भक्त की श्रद्धा व विश्वास की जीत का पर्व है होली : सतपाल जी महाराज
दिल्ली मेरठ मार्ग पर स्थित सतलोक आश्रम में मानव उत्थान सेवा समिति द्वारा दो दिवसीय होली महोत्सव का आयोजन किया गया। आध्यात्मिक गुरु सतपाल जी महाराज ने बच्चों के विकास और ज्ञान की आवश्यकता पर जोर दिया।...

मुरादनगर,संवाददाता। दिल्ली मेरठ मार्ग पर श्री हंस इंटर कॉलेज परिसर स्थित सतलोक आश्रम परिसर में मानव उत्थान सेवा समिति द्वारा दो दिवसीय होली महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान आध्यात्मिक गुरु सतपाल जी महाराज ने कहा कि जब किसी बालक का विकास होता है तो वह बड़ा होता है। उन्होने कहा कि जो ज्ञान का अर्जन करता है तो उसके अंदर परिपक्वता आती है। उन्होंने कहा कि नारद जी ने भक्त प्रहलाद को ज्ञान देकर भक्ति मार्ग पर चलने की आज्ञा दी तो वह चल पड़े। इसक बाद उन्होने फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। नरेंद्र भी स्वामी रामकृष्ण परमहंस की शरण में गए और जब उन्होंने नरेंद्र को दीक्षा दी तो वह चल पड़े। सतपाल जी महाराज ने कहा कि वेद मैं मंत्रद्रष्टा कहता है कि हे परम प्रकाश रूप परमात्मा! मैं आपका ध्यान करता हूं। मन को एकाग्र करना, मन को रोकने की विधि को जानना और जब भी हम ध्यान करते हैं, उपासना करते हैं और मन संसार से हटाकर परमपिता परमात्मा के नाम व स्वरूप में लगाते हैं तो भगवान की भक्ति कहा जाता है। अगर हम मन को संसार में लगा रहे हैं, तो वह संसार की भक्ति है, भगवान की भक्ति नहीं है। भगवान की भक्ति तभी होगी जब संसार से मन को हटाकर भगवान में मन को लगाया जाए। इस मौके पर अमृता जी ने भी प्रवर्चन दिया। मंच संचालन डॉ.संतोष यादव जी ने किया।
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