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पड़तालः रोडवेज की खटारा बसों से सर्दी में यात्रियों को बढ़ा खतरा

- सर्दी की शुरुआत होने पर भी कई बसों के शीशे गायब ट्रांस हिंडन,

Newswrap हिन्दुस्तान, गाज़ियाबादSun, 24 Nov 2024 07:57 PM
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- सर्दी की शुरुआत होने पर भी कई बसों के शीशे गायब ट्रांस हिंडन, वरिष्ठ संवाददाता। सर्दियों की शुरुआत हो गई है और अभी शादियों का सीजन होने के चलते बसों में यात्रियों की संख्या भी काफी ज्यादा है। बावजूद इसके उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) ने अपनी बसों को दुरुस्त नहीं किया है। खटारा बसों में बैठने वाले यात्रियों की सुरक्षा के लिए कोहरे और सर्दी में खतरा बढ़ गया है। रविवार को हिन्दुस्तान टीम ने बसों की पड़ताल की तो कई बसों के शीशे गायब मिले। वहीं कई बस ऐसी भी थीं, जिनमें रिफ्लेक्टर टेप नहीं लगे थे। इस कारण हादसे का खतरा बढ़ गया है।

कौशांबी बस अड्डा गाजियाबाद क्षेत्र का सबसे बड़ा बस अड्डा है, जहां से दूसरे जिले व राज्यों के साथ नेपाल तक बस सेवा मिलती है। यहां से रोजाना 600 से लेकर 800 बसें चलाई जाती हैं, जिनमें 10-15 हजार के करीब यात्री रोजाना सफर करते हैं। गाजियाबाद के क्षेत्रीय प्रबंधक का कार्यालय भी यहीं है। इसके बाद भी यहां से चलने वाली बसों की स्थिति बदहाल है। सर्दी की शुरुआत में ही बसों की मरम्मत कराई जाती है। मगर कौशांबी बस अड्डे की कई बसें बदहाल पड़ी हैं। खासकर बसों की खिड़कियों में टूटे शीशे और इंडिकेटर के साथ लाइटों को बदला जाता है। रिफ्लेक्टर टेप भी लगाई जाती है, जो रात में दूर से ही दिखती है। बसों में फॉग लाइट लगाने का भी प्रावधान है, लेकिन अधिकांश बसों में फॉग लाइट लगी नहीं मिली।

सर्दी करेगी परेशान

रोडवेज ने अपनी बसों की खिड़कियों के टूटे शीशे तक नहीं बदले। शीशों को इसीलिए बदला जाता है ताकि बस चलने पर आने वाली तेज सर्द हवा से यात्रियों को बचाया जा सके। जिन बसों में टूटे शीशे हैं या शीशे गायब हैं, उनमें बैठने पर यात्रियों को सर्दी से परेशान होना पड़ेगा। शीशों के साथ कई शीशें के हैंडल भी गायब हैं, जिनके छेद से भी तेज सर्द हवा अंदर आती है।

कोहरे से बचाव के इंतजाम नहीं

कोहरा करीब दो सप्ताह से पड़ रहा है और इससे बचने के लिए यातायात पुलिस वाहन चालकों को जागरूक करती है कि वाहन में रिफ्लेक्टर टेप लगा लें। इंडिकेटर ठीक करा लें और फॉग लाइट लगा लें, लेकिन अभी तक रोडवेज की सभी बसों में यही इंतजाम नहीं किए गए हैं। कोहरे में इन इंतजामों के न होने से वाहन की दृश्यता कम हो जाती है और इस कारण हादसे का खतरा बढ़ जाता है।

बीते साल भी दिसंबर तक खटारा थी बसें

अधिकारी बसों में यात्रियों के सुरक्षित सफर का दावा करते हैं, लेकिन लगातार दूसरे साल बसें सर्दियों में खटारा पड़ी हैं। बीते साल भी दिसंबर तक रोडवेज की बसों की मरम्मत नहीं की गई थी। इस बार भी यात्री लगातार परेशान हो रहे हैं। कई यात्रियों ने इस बारे में रोडवेज के अधिकारियों से शिकायत भी की है।

जान जोखिम में डालने को मजबूर

रोडवेज की अव्यवस्था के चलते ही हर साल बसों से यात्रा करने वाले लोगों की संख्या कम हो जाती है। सर्दियों के सीजन में रोडवेज बसों का किराया भी कम कर दिया जाता है। हालांकि अभी शादियों का सीजन चल रहा है, जिसके चलते रोजाना आठ से 10 हजार यात्री कौशांबी बस अड्डे पहुंच रहे हैं। इसी माह गंगा स्नान के दौरान भीड़ होने पर भी 15 हजार यात्री कौशांबी बस अड्डे पहुंचे थे। सर्दी बढ़ने पर भी यात्री रोडवेज बसों से सफर करने को मजबूर हैं क्योंकि ट्रेनों में भी टिकट नहीं मिल रही है।

कौशांबी बस अड्डे पर दूसरे डिपो की भी बसें आती हैं। यहां की अधिकांश बसों में शीशे से लेकर रिफ्लेक्टर टेप व लाइटें बदलवा दी गई हैं। बाकी बसों में काम चल रहा है। - शिव बालक, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक, कौशांबी बस अड्डा।

रेलवे स्टेशन पर नहीं है ठंड से बचाव की व्यवस्था

रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को ठंड में बचाव के कोई उपाय नहीं है। यहां यात्रियों को ट्रेन लेट होने पर प्लेटफार्म पर ही बैठना पड़ता है। वेटिंग होल केवल तीन नंबर है। ऐेसे में एक-दो और पांच-छह प्लेटफार्म पर यात्रियों को खुले में ही बैठना पड़ता है। दिल्ली और अलीगढ़ एंड की ओर से टीनशेड भी नहीं है। ऐसे में अगली और पिछली बोगियों वाले यात्रियों को खुले में ही ट्रेन का इंतजार करना पड़ता है। प्लेटफार्म नंबर तीन और चार पर जनरल वेटिंग होल बना है लेकिन दोनों ओर से खुला होने के कारण यहां यात्रियों को ठंडी हवा परेशान करती है। इसी कारण सर्दियों में यात्री यहां नहीं बैठते।

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