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तीन माह का वेतन नहीं देने से नाराज पूर्व कर्मचारी ने लूटा था पेट्रोल-डीजल

गाजियाबाद में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर स्थित पेट्रोल पंप पर रात में लूट की घटना का खुलासा हुआ। लूट पूर्व कर्मचारी सुमित ने अपने दो साथियों के साथ की थी, जो वेतन न मिलने से नाराज थे। उन्होंने 40 लीटर...

Newswrap हिन्दुस्तान, गाज़ियाबादSat, 22 Feb 2025 07:22 PM
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तीन माह का वेतन नहीं देने से नाराज पूर्व कर्मचारी ने लूटा था पेट्रोल-डीजल

गाजियाबाद। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर रेस्ट एरिया स्थित पेट्रोल पंप पर गुरुवार देर रात हुई लूट का पुलिस ने खुलासा कर दिया। इस लूट को पेट्रोल पंप के पूर्व कर्मचारी ने ढाई माह का वेतन नहीं मिलने से नाराज होकर अपने साथियों के साथ अंजाम दिया। पुलिस ने शातिर पूर्व कर्मचारी को गिरफ्तार करते हुए उसके पास से लूटा हुआ पेट्रोल और डीजल भी बरामद कर लिया है। जबकि लुटेरे के दो साथियों की तलाश की जा रही है। डीसीपी देहात सुरेंद्र नाथ तिवारी ने बताया कि पकड़ा गया बदमाश हापुड़ के सलारपुर शरीफाबाद में रहने वाला सुमित कुमार है। सुमित ने हापुड़ के पलवाड़ा में रहने वाले रजत और बुलंदशहर के रहने वाले विकास चौहान के साथ घटना को अंजाम दिया था। पुलिस की पूछताछ में सुमित ने बताया है कि उसने अजय बंसल के हवा हवाई रेस्तरां के पास स्थित पेट्रोल पंप पर करीब ढाई महीने तक काम किया था लेकिन, इस अवधि के वेतन के करीब 35 हजार रुपये का भुगतान न होने की वजह से तीन महीने पहले नौकरी छोड़ दी। फिर वह हापुड़ रोड स्थित पेट्रोल पंप पर काम करने लगा। बकाया भुगतान के लिए कई बार पंप गए, लेकिन भुगतान नहीं हुआ। उसी की तरह इसी पंप पर काम कर चुके विकास और रजत का भी पंप पर वेतन बकाया है। गुरुवार रात सुमित ने अपनी गाड़ी में रजत और विकास को बैठाया और 40 लीटर क्षमता वाली सात-आठ कैन खरीदकर गाड़ी में रख लीं। तीनों को पता था कि पंप रात 12 बजे बंद हो जाता है इसलिए अपने रुपये वसूलने के लिए उन्होंने पेट्रोल और डीजल लूटने की योजना बनाई थी। वारदात को अंजाम देने के दौरान तीनों ने सभी केन में पेट्रोल और डीजल भरा, जिसकी कीमत लगभग 25 हजार रुपये है। तीनों ने पंप से कैश नहीं लूटा। हालांकि सीसीटीवी कैमरों की डीवीआर समझकर एक स्क्रीन ले गए, जिसे रास्ते में तोड़कर फेंक दिया था।

कार की नंबर प्लेट बदलकर वारदात को अंजाम दिया

डीसीपी ने बताया कि सुमित ने एक पुरानी कार खरीदी थी। इसी कार के जरिए सुमित ने 22 जनवरी को नौ हजार का पेट्रोल पंप से पेट्रोल भरवाया था और बिना भुगतान किए भाग निकला था। उस समय कार पर असली नंबर प्लेट लगी थी। इस घटना की रिपोर्ट पंप प्रबंधन ने दर्ज नहीं करवाई। गुरुवार की रात वारदात को अंजाम देने से पहले कार की नंबर प्लेट बदलकर फर्जी प्लेट लगाई। जांच के दौरान यह तथ्य सामने आने के बाद पुलिस ने पुरानी फुटेज देखी उससे दोनों दिन गाड़ी एक ही होने और नंबर प्लेट अलग होने का पता चलने के बाद कार के पूर्व मालिक से संपर्क किया। उसने बताया कि वह कार दिसंबर में सुमित को बेच चुके हैं। जिसके बाद पुलिस ने सुमित को गिरफ्तार किया।

मैनेजर लेता था दो से तीन हजार रुपये

पूछताछ में आरोपी सुमित ने बताया कि पंप का मैनेजर ने उससे कहा कि वेतन चाहिए तो 23 हजार रुपये सिक्योरिटी मनी जमा करवानी होगी। बिना सिक्योरिटी मनी जमा किए वेतन नहीं मिलेगा। आरोप है कि मैनेजर सभी पंप कर्मियों से रोजाना दो से तीन हजार की वसूली करता था। सुमित ने बताया कि कर्मचारी भी इसके लिए पेट्रोल में घटतौली करते थे। पुलिस का कहना है कि सुमित के बयानों के आधार पर भी जांच की जा रही है।

रूट से पकड़ में आई कार

पुलिस को दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और एनएच-नौ की फुटेज में सुमित की कार घटना से पहले और घटना के बाद दिखी थी। उसके आधार पर पुलिस को घटना का खुलासा करने में मदद मिली। पुलिस का कहना है कि दोनों फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है। उन्हें जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

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