आरटीई : पहले चरण में 23 फीसदी आवेदन रद्द होने के बाद 3035 बच्चों का चयन
गाजियाबाद में आरटीई के तहत निजी स्कूलों में मुफ्त दाखिलों के लिए ऑनलाइन लॉटरी में 5099 में से 3035 बच्चों का चयन हुआ। सत्यापन में 1176 आवेदन रद्द हुए और 888 बच्चों को सीट फुल होने के कारण चयन से वंचित...
- आरटीई के तहत निजी स्कूलों में मुफ्त दाखिलों के लिए मंगलवार को हुई ऑनलाइन लॉटरी - कुल 5099 में से 1176 आवेदन हो गए रद्द, लॉटरी में शामिल 3923 में से 3035 बच्चों का हुआ चयन
गाजियाबाद, कार्यालय संवाददाता। जिले में आरटीई के पहले चरण में प्राप्त कुल आवेदनों में से मात्र 60 फीसदी बच्चों को ही स्कूलों का आवंटन किया गया है। सत्यापन के दौरान 23 फीसदी आवेदनों को रद्द कर दिया गया। वहीं 17 फीसदी आवेदनों को सीट फुल होने के चलते स्कूल आवंटन नहीं हो सके। आरोप है कि शिक्षा विभाग ने छोटी-छोटी गलतियों पर भी आवेदनों को जानबूझकर निरस्त किया है।
जिले के निजी स्कूलों में आरटीई के तहत मुफ्त दाखिलों के लिए मंगलवार को कलेक्ट्रेट में पहली लॉटरी निकाली गई। इसमें कुल 3035 बच्चों का चयन किया गया है। पहले चरण के लिए एक दिसंबर से 19 दिसंबर तक चली आवेदन प्रक्रिया में कुल 5099 अभिभावकों ने अपने बच्चों के दाखिले के लिए आवेदन फॉर्म भरे। इसके बाद 21 से 23 दिसंबर तक प्राप्त आवेदनों का सत्यापन किया गया। सत्यापन के बाद कुल 3923 बच्चों के फॉर्म को लॉटरी में शामिल किया गया। अब 25 से 26 दिसंबर तक चयनित बच्चों के आवंटन पत्र तैयार कर 27 नवंबर को आवंटन पत्र वितरित किए जाएंगे। जिस पर बच्चे का नाम, पता, स्कूल का नाम एवं कक्षा अंकित होगी और बीएसए के हस्ताक्षर होंगे। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ओपी यादव ने लॉटरी की प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन रही। उन्होंने पहले चरण में असफल रहने वाले अभिभावकों को दूसरे चरण में आवेदन करने की सलाह दी है। बता दें कि जिले में कुल 1192 निजी स्कूल हैं। इनमें निशुल्क शिक्षा का अधिकारी अधिनियम (आरटीई) के लिए कुल 19664 सीटें आरक्षित हैं। इन सीटों पर गरीब एवं अलाभित समूह के बच्चों को मुफ्त दाखिला दिया जाता है।
सत्यापन में रद्द हो गए 23 फीसदी आवेदनः
इस बार सत्यापन प्रक्रिया में 23 फीसदी आवेदन रद्द हुए हैं। पहले चरण में प्राप्त कुल 5099 में से मात्र 3923 आवेदन ही स्वीकृत किए गए, जबकि 1176 आवेदनों को सत्यापन प्रक्रिया में रद्द कर दिया गया। गाजियाबाद अभिभावक संघ की अध्यक्ष सीमा त्यागी ने आरोप लगाया कि सभी दस्तावेजों की जांच पड़ताल तथा अन्य जानकारियों की जांच के बाद आवेदन स्वीकृत किए जाते हैं, मगर शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने नाम मात्र की छोटी-छोटी गलतियों के चलते आवेदनों का रद्द कर दिया है। इसमें कई तो ऐसे हैं जिनमें नाम की स्पेलिंग में न क बराबर की गलतियां रहीं।
सीट फुल होने के चलते 17 फीसदी का नहीं हुआ चयनः
पात्र होने और आवेदन लॉटरी में शामिल होने के बावजूद भी 17 फीसदी बच्चों का चयन नहीं हो पाया। लॉटरी में शामिल किए गए कुल 3923 में से 3035 बच्चों का चयन हुआ है, जबकि 888 बच्चों को सीट फुल होने के चलते स्कूलों का आवंटन नहीं हो सका। इन बच्चों के अभिभावकों ने जिन स्कूलों का नाम भरा था उनमें ज्यादातर अभिभावकों ने आवेदन किया। इसके चलते इन स्कूलों में सभी सीटें फुल हो गईं। अब यह अभिभावक दूसरे चरण में आवेदन कर सकते हैं।
नंबर गेमः
पहले चरण में प्राप्त कुल आवेदनः- 5099
सत्यापन के दौरान रद्द आवेदनः- 1176
दस्तावेजों की जांच के बाद सत्यापितः- 3923
लॉटरी में चयनित बच्चों की संख्याः- 3035
सीट फुल होने से वंचित बच्चों की संख्याः- 888
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पहले चरण में 3035 बच्चों का चयन हुआ है। सभी को 27 दिसंबर तक आवंटन पत्र वितरित कर दिए जाएंगे। इसके बाद स्कूलों में दाखिले शुरू हो जाएंगे। सभी बच्चों को दाखिला दिलाया जाएगा।
- ओपी यादव, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी
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