एमएमएच कॉलेज में प्राचार्य बहाली को लेकर दिन भर चलता रहा हंगामा
सोमवार को निलंबित प्राचार्य पीयूष चौहान ने कार्यभार संभाला। उन्होंने कहा कि वीसी के आदेश के बावजूद उन्हें कार्यभार नहीं सौंपा जा रहा था। दूसरी ओर, कार्यवाहक प्राचार्य संजय सिंह ने आरोप लगाया कि चौहान...
- सोमवार को निलंबित प्राचार्य पीयूष चौहान ने कार्यभार संभाला, दूसरे पक्ष ने जबरदस्ती कार्यभार संभालने का लगाया आरोप गाजियाबाद, संवाददाता। एमएमएच कॉलेज में सोमवार को प्राचार्य बहाली को लेकर हंगामा चलता रहा। निलंबित चल रहे प्राचार्य पीयूष चौहान ने सोमवार को एक बार फिर से कार्यभार संभाला लिया है। उनका कहना था कि वीसी के आदेश के बावजूद उन्हें कार्यभार नहीं दिया जा रहा है। दूसरे पक्ष ने जबरदस्ती उन पर कार्यभार संभालने का आरोप लगाया।पिछले दिनों वीसी के आदेश के बावजूद अपनी बहाली नहीं होने से नाराज एमएस के निलंबित प्राचार्य प्रोफेसर पियूष चौहान प्रिंसिपल ऑफिस के बाहर धरने पर बैठ गए थे।
कॉलेज के सहायक लेखाकार अनुज उपाध्याय पर हमला करने के आरोप में 14 अगस्त को कॉलेज समिति ने प्राचार्य पियूष चौहान को निलंबित कर दिया था। इसके बाद प्रोफेसर पियूष चौहान ने निलंबन को नियमों के खिलाफ बताकर वीसी से इसकी शिकायत की थी। इसी बीच एमएमएच कॉलेज का कार्यवाहक प्राचार्य के रूप में प्रोफेसर संजय सिंह को बनाया गया। निलंबित प्राचार्य की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए कुलपति ने पत्र जारी करते हुए उनके निलंबन को निरस्त कर दिया था। इसके साथ ही उन्होंने एक जांच कमेटी का भी गठन किया था, जो मामले की रिपोर्ट विश्वविद्यालय को देगी। प्रोफेसर पियूष चौहान ने बताया कि चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की कुलपति ने उनके निलंबन को निरस्त कर दिया था और उनकी बहाली का आदेश दिया था।कुलपति ने 20 सितंबर को यह आदेश दिया था। इसके बावजूद कार्यवाहक प्राचार्य संजय सिंह उन्हें कार्यभार नहीं सौंप रहे थे। संजय सिंह का कहना था कि इस संबंध में उन्हें कॉलेज प्रबंधन समिति की तरफ से कोई आदेश नहीं मिला है। ऐसे में जब तक समिति निर्देश नहीं देती तब तक वह पद पर बने रहेंगे। प्राचार्य ने बताया कि तीन अक्तूबर को कोर्ट ने उनकी बहाली का आदेश दिया था।जिसके बाद उन्होंने सोमवार को प्राचार्य के रूप में कार्यभार संभाल लिया है। वहीं दूसरे पक्ष का आरोप है कि सोमवार को पियूष चौहान ने जबरदस्ती प्राचार्य के रूम में आकर प्राचार्य की कुर्सी पर बैठ गए और कहने लगे कि वहीं प्राचार्य हैं। कार्यवाहक प्राचार्य संजय सिंह ने बताया कि कोर्ट ने तीन अक्टूबर को कहा था कि 10 दिन के अंदर इस पर कुलपति द्वारा निर्णय लिया जाएगा। लेकिन इससे पहले ही पीयूष चौहान जबरदस्ती प्राचार्य की कुर्सी पर बैठ गए जो गलत है। इस सबके बाद कॉलेज प्रबंधन समिति ने पीयूष चौहान के खिलाफ थाने में तहरीर दी है।
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