मुकदमों में मिल रही तारीख पर तारीख, वादकारियों की परेशानी बढ़ी
गाजियाबाद में अधिवक्ताओं की हड़ताल को एक माह हो चुका है, जिसके चलते चार लाख से अधिक मामले लंबित हैं। हड़ताल के कारण जमानत अर्जियों समेत कई मामलों में सुनवाई नहीं हो पा रही है। वकीलों ने लाठीचार्ज के...

गाजियाबाद। गाजियाबाद जिला जज कोर्ट रूम में अधिवक्ताओं पर लाठीचार्ज के विरोध में कचहरी में अधिवक्ताओं की हड़ताल का एक माह हो चुकी है। पिछले एक माह में अदालत में चार लाख से ज्यादा मामले लंबित हो चले हैं। 165 से ज्यादा जमानत अर्जी हड़ताल के कारण लंबित हैं। फरियादी परेशान हैं, इंसाफ के लिए उनका इंतजार लंबा होता जा रहा है। जमीन से जुड़े एक मामले में जमानत को लेकर 29 अक्तूबर को वकीलों और जिला जज के बीच कोर्ट रूम में बहस हो गई। विवाद बढ़ता देख बड़ी संख्या में वकील जिला जज की अदालत में पहुंच गए और हंगामा शुरू किया। इसपर पुलिस ने वकीलों पर लाठीचार्ज कर दिया। इसमें कई वकील घायल हो गए। वकीलों ने अदालत में मौजूद चौकी में तोड़फोड की। इस पर अदालत की ओर से वकीलों पर मुकादमें दर्ज करा दिए गए। इसी दिन से वकीलों ने कचहरी में काम बंद किया हुआ है। चार नवंबर से वकील लगातार हड़ताल पर हैं। इस हड़ताल के कारण वादकारी परेशान हैं। लोगों के मामले में सुनवाई नहीं हो पा रही है। वादकारी कचहरी में आते है लेकिन बिना सुनवाई के वापस लौट जाते हैं। उन्होंने केवल तारिख मिल रही हैं। कई मामलों में तो वादकारियों को उनके मामलों की जानकारी नहीं मिल रही है।
चार लाख से अधिक मुकदमे हैं लंबित
गाजियाबाद में सीबीआई, ईडी सहित लगभग 69 अदालतों में रोजाना लगभग 10 हजार से अधिक मुकदमों में सुनवाई होती है। वर्तमान में कोर्ट में चार लाख से ज्यादा मुकदमे चल रहे हैं। इनमें से तीन लाख से ज्यादा मुकदमे अपराध से संबंधित है और एक लाख से ज्यादा मुकदमे सिविल वाद से संबंधित हैं। इसके अलावा 165 से अधिक जमानत अर्जी के मामलों का निस्तारण नहीं हो पा रहा है। शनिवार को करीब साढ़े सात हजार मामलों में सुनवाई होनी थी लेकिन सभी में अगली तारिख दे दी गई।
सीबीआई कोर्ट में चल रहे हे ये मामले
नोएडा के यूनियन बैंक घाटला, स्वास्थ्य विभाग में एनआरएचएम घोटाला, नोएडा विकास प्राधिकरण में टेंडर घोटाला, यादव सिंह की आय से अधिक संपत्ति का मामला, बाइक बोट घोटाले का मामला, मेडिकल कालेज की मान्यता दिलाने के नाम पर रिश्वत मामला, नोएडा में भूमि घोटाले में रिश्वत लेने के मामले के साथ कई बैंक लोन से संबंधित के घोटाले के मामले में सुनवाई चल रही है।
फ्लैट खरीदा था लेकिन बाद में पता चला कि उसपर पहले से बैंक लोन था। चार लोगों के खिलाफ मुकादमा दर्ज कराया गया लेकिन हड़ताल के कारण पिछले एक माह से सुनवाई नहीं हो पा रही है। वकील भी कुछ बताने को तैयार नहीं है।
-विशाल शर्मा, निवासी प्रताप विहार
बहन के साथ ससुराल वालों ने मारमीट की थी। मामले में कविनगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। मामले की सुनवाई अदालत में चल रही है। पिछले एक माह से केस बीच में अटका पड़ा है। आरोपी खुले घूम रहे हैं।
-रोहित सिंह, निवासी सेक्टर-23 राजनगर
एफआईआर के विरोध में कविनगर थाने में गिरफ्तारी देंगे अधिवक्ता
लाठीचार्ज के विरोध में अधिवक्ताओं ने शनिवार को हापुड़ चुंगी चौराहे पर मानव श्रृंखला बनाई। वकीलों पर शुक्रवार को दर्ज हुए मुकदमे के विरोध में तय किया गया है कि सोमवार को अधिवक्ता मानव श्रृंखला बनाकर कविनगर थाने जाकर गिरफ्तारी देंगे। जिन वकीलों पर मुकदमा दर्ज किया गया है वह भी गिरफ्तारी देंगे साथ ही अन्य अधिवक्ता भी थाने पहुंचकर पुलिस को गिरफ्तारी देंगे।
बार एसोसिएशन सचिव अमित नेहरा ने बताया कि वकीलों पर आंदोलन के दौरान फर्जी मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। शुक्रवार को ही कविनगर थाने में 44 नामजद और करीब 80 अज्ञात अधिवक्ताओं पर केस दर्ज किया गया है। इसका बार एसोसिएशन विरोध करती है। शनिवार को वकीलों ने कचहरी परिसर से हापुड़ चुंगी तक पैदल मार्च किया। इसके साथ ही आंदोलन संघर्ष समिति की बैठक में तय किया गया है कि एफआईआर के विरोध में वकील सोमवार को गिरफ्तारी देंगे। सभी अधिवक्ता सोमवार को मानव श्रृंखला बनाकर कविनगर थाने जाएंगे। वकीलों से कहा गया है कि सभी अपने आधार या अन्य पहचान पत्र साथ लेकर जाएंगे। अधिवक्ता पुलिस को गिरफ्तारी देंगे। सोमवार को कचहरी में चैंबर नंबर 251 से 500 तक चैंबर के अधिवक्ता धरना स्थल पर बैठेंगे। जिनमें से 11 वरिष्ठ अधिवक्ता क्रमिक अनशन पर बैठेंगे। सोमवार को भी कचहरी में अधिवक्ता कामकाज नहीं करेंगे।
वकील की सदस्यता निरस्त की
बार एसोसिएशन के सचिव अमित नेहरा ने बताया कि हड़ताल के बावजूद काम करने पर एक अधिवक्ता की सदस्यता निरस्त कर दी है। साथ ही उसे नोटिस जारी कर सदस्यता पांच वर्ष के लिए रद्द करने और चैंबर का आवंटन भी निरस्त करने की चेतावनी देते हुए दो दिसंबर तक जवाब मांगा है। शनिवार को हड़ताल के बावजूद वह कार्य करते हुए पाए गए। उन्होंने बार एसोसिएशन के प्रस्ताव का उल्लंघन किया है। इस वजह से बार एसोसिएशन की छवि धूमिल हुई है।
कोर्ट के मुख्य प्रवेश के गेट खुले
शनिवार को कचहरी में मुख्य प्रवेश के गेट खुले रहे। कचहरी पुलिस चौकी के पास पुलिस बल तैनात रहा। सूत्रों के मुताबिक न्यायालय आने वाले वादकारियों को गेट पर न रोका जाए इसके लिए कोर्ट जाने वाले गेट खोले गए हैं। बार एसोसिएशन द्वारा हड़ताल स्थगित किए जाने का विरोध कर रहे अधिवक्ताओं ने लगातार तीन दिन मुख्य द्वार बंद कर दिए थे।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।