मेरठ एक्सप्रेसवे पर 500 मीटर पैदल चलने से बचने के लिए जान जोखिम में डाल रहे लोग
गाजियाबाद में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर फुट ओवर ब्रिज और अंडरपास होने के बावजूद लोग जान जोखिम में डालकर सड़क पार कर रहे हैं। विजयनगर तिराहे के पास दो अंडरपास होने के बावजूद लोग 500 मीटर चलने से बचने...
गाजियाबाद। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर फुट ओवर ब्रिज (एफओबी) और अंडरपास होने के बावजूद लोग जान जोखिम में डाल रहे हैं। सड़क पार करने के लिए एफओबी और अंडरपास का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा। एनएच-9 पर विजयनगर तिराहे पर डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर दो अंडरपास हैं। लोग 500 मीटर पैदल चलने से बचने के लिए एक्सप्रेसवे और एनएच-9 के ऊपर से निकल रहे हैं। इस कारण लोगों की लापरवाही से भी हादसे हो रहे हैं। एनएच-9 और मेरठ एक्सप्रेसवे साथ-साथ निकल रहे हैं। इसके चार खंड में हैं। पहला खंड दिल्ली से यूपी गेट, यूपी गेट से डासना खंड-2, डासना से हापुड़ खंड-3 और डासना से मेरठ खंड-4 है। विजयनगर क्षेत्र का ज्यादातर हिस्सा खंड-2 से सटा है। इस खंड पर लोगों की सुविधा के लिए पांच एफओबी और 17 अंडरपास हैं। विजयनगर से रोजाना बड़ी संख्या में लोग नोएडा और दिल्ली जाते हैं। वह विजयनगर तिराहे से एनएच-9 और मेरठ एक्सप्रेसवे क्रॉस कर सके इसके लिए दो अंडरपास बनाए गए। इसके बावजूद लोग एनएच-9 और मेरठ एक्सप्रेसवे के ऊपर से निकलते हैं। वह अंडरपास का इस्तेमाल नहीं करते।
डिवाइडर पर रेलिंग कूदकर सड़क पार कर लोग
विजयनगर तिराहे के सामने डिवाइडर पर लगी रेलिंग कूदकर लोग सड़क पार करते मिले। जबकि एनएचएआई ने रेलिंग इसलिए लगवाई थी ताकि लोग सड़क पार न कर सके। यहां से 500 मीटर की दूरी पर अंडरपास है। क्रॉसिंग रिपब्लिक के पास भी लोग सड़क पा करते मिले। कई अन्य जगह पर भी अंडरपास होने के बावजूद लोग ऊपर से सड़क पार कर रहे थे। सवारी बैठाने के लिए चालकों ने बसों को हाईवे पर खड़ा कर रखा था। चालक एक्सप्रेसवे पर बस रोककर सवारी उतार रहे थे। इससे हादसा होने का खतरा रहता है।
नया अंडरपास बनाने के लिए स्थान नहीं है
एनएचएआई अधिकारी का कहना है कि विजयनगर तिराहे के पास नया अंडरपास बनाने की योजना थी। लेकिन वहां बिजली की लाइन जा रही है। पाइप लाइन भी हैं। इस कारण नया अंडरपास नहीं बनाया जा सकता। लोगों को पहले से बने अंडरपास का इस्तेमाल करना चाहिए।
तीन गुना बढ़े गलत दिशा के चालान
सड़क हादसों में कमी लाने के लिए पुलिस ने दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और एनएच-9 पर कार्ययोजना तैयार की है। इसके तहत गलत दिशा में चलने वाले वाहनों पर वर्ष 2022 की तुलना में तीन गुना अधिक चालान किए गए। नो-पार्किंग में खड़े होने वाले वाहनों पर भी सख्ती बरती। इसके बावजूद लोग नियमों को ताक पर रखकर हादसों का शिकार हो रहे हैं। वर्ष 2022 में जनवरी से जून माह तक गलत दिशा में चलने वाले 4044 चालान हुए थे। वर्ष 2023 में शुरू के छह महीनों में रांग साइड चालान का आंकड़ा बढ़कर 18 हजार 957 पहुंच गया। वर्ष 2022 में हर महीने रांग साइड वाहनों के औसतन चालान 674 था, जो वर्ष 2023 में हर महीने 3159 पहुंच गया था। इसी क्रम में वर्ष 2024 में जनवरी से जून माह तक रांग साइड के 12 हजार 277 चालान हुए।
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर हादसों का आंकड़ा (जनवरी से जून)
वर्ष हादसे मौत घायल
2022 65 35 51
2023 37 27 26
2024 19 17 53
सभी चालक और परिचालकों को निर्देश दिया है कि डीएमई पर यात्रियों को उतारने तथा बैठाने के लिए बस न रोकें। ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। - केएन चौधरी, क्षेत्रीय प्रबंधक, यूपीएसआरटीसी।
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