनियों के सीएसआर तथा ग्राम पंचायतों के सहयोग से जिले के छह तालाबों का कायाकल्प किया है, जिनमें गांव हरचंदपुर, इकबालपुर, मौजाबाद, खेंटावास, भौंड़ाकलां तथा नवादा के तालाब अथवा जोहड़ शामिल हैं। इनके अलावा, 11 तालाबों अथवा जलाशयों का कायाकल्प करने का कार्य प्रगति पर है, जिनमें गांव कासन, वजीरपुर, धर्मपुर, बुढे़ड़ा, दौलताबाद, हरियाहेड़ा, दौला, पालासोली, बिलासपुर, ताजनगर तथा भोंडसी के तालाब शामिल हैं। इसके अलावा नगर निगम ने भी अपने क्षेत्र में 25 तालाबों की पहचान की है, जिनका कायाकल्प नगर निगम करवाएगा। इनमें से चार तालाबों का नगर निगम कायाकल्प करवा भी चुका है, जिनमें गांव सुखराली, कादीपुर, सरहौल तथा बसई के तालाब शामिल हैं और नगर निगम क्षेत्र में चार अन्य तालाबों की कायाकल्प करने का कार्य प्रगति पर है।
तालाबों का पानी होगा ट्रीट
डॉ. गर्ग ने बताया कि तालाब की जगह तथा उसमें भरे पानी की गुणवत्ता के अनुसार अलग-अलग तकनीक से कायाकल्प करने का कार्य किया जा रहा है। कायाकल्प करने के कार्य में पहले तालाब का पूरा पानी निकालकर उसे साफ किया जाता है, उसके बाद जरूरत अनुसार ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाता है, पूरी जगह की लैंडस्केपिंग कर वहां पर पौधारोपण आदि का कार्य करवाकर पूरी जगह का सौंदर्यीकरण होगा। जिससे उस क्षेत्र के लोग सुबह शाम वहां पर टहल भी सकें।
पानी में उगने वाले पौधों की नर्सरी होगी तैयार
उपायुक्त ने बताया कि प्राधिकरण से तालाबों के विकास पर चर्चा हुई। जिले में में एक्वेटिक प्लांट्स अर्थात् पानी में उगने वाले पौधों की नर्सरी तैयार करवाने का भरोसा दिलाया। इससे जिले में अन्य स्थानों पर पौध की आपूर्ति की जाएगी। प्राधिकरण ने वन विभाग से ऐसी पौध तैयार करने का आग्रह किया है। बैठक में गुरुजल सोसायटी के सदस्य एवं हरियाणा तालाब एवं अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण के कार्यकारी उपाध्यक्ष प्रभाकर कुमार वर्मा भी मौजूद रहे।
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