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पथराव, गोलीबारी और भारी बवाल; कैसे दिल्ली के पास सुलगी जाति वाली आग, अब तक 2 दलितों की हत्या

दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा में शुक्रवार की सुबह रास्ते से ट्रैक्टर निकालने के विवाद में दो पक्षों में खूनी संघर्ष हो गया। रबूपुरा के भीकनपुर गांव में एक पक्ष के लोगों ने दलित पक्ष पर हमला कर दिया।

Sudhir Jha लाइव हिन्दुस्तान, ग्रेटर नोएडाSat, 16 Nov 2024 08:59 AM
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दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा में शुक्रवार की सुबह रास्ते से ट्रैक्टर निकालने के विवाद में दो पक्षों में खूनी संघर्ष हो गया। रबूपुरा के भीकनपुर गांव में एक पक्ष के लोगों ने दलित पक्ष पर हमला कर दिया। मारपीट, पथराव और फायरिंग में तीन लोगों को गोली लगी, इनमें एक युवक मौत हो गई। घटना के विरोध में ग्रामीणों ने कोतवाली में जमकर हंगामा किया। पुलिस ने 14 नामजद और 12 अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर नामजद तीन आरोपियों को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया है। गांव में एक साल से जातिगत नफरत वाली आग सुलग रही थी। एक साल पहले भी एक दलित युवक की हत्या हो चुकी है। ताजा घटना के बाद यह गांव एक बार फिर राजनीति का भी केंद्र बन गया है।

कैसे हुई विवाद की शुरुआत

पुलिस के मुताबिक, भीकनपुर गांव का दलित शीशपाल शुक्रवार सुबह साढ़े छह बजे ट्रैक्टर लेकर खेत की ओर जा रहा था। आरोप है कि गांव के दूसरे समाज के एक व्यक्ति की गाड़ी सड़क पर खड़ी थी। शीशपाल ने ट्रैक्टर निकालने के लिए सड़क से गाड़ी हटाने के लिए कहा तो दोनों के बीच विवाद हो गया। शीशपाल के पिता विजयपाल आरोपियों के पास शिकायत लेकर पहुंचे तो उन्होंने लोहे की रॉड से वार कर उसका सिर फोड़ दिया। उन्हें बचाने पहुंचे अन्य लोगों पर भी आरोपियों ने हमला कर दिया। कमल, शनि और शरबती गोली लगने से घायल हो गए। अस्पताल ले जाते समय कमल की मौत हो गई।

घंटों चला बवाल, पथराव भी हुआ

भीकनपुर गांव में दो पक्षों के बीच हुए खूनी संघर्ष को लेकर जमकर बवाल हुआ। दलित समाज के लोगों ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर रबूपुरा कोतवाली का घेराव किया। करीब पांच घंटे तक कोतवाली में नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया गया। घटना की सूचना पर ग्रेटर नोएडा के पुलिस अधिकारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और लोगों को समझने का प्रयास किया, लेकिन लोग नहीं माने। इसके बाद अपर पुलिस आयुक्त कानून एवं व्यवस्था शिव हरि मीणा घटनास्थल पर पहुंचे और लोगों को समझा बुझाकर शांत किया।

पुलिस पर समय से कार्रवाई न करने का आरोप

कोतवाली पर हंगामा कर रहे दलित पक्ष के लोगों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में गोलीबारी की सूचना पर पहुंची डायल 112 की गाड़ी ने दो हमलावरों को दबोच लिया था। आरोप है कि पुलिस ने उन्हें रास्ते में छोड़ दिया। इसके बाद जब पीड़ित पक्ष घायलों को लेकर कोतवाली पहुंचा तो पुलिस ने उन्हीं के ऊपर झगड़ा करने का आरोप लगाकर बदतमीजी की और तहरीर छीनकर फाड़ दी। आरोप है कि गोली लगने से घायल काफी देर तक कोतवाली में पड़े तड़पते रहे। लेकिन पुलिस मामले को दबाने में लगी थी। बाद में घायलों को अस्पताल ले जाते समय भी पुलिस ने उनके परिजनों को साथ ले जाने से मना करते हुए गाड़ी से उतार दिया। इस पर ग्रामीणों ने पुलिस पर आरोपियों के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया। पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

अपर पुलिस आयुक्त कानून एवं व्यवस्था शिवहरि मीणा ने बताया कि पुलिस ने पीड़ित पक्ष की शिकायत कर मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस द्वारा कार्रवाई करते हुए मुठभेड़ के दौरान तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस अन्य आरोपियों की तलाश में दबिश दे रही है। जल्द सभी को गिरफ्तार किया जाएगा। मामले में मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने गिरफ्तारी के लिए तीन टीमों का गठन किया। कुछ देर बाद ही पुलिस ने नामजद आरोपी नितिन त्यागी, निखिल त्यागी और आशु त्यागी को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया।

रंजिश में पहले भी हो चुकी है एक हत्या

भीकनपुर गांव में दलितों और आरोपी पक्ष के खिलाफ पिछले साल उस समय रंजिश पैदा हुई थी, जब दलित पक्ष के ललित की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई थी। मृतक के परिजनों ने गांव के ही कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। आरोपी अब भी जेल में हैं। बताया जाता है कि उस घटना के बाद इन दोनों पक्षों के बीच जातीय तनाव पैदा हो गई, जिसको लेकर कई बार दोनों पक्षों में मारपीट की घटना भी हुई। शुक्रवार को हुई घटना के पीछे भी यही विवाद बताया जा रहा है।

गांव में पहुंचा शव तो फूटा लोगों का गुस्सा

शुक्रवार रात करीब नौ बजे युवक का शव गांव पहुंचा। इस बीच दलित समाज के लोग आक्रोशित हो गए। लोगों ने आरोपियों के घर की तरफ कूच कर दिया। पुलिस ने किसी तरह लोगों को रोका। इस पर उन्होंने हंगामा करते हुए मृतक आश्रित परिवार को आर्थिक मदद दिलाने की मांग की गई। पुलिस और कुछ राजनीतिक लोगों के हस्तक्षेप के बाद स्थिति पर काबू पाया। अधिकारियों ने आर्थिक मदद दिलवाने का भरोसा दिया। इसके बाद लोग शांत हुए। इसके बाद पुलिस ने सब का अंतिम संस्कार करवाने का प्रयास किया लेकिन परिवार के लोगों ने रात होने का हवाला देकर अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। अब शनिवार की सुबह शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा।

पथराव और फायरिंग का वीडियो वायरल

सोशल मीडिया पर घटना के कई वीडियो वायरल हुए हैं। घर की छत पर चढ़कर पथराव और फायरिंग करने का वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में साफ दिख रहा है कि आरोपी पीड़ित पक्ष पर पथराव कर रहे हैं। गोली चलने की भी आवाज सुनाई दे रही है।

अस्पताल के बाहर पुलिस से नोकझोंक और हंगामा

गोली लगने से घायल हुए कमल को ग्रेटर नोएडा के एक निजी अस्पताल लाया गया था। जहां उसकी मौत हो गई। भीड़ ने शव लेने की मांग की। लोग सब को सड़क पर रखकर जाम लगाने की फिराक में थे, लेकिन पुलिस ने शव देने से मना कर दिया। इस बीच ग्रामीणों और पुलिस के बीच नोकझोंक भी हुई।

आरोपियों पर सख्त कार्रवाई हो: मायावती

भीकनपुर गांव में दलित युवक की हत्या को लेकर यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर घटना की निंदा करते हुए लिखा है कि सरकार आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।

कड़ी कार्रवाई की जाए: चंद्रशेखर आजाद

भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर घटना को लेकर लिखा है कि दलित समाज के लोगों के साथ की गई मारपीट, पथराव और फायरिंग की घटना में एक व्यक्ति की मृत्यु और कई अन्य के घायल होने की खबर अत्यंत दुखद है। उन्होंने कहा कि सरकार घायलों के बेहतर इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित करे और दोषियों की शीघ्र गिरफ्तारी कर उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए।

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