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जहरीली धुंध से मामूली राहत के बीच गोपाल राय का मुख्य सचिव को पत्र; क्या बातें कही?

Delhi Air Pollution: दिल्ली में शुक्रवार को सुबह पलूशन से थोड़ी राहत नजर आई। इस बीच दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने इस मसले पर मुख्य सचिव को पत्र लिखा है।

Krishna Bihari Singh लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीFri, 22 Nov 2024 04:42 PM
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दिल्ली में शुक्रवार को सुबह पलूशन से थोड़ी राहत नजर आई। राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार को सुबह हवा की बेहद खराब श्रेणी में दर्ज की गई। राष्ट्रीय राजधानी में औसत एक्यूआई 373 रिकॉर्ड किया गया। हालांकि दिल्ली के 38 निगरानी केंद्रों में से 9 में एक्यूआई 400 के पार यानी गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया। इस बीच दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर ग्रैप के क्रियान्वयन की व्यक्तिगत निगरानी करने की अपील की। उन्होंने कहा कि वायु गुणवत्ता में सुधार को बनाए रखने के लिए सभी विभागों के साथ बेहतर तालमेल के साथ ही पलूशन रोकथाम की कोशिशों को जारी रखा जाना चाहिए।

एक दिन पहले गुरुवार को दिल्ली का औसत AQI 371 अंक रिकॉर्ड किया गया। दिल्ली में आठ दिन बाद गुरुवार को दिनभर धूप निकलने और कोहरे की परत कमजोर होने के चलते एक्यूआई में आठ दिन बाद सुधरा आया था। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि हाल के दिनों में AQI में कुछ सुधार हुआ है, लेकिन हमें अपने प्रयासों को धीमा या कमजोर नहीं पड़ने देना चाहिए। मौजूदा हालात सभी संबंधित विभागों से निरंतर कार्रवाई को जारी रखने की मांग करता है।

गोपाल राय ने आगे कहा कि मुझे लगता है कि हमें ग्रैप के दिशानिर्देशों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करना होगा। सभी विभागों को ग्रैप के तहत लागू की गई पाबंदियों को सख्ती से लागू करना चाहिए। इसमें वाहनों के उत्सर्जन को प्रतिबंधित करना, धूल को नियंत्रित करना और औद्योगिक प्रदूषण पर अंकुश लगाना और विंटर एक्शन प्लान लागू करने से जुड़े काम शामिल हैं। सभी विभागों को ग्रैप नियमों को लागू करने में अपने कार्यों पर रोजाना रिपोर्ट देनी चाहिए।

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मुख्य सचिव को लिखे पत्र में कहा है कि अतिरिक्त ध्यान देने की जरूरत वाले क्षेत्रों की पहचान करने के लिए उपायों की निगरानी से जुड़ा डेटा महत्वपूर्ण होगा। विभिन्न विभागों द्वारा अपनाए जा रहे निगरानी तंत्र को और मजबूत किया जाना चाहिए। प्रदूषण नियंत्रण उपायों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त जुर्माना लगाया जाना चाहिए। दिल्ली सरकार के सभी विभागों को निर्देश दिया जाना चाहिए कि वे आरडब्ल्यूए, व्यापार और बाजार संघों, नागरिक समूहों और गैर सरकारी संगठनों आदि के माध्यम से जागरूकता फैलाने में सक्रिय रूप से शामिल हों।

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