ई-वाहनों से जुड़ा पत्र कोर्ट ने स्वीकारा
गाजियाबाद में ई-वाहनों में आवाज देने की मांग को लेकर उच्चतम न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गई है। रसम के संयोजक संदीप त्यागी ने बताया कि ई-वाहनों की आवाज कम होने से सड़क हादसों का खतरा बढ़ता है। इस...
गाजियाबाद। ई-वाहनों में आवाज देने की मांग को लेकर उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को भेजे पत्र को जनहित याचिका के रूप में स्वीकार किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने पीआईएल का पंजीकरण करते हुए संस्था के संयोजक को इसकी सूचना दी है। रसम के संयोजक संदीप त्यागी ने बताया कि भारत सरकार पर्यावरण की रक्षा के लिए ई-वाहनों की संख्या बढ़ाने पर जोर दे रही, लेकिन सभी ई-वाहनों में आवाज बहुत कम होती है। इससे सड़क हादसों की आशंका रहती है। यह गंभीर विषय है। इसको लेकर संस्था के माध्यम से ई-वाहनों को आवाज देने के लिए 27 अगस्त 2024 को पत्र लिखकर कोर्ट से निवेदन किया गया। त्यागी ने बताया कि न्यायालय में पत्र को 49355/एससीआई/पीआईएल/2024 के साथ पंजीकृत किया गया है।
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