संजीव को मत फीसदी के हिसाब से मिली गाजियाबाद की सबसे बड़ी जीत
- संजीव शर्मा ने निकटतम प्रतिद्वंदी को 71.54 वोट से हराया - इससे पहले
- संजीव शर्मा ने निकटतम प्रतिद्वंदी को 71.54 वोट से हराया - इससे पहले अतुल गर्ग के नाम था सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड
गाजियाबाद, आयुष गंगवार। उपचुनाव 2024 में गाजियाबाद सीट पर जीत के साथ भाजपा के संजीव शर्मा के नाम गाजियाबाद के इतिहास में सबसे बड़ी विधानसभा जीत का रिकॉर्ड भी दर्ज हो गया। उन्होंने 71.54 फीसदी वोट से अपने निकटतम प्रतिद्वंदी सिंह राज जाटव को हराया है। इसके साथ ही भाजपा ने इस सीट पर दूसरी हैट्रिक का भी रिकॉर्ड बना लिया।
चुनाव में वोटों की संख्या तो संबंधित विधानसभा, लोकसभा या निकाय के क्षेत्र और मतदाताओं की संख्या पर निर्भर करती है। इसीलिए जीत का अंतर वोट फीसदी के आधार पर ज्यादा महत्व रखता है। देश की आजादी के बाद हुए चुनावों में कांग्रेस की लहर थी और पहले ही चुनाव में गाजियाबाद नार्थ ईस्ट सीट से कांग्रेस के विचित्र नारायण ने 1952 में निर्दलीय भगवान दास को 66.91 फीसदी वोट से हराया था। पहले ही चुनाव में बना रिकॉर्ड साल 2022 तक कायम रहा। 2022 में भाजपा ने अतुल गर्ग को टिकट दिया और उन्होंने कांग्रेस के विशाल वर्मा को 70.26 फीसदी वोट से हराकर 70 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा था। मगर उनका रिकॉर्ड पांच साल भी नहीं चला क्योंकि भाजपा ने 2024 में अतुल गर्ग को सांसदी का टिकट दिया, जिसे वह जीत गए। इसीलिए गाजियाबाद सीट पर अब उपचुनाव हुए, जिसमें संजीव शर्मा ने 71.54 फीसदी वोटों से जीत हासिल कर विधायकी के साथ सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया।
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गाजियाबाद सीट पर दूसरी हैट्रिक
आजादी के बाद 1952 में पहली बार प्रदेश में विधानसभा चुनाव हुए थे। उस समय आज की गाजियाबाद सदर सीट को गाजियाबाद नॉर्थ वेस्ट नाम दिया गया था। पहले चुनाव में कांग्रेस के तेजा सिंह ने निर्दलीय शंकर लाल को हराया था। 1957 के दूसरे चुनाव में इस सीट का नाम गाजियाबाद हो गया और दूसरी बार भी कांग्रेस के तेजा सिंह को जीत मिली। 1962 के तीसरे चुनाव में भी गाजियाबाद के मतदाताओं ने कांग्रेस के चुनाव चिह्न पर मैदान में उतरे तेजा सिंह को अपना विधायक चुना था। 1991 में भाजपा के चुनाव चिह्न पर दूसरी बार इस सीट से मैदान में उतरे बालेश्वर त्यागी ने जनता दल के अनूप सिंह को हराकर पहली जीत दर्ज की। 1993 और 1996 में भी बालेश्वर त्यागी को गाजियाबाद के मतदाताओं ने अपना विधायक चुना। दूसरी हैट्रिक भाजपा ने 2017, 2022 व 2024 के उपचुनाव को जीतकर पूरी की। वहीं सपा-बसपा को इस सीट पर सिर्फ एक-एक जीत मिली है। बसपा को परिसीमन के बाद सुरेश बंसल ने जिताया था, जबकि 2004 के उपचुनाव में सुरेंद्र कुमार मुन्नी ने सपा का खाता खुलवाया था।
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